< 1 इतिहास 4 >

1 यहूदा के पुत्र: पेरेस, हेस्रोन, कर्मी, हूर और शोबाल।
यहूदाह के पुत्र: पेरेज़, हेज़रोन, कारमी, हूर और शोबल.
2 और शोबाल के पुत्र: रायाह से यहत और यहत से अहूमै और लहद उत्पन्न हुए, ये सोराई कुल हैं।
शोबल का पुत्र रेआइयाह याहाथ का पिता था, याहाथ अहूमाई और लाहाद का. ये सोराहियों के मूल पुरुष थे.
3 एताम के पिता के ये पुत्र हुए अर्थात् यिज्रेल, यिश्मा और यिद्वाश, जिनकी बहन का नाम हस्सलेलपोनी था;
एथाम के पुत्र ये थे: येज़्रील, इशमा और इदबाश. इनकी बहन का नाम था हासलेलपोनी.
4 और गदोर का पिता पनूएल, और हूशाह का पिता एजेर। ये एप्राता के जेठे हूर के सन्तान थे, जो बैतलहम का पिता हुआ।
पेनुएल गेदोर का पिता हुआ और एज़र हुशाह का. बेथलेहेम के पिता, एफ़राथा के पहलौठे हूर के पुत्र ये थे
5 और तकोआ के पिता अशहूर के हेला और नारा नामक दो स्त्रियाँ थीं।
अशहूर, तकोआ के पिता की दो पत्नियां थी, हेलाह और नाराह.
6 नारा से अहुज्जाम, हेपेर, तेमनी और हाहशतारी उत्पन्न हुए, नारा के ये ही पुत्र हुए।
नाराह ने उसके लिए अहुज्ज़ाम, हेफेर, तेमेनी और हाअहाष्तारी को जन्म दिया. ये सभी नाराह के पुत्र थे.
7 और हेला के पुत्र, सेरेत, यिसहर और एत्ना।
हेलाह के पुत्र: ज़ेरेथ, ज़ोहार, एथनन.
8 कोस से आनूब और सोबेबा उत्पन्न हुए और उसके वंश में हारूम के पुत्र अहर्हेल के कुल भी उत्पन्न हुए।
और कोज़ पिता था अनूब तथा ज़ोबेबाह का और अहरहेल के वंश का पिता था हारूम.
9 और याबेस अपने भाइयों से अधिक प्रतिष्ठित हुआ, और उसकी माता ने यह कहकर उसका नाम याबेस रखा, “मैंने इसे पीड़ित होकर उत्पन्न किया।”
याबेज़ अपने भाइयों की अपेक्षा कहीं अधिक प्रतिष्ठित था. उसकी माता ने उसे याबेज़ नाम यह कहकर दिया था, “क्योंकि मैंने उसे दर्द के साथ जन्म दिया है.”
10 १० और याबेस ने इस्राएल के परमेश्वर को यह कहकर पुकारा, “भला होता, कि तू मुझे सचमुच आशीष देता, और मेरा देश बढ़ाता, और तेरा हाथ मेरे साथ रहता, और तू मुझे बुराई से ऐसा बचा रखता कि मैं उससे पीड़ित न होता!” और जो कुछ उसने माँगा, वह परमेश्वर ने उसे दिया।
याबेज़ ने इस्राएल के परमेश्वर की यह दोहाई दी, “आप मुझे आशीष दें और मेरी सीमाओं को बढ़ाएं! इसके अलावा आप मेरे साथ रहते हुए सारी बुराइयों को मुझसे दूर रखें, कि मैं उससे बचा रह सकूं.” परमेश्वर ने उसकी विनती सुन ली.
11 ११ फिर शूहा के भाई कलूब से एशतोन का पिता महीर उत्पन्न हुआ।
शुहाह का भाई केलुब मेहिर का पिता था, जो एश्तोन का पिता था.
12 १२ एशतोन के वंश में बेतरापा का घराना, और पासेह और ईर्नाहाश का पिता तहिन्ना उत्पन्न हुए, रेका के लोग ये ही हैं।
एश्तोन पिता था बेथ-राफ़ा और पासेह का. तेहिन्‍नाह ईर-नाहाष का पिता था. ये रेकाहवासी थे.
13 १३ कनज के पुत्र: ओत्नीएल और सरायाह, और ओत्नीएल का पुत्र हतत।
केनज़ के पुत्र थे: ओथनीएल और सेराइयाह. ओथनीएल के पुत्र थे: हाथअथ और मेयोनोथाई.
14 १४ मोनोतै से ओप्रा और सरायाह से योआब जो गेहराशीम का पिता हुआ; वे कारीगर थे।
मेयोनोथाई पिता हुआ ओफ़राह का, और सेराइयाह पिता हुआ योआब का, जो गेहाराशीम का पिता था. ये गेहाराशीम इसलिये कहलाए कि कारीगर थे.
15 १५ और यपुन्ने के पुत्र कालेब के पुत्र: ईरू, एला और नाम; और एला के पुत्र: कनज।
येफुन्‍नेह के पुत्र कालेब के पुत्र: इरु, एलाह, और नाअम. एलाह का पुत्र था: केनज़.
16 १६ यहलेल के पुत्र, जीप, जीपा, तीरया और असरेल।
येहालेलेल के पुत्र: ज़ीफ़, ज़िफाह, तिरिया और आसारेल.
17 १७ और एज्रा के पुत्र: येतेर, मेरेद, एपेर और यालोन, और उसकी स्त्री से मिर्याम, शम्मै और एश्तमो का पिता यिशबह उत्पन्न हुए।
एज़्रा के पुत्र: येथेर, मेरेद, एफ़र और यालोन. मेरेद की एक पत्नी, बिथिया, ने गर्भधारण किया और उसने मिरियम, शम्माई और इशबाह को जन्म दिया, जो एशतमोह का पिता था.
18 १८ उसकी यहूदिन स्त्री से गदोर का पिता येरेद, सोको के पिता हेबेर और जानोह के पिता यकूतीएल उत्पन्न हुए, ये फ़िरौन की बेटी बित्या के पुत्र थे जिसे मेरेद ने ब्याह लिया था।
फरओ की पुत्री बिथिया से जन्मे मेरेद की संतान ये थे. उसकी यहूदियावासी पत्नी ने यारेद को जन्म दिया, जो गेदोर का पिता था, हेबेर को भी, जो सोकोह का पिता था, और येकुथिएल को, जो ज़ानोहा को पिता था.
19 १९ और होदिय्याह की स्त्री जो नहम की बहन थी, उसके पुत्र: कीला का पिता एक गेरेमी और एश्तमो का पिता एक माकाई।
नाहाम की बहन, होदियाह की पत्नी के पुत्र: गारमी के काइलाह और माकाहथि एशतमोह के वंशमूल थे.
20 २० और शिमोन के पुत्र: अम्नोन, रिन्ना, बेन्हानान और तोलोन; और यिशी के पुत्र: जोहेत और बेनजोहेत।
शिमओन के पुत्र: अम्मोन, रिन्‍नाह, बेन-हानन और तीलोन. इशी के पुत्र: ज़ोहेथ और बेन-ज़ोहेथ.
21 २१ यहूदा के पुत्र शेला के पुत्र: लेका का पिता एर, मारेशा का पिता लादा और बेत-अशबे में उस घराने के कुल जिसमें सन के कपड़े का काम होता था;
यहूदाह के पुत्र: शेलाह के पुत्र एर, जो लेकाह का पिता था, लादाह, जो मारेशाह का पिता था, जो बेथ-अशबेआ नगर वंशमूल था जहां सन के कपड़े का काम होता था.
22 २२ और योकीम और कोजेबा के मनुष्य और योआश और साराप जो मोआब में प्रभुता करते थे, और याशूब लेहेम। इनका वृत्तान्त प्राचीन है।
इनके अलावा योकिम और कोज़ेबा नगरवासी और योआश व सारफ़, जो मोआब पर शासन करते रहे, फिर याशुबीलेहेम को लौट गए. (यहां ये वर्णन पुराने हैं.)
23 २३ ये कुम्हार थे, और नताईम और गदेरा में रहते थे जहाँ वे राजा का काम-काज करते हुए उसके पास रहते थे।
ये सभी कुम्हार थे, जो नेताईम और गेदेराह में बस गए थे; वहां रहते हुए, वे राजा की सेवा में लगे रहे.
24 २४ शिमोन के पुत्र: नमूएल, यामीन, यारीब, जेरह और शाऊल;
शिमओन के पुत्र: नमूएल, यामिन, यारिब, ज़ेराह, शाऊल,
25 २५ और शाऊल का पुत्र शल्लूम, शल्लूम का पुत्र मिबसाम और मिबसाम का मिश्मा हुआ।
उसका पुत्र शल्लूम, उसका पुत्र मिबसाम, उसका पुत्र मिशमा.
26 २६ और मिश्मा का पुत्र हम्मूएल, उसका पुत्र जक्कूर, और उसका पुत्र शिमी।
मिशमा के पुत्र: हम्मूएल, उसका पुत्र ज़क्‍कूर, उसका पुत्र शिमेई.
27 २७ शिमी के सोलह बेटे और छः बेटियाँ हुई परन्तु उसके भाइयों के बहुत बेटे न हुए; और उनका सारा कुल यहूदियों के बराबर न बढ़ा।
शिमेई के सोलह पुत्र थे और छः पुत्रियां, मगर उसके भाइयों के अधिक संतान न हुई, न ही उसका वंश बढ़ा, जैसी यहूदाह निवासियों की हुई थी.
28 २८ वे बेर्शेबा, मोलादा, हसर्शूआल,
वे बेअरशेबा, मोलादाह, हाज़र-शूआल,
29 २९ बिल्हा, एसेम, तोलाद,
बिल्हा, एज़ेम, तोलाद,
30 ३० बतूएल, होर्मा, सिकलग,
बेथुएल, होरमाह, ज़िकलाग,
31 ३१ बेत्मर्काबोत, हसर्सूसीम, बेतबिरी और शारैम में बस गए; दाऊद के राज्य के समय तक उनके ये ही नगर रहे।
बेथ-मरकाबोथ, हाज़र-सुसिम, बेथ-बिरी और शअरयिम नगरों में निवास करते थे. जब तक दावीद का शासन रहा, ये इन्हीं के नगर रहे.
32 ३२ और उनके गाँव एताम, ऐन, रिम्मोन, तोकेन और आशान नामक पाँच नगर;
उनके आस-पास के गांवों के नाम थे, एथाम, एइन, रिम्मोन, तोकेन और आशान, पांच गांव.
33 ३३ और बाल तक जितने गाँव इन नगरों के आस-पास थे, उनके बसने के स्थान ये ही थे, और यह उनकी वंशावली हैं।
ये गांव उन नगरों के आस-पास ही थे. इनका विस्तार बाल नामक नगर तक था. ये इन्हीं के द्वारा बसाए गए नगर थे. ये अपनी वंशावली का लेखा भी रखते थे:
34 ३४ फिर मशोबाब और यम्लेक और अमस्याह का पुत्र योशा,
मेशोबाब, यामलेख, योशाह, जो अमाज़्याह का पुत्र था.
35 ३५ और योएल और योशिब्याह का पुत्र येहू, जो सरायाह का पोता, और असीएल का परपोता था,
योएल; येहू, जो योशिबियाह का पुत्र था, जो सेराइयाह का पुत्र था, जो आसिएल का पुत्र था;
36 ३६ और एल्योएनै और याकोबा, यशोहायाह और असायाह और अदीएल और यसीमीएल और बनायाह,
एलिओएनाइ, याकोबाह, ये येहोशाइयाह; असाइयाह; आदिएल; येसिमिएल; बेनाइयाह;
37 ३७ और शिपी का पुत्र जीजा जो अल्लोन का पुत्र, यह यदायाह का पुत्र, यह शिम्री का पुत्र, यह शमायाह का पुत्र था।
ज़िज़ा, शीफी का पुत्र, जो अल्लोन का पुत्र था, जो येदाइयाह का पुत्र था, जो शिमरी का पुत्र था, जो शेमायाह का पुत्र था.
38 ३८ ये जिनके नाम लिखे हुए हैं, अपने-अपने कुल में प्रधान थे; और उनके पितरों के घराने बहुत बढ़ गए।
ये सभी अपने-अपने गोत्रों के प्रधान थे. इनके पिता का वंश बहुत ही बढ़ता चला गया,
39 ३९ ये अपनी भेड़-बकरियों के लिये चराई ढूँढ़ने को गदोर की घाटी की तराई की पूर्व ओर तक गए।
उन्होंने घाटी की पूर्वी दिशा की ओर, गेदोर के फाटक की ओर बढ़ना शुरू किया, कि उन्हें अपने भेड़-बकरियों के लिए चरागाह मिल जाए.
40 ४० और उनको उत्तम से उत्तम चराई मिली, और देश लम्बा-चौड़ा, चैन और शान्ति का था; क्योंकि वहाँ के पहले रहनेवाले हाम के वंश के थे।
यहां उन्हें उत्तम और उपजाऊ चरागाह मिल गया, भूभाग भी बहुत ही फैला हुआ था. यहां शांति थी, चैन था क्योंकि इसके पहले यहां के निवासी हाम के वंश थे.
41 ४१ और जिनके नाम ऊपर लिखे हैं, उन्होंने यहूदा के राजा हिजकिय्याह के दिनों में वहाँ आकर जो मूनी वहाँ मिले, उनको डेरों समेत मारकर ऐसा सत्यानाश कर डाला कि आज तक उनका पता नहीं है, और वे उनके स्थान में रहने लगे, क्योंकि वहाँ उनकी भेड़-बकरियों के लिये चराई थी।
ये, जिनके नाम यहां लिखे हैं, यहूदिया के राजा हिज़किय्याह के शासनकाल में आए, उन्होंने वहां के मिऊनियों को और उनके शिविरों को नष्ट कर दिया. वे उनके स्थान पर वहां रहने लगे, क्योंकि यहां उनके पशुओं के लिए चरागाह था.
42 ४२ और उनमें से अर्थात् शिमोनियों में से पाँच सौ पुरुष अपने ऊपर पलत्याह, नार्याह, रपायाह और उज्जीएल नामक यिशी के पुत्रों को अपना प्रधान ठहराया;
शिमओन के पुत्रों में से पांच सौ पुरुष वहां से सेईर पर्वत को गए. इशी के पुत्र, पेलातियाह, नेअरियाह, रेफ़ाइयाह और उज्ज़िएल उनके प्रधान थे.
43 ४३ तब वे सेईद पहाड़ को गए, और जो अमालेकी बचकर रह गए थे उनको मारा, और आज के दिन तक वहाँ रहते हैं।
उन्होंने अमालेकियों के भाग को, जो जीवित बचकर यहां आए हुए थे, नष्ट कर दिया, जो अब तक वहां रहते आ रहे थे.

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