< 1 इतिहास 25 >
1 १ फिर दाऊद और सेनापतियों ने आसाप, हेमान और यदूतून के कुछ पुत्रों को सेवकाई के लिये अलग किया कि वे वीणा, सारंगी और झाँझ बजा-बजाकर नबूवत करें। और इस सेवकाई के काम करनेवाले मनुष्यों की गिनती यह थी:
MOREOVER David and the captains of the host separated to the service of the sons of Asaph, and of Heman, and of Jeduthun, who should prophesy with harps, with psalteries, and with cymbals: and the number of the workmen according to their service was:
2 २ अर्थात् आसाप के पुत्रों में से जक्कूर, यूसुफ, नतन्याह और अशरेला, आसाप के ये पुत्र आसाप ही की आज्ञा में थे, जो राजा की आज्ञा के अनुसार नबूवत करता था।
Of the sons of Asaph; Zaccur, and Joseph, and Nethaniah, and Asarelah, the sons of Asaph under the hands of Asaph, which prophesied according to the order of the king.
3 ३ फिर यदूतून के पुत्रों में से गदल्याह, सरी, यशायाह, शिमी, हशब्याह, मत्तित्याह, ये ही छः अपने पिता यदूतून की आज्ञा में होकर जो यहोवा का धन्यवाद और स्तुति कर करके नबूवत करता था, वीणा बजाते थे।
Of Jeduthun: the sons of Jeduthun; Gedaliah, and Zeri, and Jeshaiah, Hashabiah, and Mattithiah, six, under the hands of their father Jeduthun, who prophesied with a harp, to give thanks and to praise the Lord.
4 ४ हेमान के पुत्रों में से, बुक्किय्याह, मत्तन्याह, उज्जीएल, शबूएल, यरीमोत, हनन्याह, हनानी, एलीआता, गिद्दलती, रोममतीएजेर, योशबकाशा, मल्लोती, होतीर और महजीओत;
Of Heman: the sons of Heman; Bukkiah, Mattaniah, Uzziel, Shebuel, and Jerimoth, Hananiah, Hanani, Eliathah, Giddalti, and Romamti-ezer, Joshbekashah, Mallothi, Hothir, and Mahazioth:
5 ५ परमेश्वर की प्रतिज्ञानुकूल जो उसका नाम बढ़ाने की थी, ये सब हेमान के पुत्र थे जो राजा का दर्शी था; क्योंकि परमेश्वर ने हेमान को चौदह बेटे और तीन बेटियाँ दीं थीं।
All these were the sons of Heman the king’s seer in the words of God, to lift up the horn. And God gave to Heman fourteen sons and three daughters.
6 ६ ये सब यहोवा के भवन में गाने के लिये अपने-अपने पिता के अधीन रहकर, परमेश्वर के भवन, की सेवकाई में झाँझ, सारंगी और वीणा बजाते थे। आसाप, यदूतून और हेमान राजा के अधीन रहते थे।
All these were under the hands of their father for song in the house of the Lord, with cymbals, psalteries, and harps, for the service of the house of God, according to the king’s order to Asaph, Jeduthun, and Heman.
7 ७ इन सभी की गिनती भाइयों समेत जो यहोवा के गीत सीखे हुए और सब प्रकार से निपुण थे, दो सौ अट्ठासी थी।
So the number of them, with their brethren that were instructed in the songs of the Lord, even all that were cunning, was two hundred fourscore and eight.
8 ८ उन्होंने क्या बड़ा, क्या छोटा, क्या गुरु, क्या चेला, अपनी-अपनी बारी के लिये चिट्ठी डाली।
And they cast lots, ward against ward, as well the small as the great, the teacher as the scholar.
9 ९ पहली चिट्ठी आसाप के बेटों में से यूसुफ के नाम पर निकली, दूसरी गदल्याह के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
Now the first lot came forth for Asaph to Joseph: the second to Gedaliah, who with his brethren and sons were twelve:
10 १० तीसरी जक्कूर के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The third to Zaccur, he, his sons, and his brethren, were twelve:
11 ११ चौथी यिस्री के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The fourth to Izri, he, his sons, and his brethren, were twelve:
12 १२ पाँचवीं नतन्याह के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The fifth to Nethaniah, he, his sons, and his brethren, were twelve:
13 १३ छठीं बुक्किय्याह के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The sixth to Bukkiah, he, his sons, and his brethren, were twelve:
14 १४ सातवीं यसरेला के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The seventh to Jesharelah, he, his sons, and his brethren, were twelve:
15 १५ आठवीं यशायाह के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The eighth to Jeshaiah, he, his sons, and his brethren, were twelve:
16 १६ नौवीं मत्तन्याह के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई समेत बारह थे।
The ninth to Mattaniah, he, his sons, and his brethren, were twelve:
17 १७ दसवीं शिमी के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The tenth to Shimei, he, his sons, and his brethren, were twelve:
18 १८ ग्यारहवीं अजरेल के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The eleventh to Azareel, he, his sons, and his brethren, were twelve:
19 १९ बारहवीं हशब्याह के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The twelfth to Hashabiah, he, his sons, and his brethren, were twelve:
20 २० तेरहवीं शूबाएल के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The thirteenth to Shubael, he, his sons, and his brethren, were twelve:
21 २१ चौदहवीं मत्तित्याह के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The fourteenth to Mattithiah, he, his sons, and his brethren, were twelve:
22 २२ पन्द्रहवीं यरेमोत के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The fifteenth to Jeremoth, he, his sons, and his brethren, were twelve:
23 २३ सोलहवीं हनन्याह के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The sixteenth to Hananiah, he, his sons, and his brethren, were twelve:
24 २४ सत्रहवीं योशबकाशा के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The seventeenth to Joshbekashah, he, his sons, and his brethren, were twelve:
25 २५ अठारहवीं हनानी के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The eighteenth to Hanani, he, his sons, and his brethren, were twelve:
26 २६ उन्नीसवीं मल्लोती के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The nineteenth to Mallothi, he, his sons, and his brethren, were twelve:
27 २७ बीसवीं एलियातह के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The twentieth to Eliathah, he, his sons, and his brethren, were twelve:
28 २८ इक्कीसवीं होतीर के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The one and twentieth to Hothir, he, his sons, and his brethren, were twelve:
29 २९ बाईसवीं गिद्दलती के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The two and twentieth to Giddalti, he, his sons, and his brethren, were twelve:
30 ३० तेईसवीं महजीओत; के नाम पर निकली जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The three and twentieth to Mahazioth, he, his sons, and his brethren, were twelve:
31 ३१ चौबीसवीं चिट्ठी रोममतीएजेर के नाम पर निकली, जिसके पुत्र और भाई उस समेत बारह थे।
The four and twentieth to Romamti-ezer, he, his sons, and his brethren, were twelve.