< सपन्याह 1 >

1 याहवेह का यह वचन यहूदिया के राजा अमोन के पुत्र योशियाह के शासनकाल में कूशी के पुत्र ज़ेफनियाह के पास आया; जेफ़नयाह कूशी का, कूशी गेदालियाह का, गेदालियाह अमरियाह का तथा अमरियाह हिज़किय्याह का पुत्र था:
La parole de l'Éternel qui fut adressée à Sophonie, fils de Cusi, fils de Gédalia, fils d'Amaria, fils d'Ézéchias, au temps de Josias, fils d'Amon, roi de Juda.
2 “मैं पृथ्वी से सारी चीज़ों को मिटा दूंगा,” याहवेह की यह घोषणा है.
Je vais tout enlever de la surface de la terre, dit l'Éternel,
3 “मैं मनुष्य तथा पशु दोनों को नष्ट कर दूंगा; मैं आकाश के पक्षियों और समुद्र की मछलियों को नष्ट कर दूंगा; और मूर्तियों को नष्ट कर दूंगा, जो दुष्ट जन के गिरने का कारण बनती हैं.” “जब मैं पृथ्वी से सब मनुष्यों को मिटा दूंगा,” याहवेह की यह घोषणा है,
enlever hommes et bêtes, enlever les oiseaux des Cieux et les poissons de la mer, et les scandales avec les impies, et j'exterminerai les hommes de la surface du sol, dit l'Éternel.
4 “मैं यहूदिया के विरुद्ध और येरूशलेम के सब निवासियों के विरुद्ध अपना हाथ बढ़ाऊंगा. मैं इस स्थान से बाल देवता की उपासना करनेवाले हर बचे हुए को, और मूर्ति पूजा करनेवाले पुरोहितों के नाम तक को मिटा दूंगा.
Et j'étendrai ma main sur Juda, et sur tous les habitants de Jérusalem, et j'exterminerai de ce lieu les restes de Baal, le nom des prêtres avec les sacrificateurs,
5 मैं उन्हें भी मिटा दूंगा, जो अपनी छतों पर झुककर आकाश के तारों की उपासना करते हैं, जो झुककर याहवेह की कसम खाते हैं और जो देवता मलकाम की भी कसम खाते हैं,
et ceux qui adorent sur les toits l'armée des Cieux, et ceux qui adorent l'Éternel, lui prêtent serment et jurent par leur roi,
6 उन्हें भी, जो याहवेह के पीछे चलना छोड़ दिये हैं और न तो याहवेह की खोज करते हैं और न ही उसकी इच्छा जानने की कोशिश करते हैं.”
et ceux qui ont déserté l'Éternel et qui ne cherchent point l'Éternel, et ne se soucient pas de lui.
7 परम याहवेह के सामने चुप रहो, क्योंकि याहवेह का दिन निकट है. याहवेह ने एक बलिदान तैयार किया है; उन्होंने उनको पवित्र कार्य के लिये अलग रखा है, जिन्हें उन्होंने आमंत्रित किया है.
Silence devant le Seigneur, l'Éternel! car la journée de l'Éternel est proche; car l'Éternel a préparé un sacrifice, Il a sanctifié ses conviés.
8 “याहवेह के ठहराए बलिदान चढ़ाने के दिन मैं कर्मचारियों और राजकुमारों को और उन सभी को दंड दूंगा, जो विदेशी कपड़े पहनते हैं.
Et il arrivera au jour du sacrifice de l'Éternel que je châtierai les princes et les fils du roi et tous ceux qui revêtent les vêtements de l'étranger;
9 उस दिन मैं उन सभी को दंड दूंगा जो मंदिर के फाटक पर पैर रखने से बचते हैं, जो अपने देवताओं के मंदिर को हिंसा और छल से भर देते हैं.
et je châtierai tous ceux qui franchissent le seuil, en cette journée-là, et remplissent les maisons de leurs maîtres de rapine et de fraude.
10 “उस दिन” याहवेह घोषणा करते हैं, “मछली-द्वार से रोने की आवाज, नगर के नए बसे स्थान से विलाप का स्वर, और पहाड़ियों से बड़े धमाके की आवाज सुनाई देगी.
En cette journée-là, dit l'Éternel, des cris retentiront de la porte des poissons, et des gémissements de la ville basse et un grand fracas des collines.
11 तुम जो बाजारवाले जिला में रहते हो, विलाप करो; क्योंकि तुम्हारे सारे व्यापारियों को, और चांदी का सब व्यवसाय करनेवालों को नष्ट कर दिया जाएगा.
Gémissez, habitants du mortier! Car c'en est fait de tout le peuple des Cananéens, et tous les hommes chargés d'argent seront exterminés.
12 उस समय मैं दीपक लेकर येरूशलेम में खोजूंगा और उन्हें दंड दूंगा, जो आत्म-संतुष्ट हैं, जो तलछट में छोड़े गये दाखरस के मैल के समान हैं, जो यह सोचते हैं, ‘याहवेह कुछ भी नहीं करेंगे, न भला करेंगे और न ही बुरा.’
Et dans ce temps-là je fouillerai Jérusalem aux lanternes et châtierai tous ces hommes assis sur leurs lies, qui disent en leur cœur: « L'Éternel ne fait point de bien et point de mal. »
13 उनका धन लूट लिया जाएगा, और उनके घर ढह जाएंगे. यद्यपि वे घर बनाते हैं, किंतु वे उनमें नहीं रह सकेंगे; यद्यपि वे अंगूर की बारी तो लगाएंगे, किंतु वे उससे बना दाखमधु नहीं पी सकेंगे.”
Et leur opulence sera une proie, et leurs maisons une ruine; et ils ont bâti des maisons, mais ils ne les habiteront pas, et planté des vignes, mais ils n'en boiront pas le vin.
14 याहवेह का भयानक दिन निकट है— यह निकट है और जल्दी आ रहा है. याहवेह के दिन का रोना भयानक है; बड़ा योद्धा भी दुःख के कारण फूट-फूटकर क्रंदन करता है.
La journée de l'Éternel, la grande journée est proche, elle est proche, et s'avance rapidement; on entend la journée de l'Éternel; alors le héros poussera des cris amers.
15 वह कोप का दिन होगा, संकट और पीड़ा का दिन, परेशानी और विनाश का दिन, अंधकार और गम का दिन, घनघोर घटा और अंधकार का दिन,
Ce jour-là est un jour de colère, un jour de détresse et d'angoisse, un jour de dévastation et de désolation, un jour de ténèbres et d'obscurité, un jour nuageux et sombre,
16 गढ़वाले शहरों के विरुद्ध और कोनेवाले प्रहरी-मीनारों के विरुद्ध वह तुरही फूंकने और युद्ध के ललकार का दिन होगा.
un jour de bruit de trompettes et de cris de guerre contre les villes fortes et les tours élevées.
17 “मैं संपूर्ण मानव जाति पर ऐसी विपत्ति लाऊंगा, कि वे ऐसे टटोलेंगे, जैसे अंधे व्यक्ति टटोलते हैं, क्योंकि उन्होंने याहवेह के विरुद्ध पाप किया है. उनका खून धूल के समान और उनकी अंतड़ी गोबर के समान फेंक दी जाएगी.
Et je mettrai les hommes à la gêne, et ils iront comme des aveugles, car ils péchèrent contre l'Éternel, et leur sang sera répandu comme de la poussière, et leur chair comme de l'ordure.
18 याहवेह के कोप के दिन, न तो उनकी चांदी और न ही उनका सोना उनको बचा पाएगा.” उसके जलन की आग में सारी पृथ्वी भस्म हो जाएगी, क्योंकि वह उन सबका अचानक अंत कर देगा जो पृथ्वी पर रहते हैं.
Ni leur argent, ni leur or ne pourra les sauver au jour de la colère de l'Éternel, et par le feu de son courroux tout le pays sera consumé; car c'est d'une ruine, oui, d'une ruine soudaine, qu'il frappera tous les habitants du pays.

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