< सपन्याह 2 >

1 हे निर्लज्ज जाति के लोगों, इकट्‍ठे हो, अपने आपको इकट्ठा करो,
Rentrez en vous-mêmes, examinez-vous, Nation sans pudeur,
2 इसके पहले कि परमेश्वर की आज्ञा प्रभावी हो और हवा के द्वारा उड़ाए जानेवाली भूसी के समान वह दिन निकल जाए, इसके पहले कि याहवेह का भयंकर क्रोध तुम पर भड़के, इसके पहले कि याहवेह के कोप का दिन तुम पर आ जाए.
Avant que le décret s’exécute Et que ce jour passe comme la balle, Avant que la colère ardente de l’Éternel fonde sur vous, Avant que le jour de la colère de l’Éternel fonde sur vous!
3 तुम सब, जो इस देश के नम्र लोग हो, जो याहवेह की आज्ञा को मानते हो, याहवेह के खोज में रहो. धर्मीपन के खोज में रहो, नम्र बनो; शायद तुम्हें याहवेह के क्रोध के दिन में शरण मिल जाए.
Cherchez l’Éternel, vous tous, humbles du pays, Qui pratiquez ses ordonnances! Recherchez la justice, recherchez l’humilité! Peut-être serez-vous épargnés au jour de la colère de l’Éternel.
4 अज्जाह को पूरी तरह त्याग दिया जाएगा और अश्कलोन तबाह हो जाएगा. दिन-दोपहरी को अशदोदवासी निकाल दिये जाएंगे और एक्रोन नगर को मिटा दिया जाएगा.
Car Gaza sera délaissée, Askalon sera réduite en désert, Asdod sera chassée en plein midi, Ékron sera déracinée.
5 हे समुद्रतट पर रहनेवालो, तुम पर हाय, हे केरेथियों द्वीप के लोगों, तुम पर हाय; हे फिलिस्तीनियों के देश, कनान, याहवेह का वचन तुम्हारे विरुद्ध है. वह कहता है, “मैं तुम्हें नाश कर दूंगा, कोई भी न बचेगा.”
Malheur aux habitants des côtes de la mer, à la nation des Kéréthiens! L’Éternel a parlé contre toi, Canaan, pays des Philistins! Je te détruirai, tu n’auras plus d’habitants.
6 समुद्र के किनारे की भूमि चरागाह होगी, जहां चरवाहों के लिए कुएं और पशुओं के लिये बाड़े होंगे.
Les côtes de la mer seront des pâturages, des demeures pour les bergers, Et des parcs pour les troupeaux.
7 वह देश यहूदाह के बचे लोगों का देश होगा; वहां उन्हें आहार मिलेगा. संध्या के समय, वे लोग अश्कलोन के घरों में आराम के लिये लेटेंगे. क्योंकि याहवेह उनका परमेश्वर उनकी सुधि लेंगे; वे उनकी समृद्धि को लौटा लाएंगे.
Ces côtes seront pour les restes de la maison de Juda; C’est là qu’ils paîtront; Ils reposeront le soir dans les maisons d’Askalon; Car l’Éternel, leur Dieu, ne les oubliera pas, Et il ramènera leurs captifs.
8 “मैंने मोआब के द्वारा कही गई अपमान की बातों और अम्मोनियों के द्वारा कही गई निंदा की बातों को सुना है, वे मेरे लोगों की बेइज्जती करते और उनके देश को छीन लेने की धमकी देते हैं.
J’ai entendu les injures de Moab Et les outrages des enfants d’Ammon, Quand ils insultaient mon peuple Et s’élevaient avec arrogance contre ses frontières.
9 इसलिये, मेरे जीवन की शपथ,” सर्वशक्तिमान याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की घोषणा है, “यह निश्चित है कि मोआब सोदोम के समान और अम्मोनी अमोराह के समान हो जाएंगे— ये घास-पात और नमक के गड्ढों की जगह हो जाएंगे, और हमेशा के लिये उजड़ जाएंगे. मेरे लोगों में से बचे हुए लोग उन्हें लूट लेंगे; और मेरी जाति के जीवित बचे लोग उनके देश पर अधिकार कर लेंगे.”
C’est pourquoi, je suis vivant! Dit l’Éternel des armées, le Dieu d’Israël, Moab sera comme Sodome, et les enfants d’Ammon comme Gomorrhe, Un lieu couvert de ronces, une mine de sel, un désert pour toujours; Le reste de mon peuple les pillera, Le reste de ma nation les possédera.
10 उनका घमंड करने और सर्वशक्तिमान याहवेह के लोगों का अपमान करने और हंसी उड़ाने का उनको यह प्रतिफल मिलेगा.
Cela leur arrivera pour leur orgueil, Parce qu’ils ont insulté et traité avec arrogance Le peuple de l’Éternel des armées.
11 याहवेह का भय उनमें समाएगा, जब वह पृथ्वी के सब देवताओं को नाश कर देंगे. दूर-दूर के जाति-जाति के सब लोग अपने-अपने देश में याहवेह को झुककर दंडवत करेंगे.
L’Éternel sera terrible contre eux, Car il anéantira tous les dieux de la terre; Et chacun se prosternera devant lui dans son pays, Dans toutes les îles des nations.
12 “हे कूश देश निवासियो, तुम भी मेरी तलवार से मारे जाओगे.”
Vous aussi, Éthiopiens, Vous serez frappés par mon épée.
13 याहवेह उत्तर दिशा के विरुद्ध अपना हाथ बढ़ाएंगे और अश्शूर को नाश कर देंगे, और नीनवेह को पूरी तरह उजाड़ और मरुभूमि की तरह सूखा छोड़ देंगे.
Il étendra sa main sur le septentrion, Il détruira l’Assyrie, Et il fera de Ninive une solitude, Une terre aride comme le désert.
14 पशु और पक्षी के झुंड और सब प्रकार के जीव-जन्तु वहां आराम करेंगे. उसके खंभों पर मरुस्थल उल्लू और चीखनेवाला उल्लू बसेरा करेंगे. खिड़कियों में से उन उल्लुओं की आवाज सुनाई देगी, पत्थर के टुकड़ों से रास्ता भर जाएगा, देवदार लकड़ी के बल्लों को खुला छोड़ दिया जाएगा.
Des troupeaux se coucheront au milieu d’elle, Des animaux de toute espèce; Le pélican et le hérisson Habiteront parmi les chapiteaux de ses colonnes; Des cris retentiront aux fenêtres; La dévastation sera sur le seuil, Car les lambris de cèdre seront arrachés.
15 यह उस चहल-पहल वाले शहर की स्थिति है जो कभी सुरक्षित हुआ करती थी. वह अपने आपसे कहती थी, “मैं ही हूं! और मुझे छोड़ कोई दूसरा नहीं है.” वह खंडहर मात्र रह गई है, वन-पशुओं का एक मांद! जो कोई इसके पास से गुज़रता है, वह इसकी खिल्ली उड़ाता और अपना मुक्का तानता है.
Voilà donc cette ville joyeuse, Qui s’assied avec assurance, Et qui dit en son cœur: Moi, et rien que moi! Eh quoi! Elle est en ruines, C’est un repaire pour les bêtes! Tous ceux qui passeront près d’elle Siffleront et agiteront la main.

< सपन्याह 2 >