< तीतुस 3 >
1 उन्हें याद दिलाओ कि वे हाकिमों तथा अधिकारियों के अधीन रहें, आज्ञाकारी रहें तथा हर एक भले काम के लिए तैयार रहें,
Amonéstales que se sujeten a los principados y potestades, que obedezcan, que estén aparejados a toda buena obra:
2 किसी की बुराई न करें, झगड़ालू नहीं, कोमल स्वभाव के हों तथा सबके साथ विनम्र रहें.
Que no digan mal de nadie, que no sean pendencieros, mas modestos, mostrando toda mansedumbre para con todos los hombres.
3 कभी हम भी निर्बुद्धि, आज्ञा न माननेवाले, गलत, भिन्न-भिन्न प्रकार के सुख-विलास के दास थे; बैरभाव, जलन और घृणा के पात्र के रूप में एक दूसरे के प्रति घृणा में जी रहे थे.
Porque también éramos nosotros insensatos en otro tiempo, rebeldes, errados, sirviendo a concupiscencias y deleites diversos, viviendo en malicia y en envidia, aborrecibles, aborreciendo los unos a los otros:
4 किंतु जब परमेश्वर, हमारे उद्धारकर्ता की कृपा तथा मानव जाति के प्रति उनका प्रेम प्रकट हुआ,
Mas cuando se manifestó la bondad del Salvador nuestro Dios, y su amor para con los hombres,
5 तो उन्होंने हमें उद्धार प्रदान किया—उन कामों के आधार पर नहीं जो हमने धार्मिकता में किए हैं परंतु अपनी ही कृपा के अनुसार नए जन्म के स्नान तथा पवित्र आत्मा के नवीकरण की निष्पत्ति में
No por las obras de justicia que nosotros habíamos hecho, mas por su misericordia, nos salvó por el lavamiento de la regeneración, y de la renovación del Espíritu Santo;
6 उसी पवित्र आत्मा की पूर्ति में, जो उन्होंने हमारे उद्धारकर्ता मसीह येशु द्वारा बहुतायत में हम पर उंडेल दिया
El cual derramó en nosotros ricamente por Jesu Cristo Salvador nuestro:
7 कि उनके अनुग्रह के द्वारा हम धर्मी घोषित किए जाकर अनंत जीवन की आशा के अनुसार वारिस बन जाएं. (aiōnios )
Para que justificados por su gracia, seamos hechos herederos según la esperanza de la vida eterna. (aiōnios )
8 ये बात विश्वास करने योग्य हैं. और मैं चाहता हूं कि तुम इन विषयों को निडरता से सिखाओ कि जिन्होंने परमेश्वर में विश्वास किया है, उनके मन उन कामों पर केंद्रित हो जाएं, जो सबके लिए आदर्श और लाभदायक हैं.
Palabra fiel, y estas cosas quiero que afirmes constantemente: que los que creen a Dios, procuren sobresalir en buenas obras. Esto es lo bueno y lo útil para los hombres.
9 मूर्खता भरे विवादों, वंशावली संबंधी झगड़े, व्यवस्था संबंधी वाद-विवाद से दूर रहो क्योंकि ये निष्फल और व्यर्थ हैं.
Mas evita las cuestiones insensatas, y las genealogías, y las contenciones, y disputas sobre la ley; porque son sin provecho y vanas.
10 झगड़ा करनेवाले व्यक्ति को पहली और दूसरी बार चेतावनी देने के बाद उससे किसी भी प्रकार का संबंध न रखो,
Al hombre hereje, después de una y otra amonestación, deséchale:
11 यह जानते हुए कि ऐसा व्यक्ति भटक गया और पाप में लीन हो गया है. वह अपने ऊपर स्वयं दंड-आज्ञा ठहरा रहा है.
Estando cierto que el tal es trastornado, y peca, siendo condenado de su propio juicio.
12 जब मैं आर्तेमास या तुख़िकस को तुम्हारे पास भेजूं तो जल्द से जल्द मुझसे निकोपोलिस नगर में भेंट करने का प्रयास करना. मैंने जाड़ा वहां बिताने का निर्णय लिया है.
Cuando enviare a ti a Artemas, o a Tíquico, dáte priesa en venir a mí a Nicópolis; porque allí he determinado de invernar.
13 अपोल्लॉस और विधि-विशेषज्ञ ज़ेनॉस की यात्रा में हर प्रकार से सहायता करना कि उन्हें किसी प्रकार की कमी न हो.
A Zénas doctor de la ley, y a Apolo envía delante, procurando que nada les falte.
14 साथी विश्वासी अच्छे कामों में जुट जाना सीखें कि रोज़ की ज़रूरतें पूरी हों और वे निष्फल न हो जाएं.
Aprendan asimismo los nuestros a sobresalir en buenas obras para los usos necesarios, porque no sean inútiles.
15 उनकी ओर से, जो मेरे साथ हैं नमस्कार. तथा जो विश्वास के कारण हमसे प्रेम करते हैं, उनको नमस्कार. तुम सब पर अनुग्रह बना रहे.
Todos los que están conmigo te saludan. Saluda a los que nos aman en la fe. La gracia sea con todos vosotros. Amén. A Tito, el cual fue el primer obispo ordenado para la iglesia de los Cretenses, escrita de Nicópolis de Macedonia.