< तीतुस 3 >

1 उन्हें याद दिलाओ कि वे हाकिमों तथा अधिकारियों के अधीन रहें, आज्ञाकारी रहें तथा हर एक भले काम के लिए तैयार रहें,
Admone illos principibus, et potestatibus subditos esse, dicto obedire, ad omne opus bonum paratos esse:
2 किसी की बुराई न करें, झगड़ालू नहीं, कोमल स्वभाव के हों तथा सबके साथ विनम्र रहें.
neminem blasphemare, non litigiosos esse, sed modestos, omnem ostendentes mansuetudinem ad omnes homines.
3 कभी हम भी निर्बुद्धि, आज्ञा न माननेवाले, गलत, भिन्‍न-भिन्‍न प्रकार के सुख-विलास के दास थे; बैरभाव, जलन और घृणा के पात्र के रूप में एक दूसरे के प्रति घृणा में जी रहे थे.
Eramus enim aliquando et nos insipientes, increduli, errantes, servientes desideriis, et voluptatibus variis, in malitia et invidia agentes, odibiles, odientes invicem.
4 किंतु जब परमेश्वर, हमारे उद्धारकर्ता की कृपा तथा मानव जाति के प्रति उनका प्रेम प्रकट हुआ,
Cum autem benignitas, et humanitas apparuit Salvatoris nostri Dei:
5 तो उन्होंने हमें उद्धार प्रदान किया—उन कामों के आधार पर नहीं जो हमने धार्मिकता में किए हैं परंतु अपनी ही कृपा के अनुसार नए जन्म के स्‍नान तथा पवित्र आत्मा के नवीकरण की निष्पत्ति में
non ex operibus iustitiæ, quæ fecimus nos, sed secundum suam misericordiam salvos nos fecit per lavacrum regenerationis, et renovationis Spiritus sancti,
6 उसी पवित्र आत्मा की पूर्ति में, जो उन्होंने हमारे उद्धारकर्ता मसीह येशु द्वारा बहुतायत में हम पर उंडेल दिया
quem effudit in nos abunde per Iesum Christum Salvatorem nostrum:
7 कि उनके अनुग्रह के द्वारा हम धर्मी घोषित किए जाकर अनंत जीवन की आशा के अनुसार वारिस बन जाएं. (aiōnios g166)
ut iustificati gratia ipsius, heredes simus secundum spem vitæ æternæ. (aiōnios g166)
8 ये बात विश्वास करने योग्य हैं. और मैं चाहता हूं कि तुम इन विषयों को निडरता से सिखाओ कि जिन्होंने परमेश्वर में विश्वास किया है, उनके मन उन कामों पर केंद्रित हो जाएं, जो सबके लिए आदर्श और लाभदायक हैं.
Fidelis sermo est: et de his volo te confirmare: ut curent bonis operibus præesse qui credunt Deo. Hæc sunt bona, et utilia hominibus.
9 मूर्खता भरे विवादों, वंशावली संबंधी झगड़े, व्यवस्था संबंधी वाद-विवाद से दूर रहो क्योंकि ये निष्फल और व्यर्थ हैं.
Stultas autem quæstiones, et genealogias, et contentiones, et pugnas legis devita. sunt enim inutiles, et vanæ.
10 झगड़ा करनेवाले व्यक्ति को पहली और दूसरी बार चेतावनी देने के बाद उससे किसी भी प्रकार का संबंध न रखो,
Hæreticum hominem post unam, et secundam correptionem devita:
11 यह जानते हुए कि ऐसा व्यक्ति भटक गया और पाप में लीन हो गया है. वह अपने ऊपर स्वयं दंड-आज्ञा ठहरा रहा है.
sciens quia subversus est, qui eiusmodi est, et delinquit, cum sit proprio iudicio condemnatus.
12 जब मैं आर्तेमास या तुख़िकस को तुम्हारे पास भेजूं तो जल्द से जल्द मुझसे निकोपोलिस नगर में भेंट करने का प्रयास करना. मैंने जाड़ा वहां बिताने का निर्णय लिया है.
Cum misero ad te Artemam, aut Tychicum, festina ad me venire Nicopolim: ibi enim statui hiemare.
13 अपोल्लॉस और विधि-विशेषज्ञ ज़ेनॉस की यात्रा में हर प्रकार से सहायता करना कि उन्हें किसी प्रकार की कमी न हो.
Zenam legisperitum, et Apollo solicite præmitte, ut nihil illis desit.
14 साथी विश्वासी अच्छे कामों में जुट जाना सीखें कि रोज़ की ज़रूरतें पूरी हों और वे निष्फल न हो जाएं.
Discant autem et nostri bonis operibus præesse ad usus necessarios: ut non sint infructuosi.
15 उनकी ओर से, जो मेरे साथ हैं नमस्कार. तथा जो विश्वास के कारण हमसे प्रेम करते हैं, उनको नमस्कार. तुम सब पर अनुग्रह बना रहे.
Salutant te qui mecum sunt omnes: saluta eos, qui nos amant in fide. Gratia Dei cum omnibus vobis. Amen.

< तीतुस 3 >