< रोमियों 2 >
1 उपरोक्त के प्रकाश में तुममें से प्रत्येक आरोपी के पास अपने बचाव के लिए कोई भी तर्क बाकी नहीं रह जाता क्योंकि जिस विषय को लेकर तुम उस अन्य को दोषी घोषित कर रहे हो, उस विषय में तुम स्वयं पर दंड की आज्ञा प्रसारित कर रहे हो क्योंकि जिस विषय के लिए तुम उसे दोषी घोषित कर रहे हो, तुम स्वयं वही करते हो.
Отже, людино, яка засуджуєш інших, ти не маєш виправдання, бо, судячи іншого, ти засуджуєш саму себе, адже робиш саме те, що засуджуєш.
2 हमें यह मालूम है कि परमेश्वर अवश्य ही उन्हें दंड देंगे, जो इन बुरे कामों का पालन करते हैं
А ми знаємо, що Бог справедливо судить тих, хто так робить.
3 और जबकि तुम स्वयं इनका पालन करते हो, उन पर उंगली उठा रहे हो, जो इनका पालन करते हैं! क्या तुम यह सोचते हो कि तुम परमेश्वर के दंड से बच जाओगे?
Людино, невже ти вважаєш, що, засуджуючи інших за вчинки, які ти сама робиш, уникнеш Божого суду?
4 या इस सच्चाई को पहचाने बिना कि परमेश्वर की कृपा ही तुम्हें पश्चाताप करना सिखाती है, तुमने परमेश्वर के अनुग्रह, धीरज और सहनशीलता रूपी धन को तुच्छ समझा है?
Чи, може, ти зневажаєш багатство Його доброти, поблажливості та довготерпіння й не усвідомлюєш, що доброта Бога веде тебе до покаяння?
5 तुम अपने हठीले मनवाले तथा पश्चाताप विरोधी हृदय के कारण अपने ही लिए उस क्रोध के दिन पर परमेश्वर के सच्चे न्याय के प्रकाशन के अवसर के लिए क्रोध जमा कर रहे हो.
Власною впертістю й нерозкаяним серцем ти накликаєш на себе гнів на день гніву й виявлення справедливого Божого суду.
6 परमेश्वर ही प्रत्येक को उसके कामों के अनुसार प्रतिफल देंगे:
«Він відплатить кожному за його вчинками»:
7 जिन्होंने महिमा, गौरव और अमरता को पाने के लिए अच्छे काम करते हुए बिना थके मेहनत की है, उन्हें अनंत जीवन (aiōnios )
тим, хто з наполегливістю в добрих ділах шукає слави, честі й безсмертя, Він подарує життя вічне, (aiōnios )
8 और जो स्वार्थी हैं, सच का तिरस्कार तथा दुष्टता का पालन करते हैं, उन्हें कोप और क्रोध.
а для тих, хто через самолюбство відкидає істину та слідує за неправдою, буде гнів та лють.
9 प्रत्येक बुरा करनेवाले के लिए दर्द और संकट तय किए गए हैं—सबसे पहले यहूदी के लिए और फिर यूनानी के लिए भी
Страждання й лихо буде для кожної людської душі, яка чинить зло, – спочатку для юдеїв, а потім для язичників.
10 मगर प्रत्येक अच्छे काम करनेवाले के लिए महिमा, आदर और शांति तय हैं—सबसे पहले यहूदी के लिए और फिर यूनानी के लिए भी.
А кожному, хто чинить добро, буде слава, честь і мир – спочатку юдеям, а потім язичникам.
11 पक्षपात परमेश्वर में है ही नहीं.
Адже Бог неупереджений.
12 वे सभी जिन्होंने व्यवस्था को बिना जाने पाप किया है, व्यवस्था को बिना जाने नाश भी होंगे किंतु जिन्होंने व्यवस्था को जानकर पाप किया है, उनका न्याय भी व्यवस्था के अनुसार ही किया जाएगा.
Усі, хто згрішив без Закону, без Закону й загинуть, і всі, хто згрішив у Законі, за Законом будуть засуджені.
13 परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी वे नहीं, जो व्यवस्था के सुननेवाले हैं परंतु धर्मी वे हैं, जो व्यवस्था का पालन करनेवाले हैं.
Бо не ті, хто слухає Закон, праведні перед Богом, а ті, хто виконує Закон, будуть виправдані.
14 व्यवस्था से पूरी तरह अनजान गैर-यहूदी अपनी मूल प्रवृत्ति के प्रभाव से व्यवस्था का पालन करते पाए जाते हैं. इसलिये व्यवस्था न होने पर भी वे स्वयं अपने लिए व्यवस्था हैं.
Коли язичники, які не мають Закону, діють за своєю природою згідно з Законом, вони є законом для себе, хоча не мають Закону.
15 इसके द्वारा वे यह प्रदर्शित करते हैं कि उनके हृदयों पर व्यवस्था लिखी है. इसकी गवाह है उनकी अंतरात्मा, जो उन पर दोष लगाने या उनके बचाव के द्वारा स्थिति का अनुमान लगाती है.
Вони показують, що діло Закону написане в їхніх серцях, про що свідчить їхнє сумління й думки, які то звинувачують, то виправдовують одна одну.
16 यह सब उस दिन स्पष्ट हो जाएगा जब परमेश्वर मसीह येशु के द्वारा मेरे माध्यम से प्रस्तुत ईश्वरीय सुसमाचार के अनुसार मनुष्य के गुप्त कामों का न्याय करेंगे.
[Це виявиться] того дня, коли Бог, згідно з моєю Доброю Звісткою, судитиме таємні [думки та вчинки] людей через Ісуса Христа.
17 किंतु तुम—यदि तुम यहूदी हो तथा व्यवस्था का पालन करते हो; परमेश्वर से अपने संबंध का तुम्हें गर्व है;
Тож, якщо ти називаєш себе юдеєм, покладаєшся на Закон і хвалишся Богом;
18 तुम्हें परमेश्वर की इच्छा मालूम है, तुम अच्छी-अच्छी वस्तुओं के समर्थक हो क्योंकि तुम्हें इनके विषय में व्यवस्था से सिखाया गया है;
якщо ти знаєш [Його] волю і, навчений Законом, розумієш, що краще;
19 तुम्हें यह निश्चय है कि तुम दृष्टिहीनों के लिए सही मार्गदर्शक हो; जो अंधकार में हैं उनके लिए ज्योति हो;
якщо ти переконаний, що ти – поводир для сліпих, світло для тих, хто в темряві,
20 मंदबुद्धियों के गुरु तथा बालकों के शिक्षक हो क्योंकि तुमने व्यवस्था में उस ज्ञान तथा उस सच्चाई के नमूने को पहचान लिया है;
наставник для нерозумних, учитель для немовлят, бо в Законі маєш втілення знання та істини,
21 इसलिये तुम, जो अन्यों को शिक्षा देते हो, स्वयं को शिक्षा क्यों नहीं देते? तुम, जो यह उपदेश देते हो, “चोरी मत करो,” क्या तुम स्वयं ही चोरी नहीं करते!
тоді чому ж ти, навчаючи інших, не навчаєш себе? Чому, проповідуючи проти крадіжок, сам крадеш?
22 तुम, जो यह सिखाते हो, “व्यभिचार अनुचित है,” क्या तुम स्वयं ही व्यभिचार में लीन नहीं हो! तुम, जो मूर्तियों से घृणा का दिखावा करते हो, स्वयं ही उनके मंदिर नहीं लूटते!
Чому, говорячи не чинити перелюбу, сам чиниш перелюб? Чому, відчуваючи огиду до ідолів, ти грабуєш [їхні] храми?
23 तुम, जो व्यवस्था पर गर्व करते हो, क्या तुम स्वयं ही व्यवस्था भंग कर परमेश्वर की ही प्रतिष्ठा भंग नहीं करते!
Ти хвалишся Законом, а зневажаєш Бога, порушуючи Закон.
24 जैसा कि पवित्र शास्त्र का ही लेख है: तुम गैर-यहूदियों के बीच परमेश्वर की निंदा के कारण हो.
Як написано: «Через вас ім’я Бога зневажається серед язичників».
25 इसमें संदेह नहीं कि ख़तना का अपना महत्व है; उसी स्थिति में, जब तुम व्यवस्था का पालन करते हो; किंतु यदि तुमने व्यवस्था भंग कर ही दी तो तुम्हारा ख़तना, ख़तना रहित समान हो गया.
Обрізання має користь, якщо ти дотримуєшся Закону, але якщо ти порушник Закону, твоє обрізання стало необрізанням.
26 इसलिये यदि कोई बिना ख़तना का व्यक्ति व्यवस्था के आदेशों का पालन करता है, तब क्या उसका बिना ख़तना के होना ख़तना होने जैसा न हुआ?
Тож, якщо необрізаний дотримується заповідей Закону, чи не буде його необрізання вважатися обрізанням?
27 तब शारीरिक रूप से बिना ख़तना के वह व्यक्ति, जो शारीरिक रूप से व्यवस्था का पालन करनेवाला है, क्या तुम पर उंगली न उठाएगा—तुम, जो स्वयं पर व्यवस्था की छाप लगाए हुए तथा ख़तना किए हुए भी हो और फिर भी व्यवस्था भंग करते हो?
Тому необрізаний від народження, виконуючи Закон, судитиме тебе – того, хто, маючи написаний [Закон] та обрізання, порушує Закон.
28 वास्तविक यहूदी वह नहीं, जिसका मात्र बाहरी स्वरूप यहूदी जैसा है; और न वास्तविक ख़तना वह है, जो बाहरी रूप से मात्र शरीर में ही किया गया है;
Бо юдей не той, хто показує це зовні, і обрізання не те, що зовні, на тілі.
29 यहूदी वह है, जो अपने मन में यहूदी है तथा ख़तना वह है, जो पवित्र आत्मा के द्वारा हृदय का किया जाता है, न कि वह, जो मात्र व्यवस्था के अंतर्गत किया जाता है. इस प्रकार के व्यक्ति की प्रशंसा मनुष्यों द्वारा नहीं, परंतु परमेश्वर द्वारा की जाती है.
А юдей це той, хто є ним усередині, і обрізання – це обрізання серця за Духом, а не за буквою [Закону]. [Такій людині] хвала не від людей, а від Бога.