< प्रकाशित वाक्य 18 >
1 इसके बाद मैंने एक दूसरे स्वर्गदूत को स्वर्ग से उतरते हुए देखा. वह बहुत ही सामर्थ्यी था. उसके तेज से पृथ्वी चमक उठी.
And after these things, I saw another angel come down from heaven, having great power: and the earth was enlightened with his glory.
2 उसने ऊंचे शब्द में घोषणा की: “‘गिर गया! गिर गया! भव्य महानगर बाबेल गिर गया!’ अब यह दुष्टात्माओं का घर, अशुद्ध आत्माओं का आश्रय और, हर एक अशुद्ध पक्षी का बसेरा तथा अशुद्ध और घृणित जानवरों का बसेरा बन गई है.
And he cried out with a strong voice, saying: Babylon the great is fallen, is fallen; and is become the habitation of devils, and the hold of every unclean spirit, and the hold of every unclean and hateful bird:
3 सब राष्ट्रों ने उसके वेश्यागामी के लगन का दाखरस का पान किया है. पृथ्वी के राजाओं ने उसके साथ वेश्यागामी की है, तथा पृथ्वी के व्यापारी उसके भोग विलास के धन से धनी हो गए हैं.”
Because all nations have drunk of the wine of the wrath of her fornication; and the kings of the earth have committed fornication with her; and the merchants of the earth have been made rich by the power of her delicacies.
4 तब मुझे एक अन्य शब्द स्वर्ग से सुनाई दिया: “‘मेरी प्रजा उस नगरी से बाहर निकल आओ कि तुम,’ उसके पापों में उसके सहभागी न बनो कि, उसकी विपत्तियां तुम पर न आ पड़ें.
And I heard another voice from heaven, saying: Go out from her, my people; that you be not partakers of her sins, and that you receive not of her plagues.
5 उसके पापों का ढेर स्वर्ग तक आ पहुंचा है. परमेश्वर ने उसके अधर्मों को याद किया है.
For her sins have reached unto heaven, and the Lord hath remembered her iniquities.
6 उसने जैसा किया है तुम भी उसके साथ वैसा ही करो. उसके अधर्मों के अनुसार उससे दो गुणा बदला लो. उसने जिस प्याले में मिश्रण तैयार किया है, तुम उसी में उसके लिए दो गुणा मिश्रण तैयार करो.
Render to her as she also hath rendered to you; and double unto her double according to her works: in the cup wherein she hath mingled, mingle ye double unto her.
7 उसने जितनी अपनी प्रशंसा की और उसने जितना भोग विलास किया है, तुम भी उसे उतनी ही यातना और पीड़ा दो. क्योंकि वह मन ही मन कहती है, ‘मैं तो रानी समान विराजमान हूं, मैं विधवा नहीं हूं; मैं कभी विलाप न करूंगी.’
As much as she hath glorified herself, and lived in delicacies, so much torment and sorrow give ye to her; because she saith in her heart: I sit a queen, and am no widow; and sorrow I shall not see.
8 यही कारण है कि एक ही दिन में उस पर विपत्ति आ पड़ेगी: महामारी, विलाप और अकाल. उसे आग में जला दिया जाएगा, क्योंकि सामर्थ्यी हैं प्रभु परमेश्वर, जो उसका न्याय करेंगे.
Therefore shall her plagues come in one day, death, and mourning, and famine, and she shall be burnt with the fire; because God is strong, who shall judge her.
9 “तब पृथ्वी के राजा, जो उसके साथ वेश्यागामी में लीन रहे, जिन्होंने उसके साथ भोग विलास किया, उस ज्वाला का धुआं देखेंगे, जिसमें वह भस्म की गई और वे उसके लिए रोएंगे तथा विलाप करेंगे.
And the kings of the earth, who have committed fornication, and lived in delicacies with her, shall weep, and bewail themselves over her, when they shall see the smoke of her burning:
10 उसकी यातना की याद कर डर के मारे दूर खड़े हुए वे कहेंगे: “‘भयानक! कितना भयानक! हे महानगरी, सामर्थ्यी महानगरी बाबेल! घंटे भर में ही तेरे दंड का समय आ पहुंचा है!’
Standing afar off for fear of her torments, saying: Alas! alas! that great city Babylon, that mighty city: for in one hour is thy judgment come.
11 “पृथ्वी के व्यापारी उस पर रोते हुए विलाप करेंगे क्योंकि उनकी वस्तुएं अब कोई नहीं खरीदता:
And the merchants of the earth shall weep, and mourn over her: for no man shall buy their merchandise any more.
12 सोने, चांदी, कीमती रत्न, मोती, उत्तम मलमल, बैंगनी तथा लाल रेशम, सब प्रकार की सुगंधित लकड़ी तथा हाथी-दांत की वस्तुएं, कीमती लकड़ी की वस्तुएं, कांसे, लोहे तथा संगमरमर से बनी हुई वस्तुएं,
Merchandise of gold and silver, and precious stones; and of pearls, and fine linen, and purple, and silk, and scarlet, and all thyine wood, and all manner of vessels of ivory, and all manner of vessels of precious stone, and of brass, and of iron, and of marble,
13 दालचीनी, मसाले, धूप, मुर्र, लोबान, दाखरस, ज़ैतून का तेल, मैदा, गेहूं, पशु धन, भेड़ें, घोड़े तथा चौपहिया वाहन; दासों तथा मनुष्यों का कोई खरीददार नहीं रहा.
And cinnamon, and odours, and ointment, and frankincense, and wine, and oil, and fine flour, and wheat, and beasts, and sheep, and horses, and chariots, and slaves, and souls of men.
14 “जिस फल से संतुष्ट होने की तुमने इच्छा की थी, वह अब रही ही नहीं. विलासिता और ऐश्वर्य की सभी वस्तुएं तुम्हें छोड़कर चली गईं. वे अब तुम्हें कभी न मिल सकेंगी.
And the fruits of the desire of thy soul are departed from thee, and all fat and goodly things are perished from thee, and they shall find them no more at all.
15 इन वस्तुओं के व्यापारी, जो उस नगरी के कारण धनवान हो गए, अब उसकी यातना के कारण भयभीत हो दूर खड़े हो रोएंगे और विलाप करते हुए कहेंगे:
The merchants of these things, who were made rich, shall stand afar off from her, for fear of her torments, weeping and mourning.
16 “‘धिक्कार है! धिक्कार है! हे, महानगरी, जो उत्तम मलमल के बैंगनी तथा लाल वस्त्र धारण करती थी और स्वर्ण, कीमती रत्नों तथा मोतियों से दमकती थी!
And saying: Alas! alas! that great city, which was clothed with fine linen, and purple, and scarlet, and was gilt with gold, and precious stones, and pearls.
17 क्षण मात्र में ही उजड़ गया तेरा वैभव!’ “हर एक जलयान स्वामी, हर एक नाविक, हर एक यात्री तथा हर एक, जो अपनी जीविका समुद्र से कमाता है, दूर ही खड़ा रहा.
For in one hour are so great riches come to nought; and every shipmaster, and all that sail into the lake, and mariners, and as many as work in the sea, stood afar off.
18 उसे भस्म करती हुई ज्वाला का धुआं देख वे पुकार उठे, ‘है कहीं इस भव्य महानगरी जैसा कोई अन्य नगर?’
And cried, seeing the place of her burning, saying: What city is like to this great city?
19 अपने सिर पर धूल डाल, रोते-चिल्लाते, विलाप करते हुए वे कहने लगे: “‘धिक्कार है! धिक्कार है, तुझ पर भव्य महानगरी, जिसकी संपत्ति के कारण सभी जलयान स्वामी धनी हो गए! अब तू घंटे भर में उजाड़ हो गई है!’
And they cast dust upon their heads, and cried, weeping and mourning, saying: Alas! alas! that great city, wherein all were made rich, that had ships at sea, by reason of her prices: for in one hour she is made desolate.
20 “आनंदित हो हे स्वर्ग! आनंदित, हो पवित्र लोग! प्रेरित तथा भविष्यद्वक्ता! क्योंकि परमेश्वर ने उसे तुम्हारे साथ किए दुर्व्यवहार के लिए दंडित किया है.”
Rejoice over her, thou heaven, and ye holy apostles and prophets; for God hath judged your judgment on her.
21 इसके बाद एक बलवान स्वर्गदूत ने विशाल चक्की के पाट के समान पत्थर उठाकर समुद्र में प्रचंड वेग से फेंकते हुए कहा: “इसी प्रकार फेंक दिया जाएगा भव्य महानगर बाबेल भी, जिसका कभी कोई अवशेष तक न मिलेगा.
And a mighty angel took up a stone, as it were a great millstone, and cast it into the sea, saying: With such violence as this shall Babylon, that great city, be thrown down, and shall be found no more at all.
22 अब से तुझमें गायकों, वीणा, बांसुरी तथा तुरही, का शब्द कभी सुनाई न पड़ेगा. अब से किसी भी कारीगर का, कोई कार्य तुझमें न पाया जाएगा. अब से तुझमें चक्की की आवाज, सुनाई न देगी.
And the voice of harpers, and of musicians, and of them that play on the pipe, and on the trumpet, shall no more be heard at all in thee; and no craftsman of any art whatsoever shall be found any more at all in thee; and the sound of the mill shall be heard no more at all in thee;
23 अब से तुझमें एक भी दीप न जगमगाएगा, अब से तुझमें वर और वधू का, उल्लसित शब्द भी न सुना जाएगा, तेरे व्यापारी पृथ्वी के सफल व्यापारी थे. तेरे जादू ने सभी राष्ट्रों को भरमा दिया था.
And the light of the lamp shall shine no more at all in thee; and the voice of the bridegroom and the bride shall be heard no more at all in thee: for thy merchants were the great men of the earth, for all nations have been deceived by thy enchantments.
24 तुझमें ही भविष्यद्वक्ताओं और पवित्र लोगों, तथा पृथ्वी पर घात किए गए सभी व्यक्तियों का लहू पाया गया.”
And in her was found the blood of prophets and of saints, and of all that were slain upon the earth.