< भजन संहिता 98 >
1 एक स्तोत्र. याहवेह के लिए एक नया गीत गाओ, क्योंकि उन्होंने अद्भुत कार्य किए हैं; उनके दायें हाथ तथा उनकी पवित्र भुजा ने जय प्राप्त की है.
Ein Psalm. Singet dem HERRN ein neues Lied!
2 याहवेह ने राष्ट्रों पर अपना उद्धार तथा अपनी धार्मिकता परमेश्वर ने प्रकाशित की है.
Der HERR hat kundgetan sein hilfreiches Tun, vor den Augen der Völker seine Gerechtigkeit offenbart.
3 इस्राएल वंश के लिए उन्होंने अपना करुणा-प्रेम तथा सच्चाई को भूला नहीं; पृथ्वी के छोर-छोर तक लोगों ने हमारे परमेश्वर के उद्धार को देख लिया है.
Er hat gedacht seiner Gnade und Treue gegenüber dem Hause Israel: alle Enden der Erde haben geschaut die Heilstat unsers Gottes.
4 याहवेह के लिए समस्त पृथ्वी का आनंद उच्च स्वर में प्रस्तुत हो, संगीत की संगत पर हर्षोल्लास के गीत उमड़ पड़ें;
Jauchzet dem HERRN, alle Lande, brecht in Jubel aus und spielt!
5 सारंगी पर याहवेह का स्तवन करे, हां, किन्नोर की संगत पर मधुर धुन के गीत के द्वारा.
Spielet zu Ehren des HERRN auf der Zither, auf der Zither und mit lautem Gesang,
6 तुरहियों तथा शोफ़ार के उच्च नाद के साथ याहवेह, हमारे राजा, के लिए उच्च स्वर में हर्षोल्लास का घोष किया जाए.
mit Trompeten und Posaunenschall! Jauchzt vor dem HERRN, dem König!
7 समुद्र तथा इसमें मगन सभी कुछ उसका हर्षनाद करें, साथ ही संसार और इसके निवासी भी.
Es tose das Meer und was darin wimmelt, der Erdkreis und seine Bewohner!
8 नदियां तालियां बजाएं, पर्वत मिलकर हर्षगान गाएं;
Die Ströme sollen in die Hände klatschen, die Berge allesamt jubeln
9 वे सभी याहवेह की उपस्थिति में गाएं, क्योंकि याहवेह आनेवाले हैं. पृथ्वी का न्याय करने के लिए वे आ रहे हैं. उनका न्याय धार्मिकता में पूर्ण होगा; वह मनुष्यों का न्याय अपनी ही सच्चाई के अनुरूप करेंगे.
vor dem HERRN, wenn er kommt, zu richten die Erde. Richten wird er den Erdkreis mit Gerechtigkeit und die Völker nach Gebühr.