< भजन संहिता 98 >

1 एक स्तोत्र. याहवेह के लिए एक नया गीत गाओ, क्योंकि उन्होंने अद्भुत कार्य किए हैं; उनके दायें हाथ तथा उनकी पवित्र भुजा ने जय प्राप्‍त की है.
رَنِّمُوا لِلرَّبِّ تَرْنِيمَةً جَدِيدَةً، لأَنَّهُ قَدْ صَنَعَ عَجَائِبَ. وَبِيَمِينِهِ وَذِرَاعِهِ الْمُقَدَّسَةِ أَحْرَزَ خَلاصاً.١
2 याहवेह ने राष्ट्रों पर अपना उद्धार तथा अपनी धार्मिकता परमेश्वर ने प्रकाशित की है.
أَعْلَنَ الرَّبُّ خَلاصَهُ؛ أَمَامَ أَنْظَارِ الأُمَمِ كَشَفَ بِرَّهُ.٢
3 इस्राएल वंश के लिए उन्होंने अपना करुणा-प्रेम तथा सच्चाई को भूला नहीं; पृथ्वी के छोर-छोर तक लोगों ने हमारे परमेश्वर के उद्धार को देख लिया है.
ذَكَرَ رَحْمَتَهُ وَأَمَانَتَهُ لِبَيْتِ إِسْرَائِيلَ. رَأَتْ كُلُّ أَقَاصِي الأَرْضِ خَلاصَ إِلَهِنَا.٣
4 याहवेह के लिए समस्त पृथ्वी का आनंद उच्च स्वर में प्रस्तुत हो, संगीत की संगत पर हर्षोल्लास के गीत उमड़ पड़ें;
اهْتِفُوا لِلرَّبِّ يَا سَاكِنِي الأَرْضِ، اهْتِفُوا فَرَحاً وَرَنِّمُوا وَأَنْشِدُوا.٤
5 सारंगी पर याहवेह का स्तवन करे, हां, किन्‍नोर की संगत पर मधुर धुन के गीत के द्वारा.
أَنْشِدُوا لِلرَّبِّ بِعَزْفِ عُودٍ وَبِصَوْتِ نَشِيدٍ.٥
6 तुरहियों तथा शोफ़ार के उच्च नाद के साथ याहवेह, हमारे राजा, के लिए उच्च स्वर में हर्षोल्लास का घोष किया जाए.
اهْتِفُوا أَمَامَ الرَّبِّ الْمَلِكِ نَافِخِينَ بِأَبْوَاقٍ نُحَاسِيَّةٍ وَأَبْوَاقٍ قَرْنِيَّةٍ.٦
7 समुद्र तथा इसमें मगन सभी कुछ उसका हर्षनाद करें, साथ ही संसार और इसके निवासी भी.
لِيَهْتِفِ الْبَحْرُ بِأَمْوَاجِهِ وَبِكُلِّ مَا فِيهِ، وَالْمَسْكُونَةُ أَيْضاً وَمَنْ عَلَيْهَا.٧
8 नदियां तालियां बजाएं, पर्वत मिलकर हर्षगान गाएं;
لِتُصَفِّقِ الأَنْهَارُ بِالأَيْدِي، وَتَتَرَنَّمِ الْجِبَالُ مَعاً.٨
9 वे सभी याहवेह की उपस्थिति में गाएं, क्योंकि याहवेह आनेवाले हैं. पृथ्वी का न्याय करने के लिए वे आ रहे हैं. उनका न्याय धार्मिकता में पूर्ण होगा; वह मनुष्यों का न्याय अपनी ही सच्चाई के अनुरूप करेंगे.
أَمَامَ الرَّبِّ لأَنَّهُ جَاءَ لِيَدِينَ الأَرْضَ بالْعَدْلِ وَالشُّعُوبَ بِالإِنْصَافِ.٩

< भजन संहिता 98 >