< भजन संहिता 96 >
1 सारी पृथ्वी याहवेह की स्तुति में नया गीत गाए; हर रोज़ उनके द्वारा दी गई छुड़ौती की घोषणा की जाए.
ὅτε ὁ οἶκος ᾠκοδομεῖτο μετὰ τὴν αἰχμαλωσίαν ᾠδὴ τῷ Δαυιδ ᾄσατε τῷ κυρίῳ ᾆσμα καινόν ᾄσατε τῷ κυρίῳ πᾶσα ἡ γῆ
2 याहवेह के लिये गाओ. उनके नाम की प्रशंसा करो; प्रत्येक दिन उनका सुसमाचार सुनाओ कि याहवेह बचाने वाला है.
ᾄσατε τῷ κυρίῳ εὐλογήσατε τὸ ὄνομα αὐτοῦ εὐαγγελίζεσθε ἡμέραν ἐξ ἡμέρας τὸ σωτήριον αὐτοῦ
3 देशों में उनके प्रताप की चर्चा की जाए, और उनके अद्भुत कामों की घोषणा हर जगह.
ἀναγγείλατε ἐν τοῖς ἔθνεσιν τὴν δόξαν αὐτοῦ ἐν πᾶσι τοῖς λαοῖς τὰ θαυμάσια αὐτοῦ
4 क्योंकि महान हैं याहवेह और सर्वाधिक योग्य हैं स्तुति के; अनिवार्य है कि उनके ही प्रति सभी देवताओं से अधिक श्रद्धा रखी जाए.
ὅτι μέγας κύριος καὶ αἰνετὸς σφόδρα φοβερός ἐστιν ἐπὶ πάντας τοὺς θεούς
5 क्योंकि अन्य जनताओं के समस्त देवता मात्र प्रतिमाएं ही हैं, किंतु स्वर्ग मंडल के बनानेवाले याहवेह हैं.
ὅτι πάντες οἱ θεοὶ τῶν ἐθνῶν δαιμόνια ὁ δὲ κύριος τοὺς οὐρανοὺς ἐποίησεν
6 वैभव और ऐश्वर्य उनके चारों ओर हैं; सामर्थ्य और महिमा उनके पवित्र स्थान में बसे हुए हैं.
ἐξομολόγησις καὶ ὡραιότης ἐνώπιον αὐτοῦ ἁγιωσύνη καὶ μεγαλοπρέπεια ἐν τῷ ἁγιάσματι αὐτοῦ
7 राष्ट्रों के समस्त गोत्रो, याहवेह को पहचानो, याहवेह को पहचानकर उनके तेज और सामर्थ्य को देखो.
ἐνέγκατε τῷ κυρίῳ αἱ πατριαὶ τῶν ἐθνῶν ἐνέγκατε τῷ κυρίῳ δόξαν καὶ τιμήν
8 याहवेह के नाम की सुयोग्य महिमा करो; उनकी उपस्थिति में भेंट लेकर जाओ;
ἐνέγκατε τῷ κυρίῳ δόξαν ὀνόματι αὐτοῦ ἄρατε θυσίας καὶ εἰσπορεύεσθε εἰς τὰς αὐλὰς αὐτοῦ
9 उनकी वंदना पवित्रता के ऐश्वर्य में की जाए. उनकी उपस्थिति में सारी पृथ्वी में कंपकंपी दौड़ जाए.
προσκυνήσατε τῷ κυρίῳ ἐν αὐλῇ ἁγίᾳ αὐτοῦ σαλευθήτω ἀπὸ προσώπου αὐτοῦ πᾶσα ἡ γῆ
10 राष्ट्रों के सामने यह घोषणा की जाए, “याहवेह ही शासक हैं.” यह एक सत्य है कि संसार दृढ़ रूप में स्थिर हो गया है, यह हिल ही नहीं सकता; वह खराई से राष्ट्रों का न्याय करेंगे.
εἴπατε ἐν τοῖς ἔθνεσιν ὁ κύριος ἐβασίλευσεν καὶ γὰρ κατώρθωσεν τὴν οἰκουμένην ἥτις οὐ σαλευθήσεται κρινεῖ λαοὺς ἐν εὐθύτητι
11 स्वर्ग आनंदित हो और पृथ्वी मगन; समुद्र और उसमें मगन सब कुछ इसी हर्षोल्लास को प्रतिध्वनित करें.
εὐφραινέσθωσαν οἱ οὐρανοί καὶ ἀγαλλιάσθω ἡ γῆ σαλευθήτω ἡ θάλασσα καὶ τὸ πλήρωμα αὐτῆς
12 समस्त मैदान और उनमें चलते फिरते रहे सभी प्राणी उल्लसित हों; तब वन के समस्त वृक्ष आनंद में गुणगान करने लगेंगे.
χαρήσεται τὰ πεδία καὶ πάντα τὰ ἐν αὐτοῖς τότε ἀγαλλιάσονται πάντα τὰ ξύλα τοῦ δρυμοῦ
13 वे सभी याहवेह की उपस्थिति में गाएं, क्योंकि याहवेह आनेवाला हैं और पृथ्वी पर उनके आने का उद्देश्य है पृथ्वी का न्याय करना. उनका न्याय धार्मिकतापूर्ण होगा; वह मनुष्यों का न्याय अपनी ही सच्चाई के अनुरूप करेंगे.
πρὸ προσώπου κυρίου ὅτι ἔρχεται ὅτι ἔρχεται κρῖναι τὴν γῆν κρινεῖ τὴν οἰκουμένην ἐν δικαιοσύνῃ καὶ λαοὺς ἐν τῇ ἀληθείᾳ αὐτοῦ