< भजन संहिता 93 >
1 याहवेह, राज्य करते हैं, उन्होंने वैभवशाली परिधान धारण किए हैं; याहवेह ने तेज के परिधान धारण किए हैं और वह शक्ति से सुसज्जित हैं; विश्व सुदृढ़ नींव पर स्थापित है, जो अटल है.
Psalmus, laus Cantici David in die ante sabbatum, quando fundata est terra. Dominus regnavit, decorem indutus est: indutus est Dominus fortitudinem, et praecinxit se. Etenim firmavit orbem terrae, qui non commovebitur.
2 सनातन काल से आपका सिंहासन बसा है; स्वयं आप सनातन काल से हैं.
Parata sedes tua Deus ex tunc: a saeculo tu es.
3 याहवेह, जल स्तर उठता जा रहा है, लहरों की ध्वनि ऊंची होती जा रही है; समुद्र की प्रचंड लहरों का प्रहार उग्र होता जा रहा है.
Elevaverunt flumina Domine: elevaverunt flumina vocem suam. Elevaverunt flumina fluctus suos,
4 विशालकाय लहरों की गर्जन से कहीं अधिक शक्तिशाली, उद्वेलित लहरों के प्रहार से कहीं अधिक प्रचंड हैं, महान सर्वशक्तिमान याहवेह.
a vocibus aquarum multarum. Mirabiles elationes maris, mirabilis in altis Dominus.
5 अटल हैं आपके अधिनियम; पवित्रता, आपके आवास की शोभा; याहवेह, ये सदा-सर्वदा स्थिर रहेंगे.
Testimonia tua credibilia facta sunt nimis: domum tuam decet sanctitudo Domine in longitudine dierum.