< भजन संहिता 92 >

1 एक स्तोत्र. एक गीत. शब्बाथ दिन के लिए निर्धारित. भला है याहवेह के प्रति धन्यवाद, सर्वोच्च परमेश्वर, आपकी महिमा का गुणगान करना उपयुक्त है.
একটি গীত। বিশ্রামবারের জন্য রচিত। সদাপ্রভুর প্রশংসা করা এবং, হে পরাৎপর, তোমার নামের উদ্দেশে গান করা, উত্তম।
2 दस तारों के आसोर, नेबेल तथा किन्‍नोर की संगत पर प्रातःकाल ही आपके करुणा-प्रेम की उद्घोषणा करना तथा रात्रि में आपकी सच्चाई का वर्णन करना अच्छा है.
দশ-তারের সুরবাহার এবং বীণার সুর সহযোগে
3
সকালে তোমার অবিচল প্রেম এবং রাতে তোমার বিশ্বস্ততা প্রচার করা, উত্তম।
4 याहवेह, आपने मुझे अपने कार्यों के उल्लास से तृप्‍त कर दिया है; आपके कार्यों के लिए मैं हर्षोल्लास के गीत गाता हूं.
কারণ হে সদাপ্রভু, তোমার কাজ দ্বারা তুমি আমাকে আনন্দিত করেছ। তোমার হাতের কাজ দেখে আমি আনন্দে গান করি
5 याहवेह, कैसे अद्भुत हैं, आपके द्वारा निष्पन्‍न कार्य! गहन हैं आपके विचार!
হে সদাপ্রভু, তোমার কাজগুলি কত মহান, কত গভীর তোমার ভাবনা!
6 अज्ञानी के लिए असंभव है इनका अनुभव करना, निर्बुद्धि के लिए ये बातें निरर्थक हैं.
অচেতন লোকেরা জানে না, মূর্খরা বুঝতে পারে না,
7 यद्यपि दुष्ट घास के समान अंकुरित तो होते हैं और समस्त दुष्ट उन्‍नति भी करते हैं, किंतु उनकी नियति अनंत विनाश ही है.
যে যদিও দুষ্টরা ঘাসের মতো গজিয়ে ওঠে আর সব অনিষ্টকারী বৃদ্ধি পায়, তারা চিরকালের জন্য ধ্বংস হবে।
8 किंतु, याहवेह, आप सदा-सर्वदा सर्वोच्च ही हैं.
কিন্তু তুমি, হে সদাপ্রভু, চিরকালের জন্য মহিমান্বিত।
9 निश्चयतः आपके शत्रु, याहवेह, आपके शत्रु नाश हो जाएंगे; समस्त दुष्ट बिखरा दिए जाएंगे.
হে সদাপ্রভু, নিশ্চয় আমাদের শত্রুরা নিশ্চয়ই আমাদের শত্রুরা বিনষ্ট হবে; সব অনিষ্টকারী ছিন্নভিন্ন হবে।
10 किंतु मेरी शक्ति को आपने वन्य सांड़ समान ऊंचा कर दिया है; आपने मुझ पर नया नया तेल उंडेल दिया है.
তুমি আমার শিং বন্য ষাঁড়ের মতো উন্নীত করেছ; খাঁটি তেল আমার মাথায় ঢেলে দিয়েছ।
11 स्वयं मैंने अपनी ही आंखों से अपने शत्रुओं का पतन देखा है; स्वयं मैंने अपने कानों से अपने दुष्ट शत्रुओं के कोलाहल को सुना है.
আমার চোখ আমার প্রতিপক্ষদের পরাজয় দেখেছে; আমার কান আমার দুষ্ট বিপক্ষদের পতনের কথা শুনেছে।
12 धर्मी खजूर वृक्ष समान फलते जाएंगे, उनका विकास लबानोन के देवदार के समान होगा;
ধার্মিক তাল গাছের মতো সমৃদ্ধ হবে, লেবাননের দেবদারু গাছের মতো তারা বৃদ্ধি পাবে;
13 याहवेह के आवास में लगाए वे परमेश्वर के आंगन में समृद्ध होते जाएंगे!
যাদের সদাপ্রভুর গৃহে লাগানো হয়েছে, তারা আমাদের ঈশ্বরের প্রাঙ্গণে সমৃদ্ধ হয়ে উঠবে।
14 वृद्धावस्था में भी वे फलदार बने रहेंगे, उनकी नवीनता और उनकी कान्ति वैसी ही बनी रहेगी,
বৃদ্ধ বয়সেও তারা ফল প্রদান করবে, তারা সতেজ ও সবুজ হয়ে রইবে,
15 कि वे यह घोषणा कर सकें कि, “याहवेह सीधे हैं; वह मेरे लिए चट्टान हैं, उनमें कहीं भी, किसी भी दुष्टता की छाया तक नहीं है.”
এই প্রচার করবে, “সদাপ্রভু ন্যায়পরায়ণ; তিনি আমার শৈল এবং তাতে কোনও অন্যায় নেই।”

< भजन संहिता 92 >