< भजन संहिता 87 >
1 कोराह के पुत्रों की रचना. एक स्तोत्र. एक गीत. पवित्र पर्वत पर उन्होंने अपनी नींव डाली है;
Psaume des enfants de Coré. — Cantique. Les fondements de Jérusalem reposent Sur les montagnes saintes.
2 याकोब के समस्त आवासों की अपेक्षा, याहवेह को ज़ियोन के द्वार कहीं अधिक प्रिय हैं.
L'Éternel aime les portes de Sion; Il la préfère à toutes les demeures de Jacob.
3 परमेश्वर के नगर, तुम्हारे विषय में यशस्वी बातें लिखी गई हैं,
Un avenir de gloire t'est destiné, cité de Dieu! (Pause)
4 “अपने परिचितों के मध्य मैं राहाब और बाबेल का लेखा करूंगा, साथ ही फिलिस्तिया, सोर और कूश का भी, और फिर मैं कहूंगा, ‘यही है वह, जिसकी उत्पत्ति ज़ियोन में हुई है.’”
Je mentionnerai l'Egypte et Babylone Parmi ceux qui me connaissent. Ainsi que les Philistins, et Tyr, et l'Ethiopie: C'est ici que sera leur lieu de naissance!
5 ज़ियोन के विषय में यही घोषणा की जाएगी, “इसका भी जन्म ज़ियोन में हुआ और उसका भी, सर्वोच्च परमेश्वर ही ने ज़ियोन को बसाया है.”
Oui, on dira de Sion: «Chacun d'eux est né dans cette ville, Et le Très-Haut lui-même l'a fondée!»
6 याहवेह अपनी प्रजा की गणना करते समय लिखेगा: “इसका जन्म ज़ियोन में हुआ था.”
L'Éternel passe en revue les peuples, et il écrit: «Celui-là aussi est un enfant de Sion!» (Pause)
7 संगीत की संगत पर वे गाएंगे, “तुम्हीं में मेरे आनंद का समस्त उगम हैं.”
Alors chanteurs et joueurs de flûte disent de concert: En toi se trouvent toutes mes sources de vie!»