< भजन संहिता 87 >

1 कोराह के पुत्रों की रचना. एक स्तोत्र. एक गीत. पवित्र पर्वत पर उन्होंने अपनी नींव डाली है;
Korah Koca rhoek kah Tingtoeng Laa Tlang cim dongah a khoengim aka sut tih,
2 याकोब के समस्त आवासों की अपेक्षा, याहवेह को ज़ियोन के द्वार कहीं अधिक प्रिय हैं.
Jakob tolhmuen boeih lakah Zion vongka rhoek aka lungnah BOEIPA kah,
3 परमेश्वर के नगर, तुम्हारे विषय में यशस्वी बातें लिखी गई हैं,
Pathen khopuei namah te n'thangpom a ti pai. (Selah)
4 “अपने परिचितों के मध्य मैं राहाब और बाबेल का लेखा करूंगा, साथ ही फिलिस्तिया, सोर और कूश का भी, और फिर मैं कहूंगा, ‘यही है वह, जिसकी उत्पत्ति ज़ियोन में हुई है.’”
Kai aka ming rhoek taengah Rahab neh Babylon he ka thoelh ni. Tekah khopuei long ni Philistia, Tyre neh Kusah khaw a sak ne.
5 ज़ियोन के विषय में यही घोषणा की जाएगी, “इसका भी जन्म ज़ियोन में हुआ और उसका भी, सर्वोच्च परमेश्वर ही ने ज़ियोन को बसाया है.”
Zion te khaw pakhat phoeiah pakhat loh, “Anih loh n'cun dongah Khohni loh a thoh bitni,” a ti uh ni.
6 याहवेह अपनी प्रजा की गणना करते समय लिखेगा: “इसका जन्म ज़ियोन में हुआ था.”
Tekah a sak pilnam te BOEIPA loh a tae vetih ming a daek ni. (Selah)
7 संगीत की संगत पर वे गाएंगे, “तुम्हीं में मेरे आनंद का समस्त उगम हैं.”
Te dongah ka tuisih boeih loh namah dongah lamcawn bangla hlai uh thae.

< भजन संहिता 87 >