< भजन संहिता 80 >

1 संगीत निर्देशक के लिये. “वाचा की कुमुदिनी” धुन पर आधारित. आसफ की रचना. एक स्तोत्र. इस्राएल के चरवाहे, हमारी सुनिए, आप ही हैं, जो योसेफ़ की अगुवाई भेड़ों के वृन्द की रीति से करते हैं. आप, जो करूबों के मध्य विराजमान हैं, प्रकाशमान हों!
Přednímu z kantorů na šošannim, žalm svědectví, Azafovi. Ó pastýři Izraelský, pozoruj, kterýž vodíš Jozefa jako stádo, kterýž sedíš nad cherubíny, ó zastkvějž se.
2 एफ्राईम, बिन्यामिन तथा मनश्शेह के सामने अपने सामर्थ्य को प्रगट कीजिए; और हमारी रक्षा कीजिए.
Před Efraimem, Beniaminem a Manasse vzbuď moc svou, a přispěj k spasení našemu.
3 परमेश्वर, हमें हमारी पूर्व स्थिति प्रदान कीजिए; हम पर अपना मुख प्रकाशित कीजिए, कि हमारा उद्धार हो जाए.
Ó Bože, navrať nás, a dejž, ať nám svítí oblíčej tvůj, a spaseni budeme.
4 याहवेह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, कब तक आपकी प्रजा की प्रार्थनाओं के प्रति, आपका कोप भीतर ही भीतर सुलगता रहेगा?
Hospodine Bože zástupů, dokudž se přísně stavěti budeš k modlitbám lidu svého?
5 आपने आंसुओं को उनका आहार बना छोड़ा है; आपने उन्हें विवश कर दिया है, कि वे कटोरे भर-भर आंसू पिएं.
Nakrmil jsi je chlebem pláče, a dals jim vypiti slz míru velikou.
6 आपने हमें अपने पड़ोसियों के लिए विवाद का कारण बना दिया है, हमारे शत्रु हमारा उपहास करते हैं.
Postavils nás k sváru sousedům našim, a nepřátelé naši aby sobě posměch z nás činili.
7 सर्वशक्तिमान परमेश्वर, हमें हमारी पूर्व स्थिति प्रदान कर दीजिए; हम पर अपना मुख प्रकाशित कीजिए, कि हमारा उद्धार हो जाए.
Ó Bože zástupů, navrať nás, a dej, ať nám svítí oblíčej tvůj, a spaseni budeme.
8 मिस्र देश से आप एक द्राक्षालता ले आए; आपने जनताओं को काटकर इसे वहां रोप दिया.
Ty jsi kmen vinný z Egypta přenesl, vyhnal jsi pohany, a vsadils jej.
9 आपने इसके लिए भूमि तैयार की, इस लता ने जड़ पकड़ी और इसने समस्त भूमि आच्छादित कर दी.
Uprázdnil jsi mu, a učinils, aby se vkořenil, i zemi naplnil.
10 इसकी छाया ने तथा मजबूत देवदार की शाखाओं ने, पर्वतों को ढंक लिया था.
Přikryty jsou hory stínem jeho, a réví jeho jako nejvyšší cedrové.
11 वह अपनी शाखाएं समुद्र तक, तथा किशलय नदी तक फैली हुई थी.
Vypustil ratolesti své až k moři, a až do řeky rozvody své.
12 आपने इसकी सुरक्षा की दीवारें क्यों ढाह दीं, कि आते जाते लोग इसके द्राक्षा तोड़ते जाएं?
I pročež jsi rozbořil hradbu vinice, tak aby každý, kdož by tudy šel, trhati z ní mohl?
13 जंगली सूअर इसे निगल जाते, तथा मैदान के पशु इसे अपना आहार बनाते हैं.
Vepř divoký zryl ji, a zvěř polní spásla ji.
14 सर्वशक्तिमान परमेश्वर, हम आग्रह करते हैं, आप लौट आइए! स्वर्ग से दृष्टिपात कीजिए! और इस ओर ध्यान दीजिए,
Ó Bože zástupů, obrať se již, popatř s nebe, viz a navštěv kmen vinný tento,
15 और इस द्राक्षालता की हां उस पौधे की जिसे आपके दायें हाथ ने लगाया है, तथा उस पुत्र को देखिए, जिसे आपने स्वयं सशक्त बनाया है.
Vinici tu, kterouž štípila pravice tvá, a mladistvé réví, kteréž jsi zmocnil sobě.
16 आपकी इस द्राक्षालता को काट डाला गया है, इसे अग्नि में भस्म कर दिया गया है; आपकी फटकार-मात्र आपकी प्रजा को नष्ट करने के लिए काफ़ी है.
Popálenať jest ohněm a poroubána, od žehrání oblíčeje tvého hyne.
17 उस पुरुष पर आपके दायें हाथ का आश्वासन स्थिर रहे, जो आपके दायें पक्ष में उपस्थित है, वह मनुष्य का पुत्र जिसे आपने अपने लिए तैयार किया है.
Budiž ruka tvá nad mužem pravice tvé, nad synem člověka, kteréhož jsi zmocnil sobě,
18 तब हम आपसे दूर न होंगे; हमें जिलाइए, हम आपके ही नाम को पुकारेंगे.
A neodstoupímeť od tebe; zachovej nás při životu, ať jméno tvé vzýváme.
19 याहवेह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, हमें पुनर्स्थापित कीजिए; अपना मुख हम पर प्रकाशित कीजिए कि हम सुरक्षित रहेंगे.
Hospodine Bože zástupů, navratiž nás zase, a dej, ať nám svítí oblíčej tvůj, a spaseni budeme.

< भजन संहिता 80 >