< भजन संहिता 79 >

1 आसफ का एक स्तोत्र. परमेश्वर, जनताओं ने आपके निज भाग में अतिक्रमण किया है; आपके पवित्र मंदिर को उन्होंने दूषित कर दिया है, येरूशलेम अब खंडहर मात्र रह गया है.
O god, the heathen are come into your inheritance; your holy temple have they defiled; they have laid Jerusalem on heaps.
2 उन्होंने आपके सेवकों के शव आकाश के पक्षियों के आहार के लिए छोड़ दिए हैं; आपके भक्तों का मांस वन्य पशुओं का आहार बन गया है.
The dead bodies of your servants have they given to be food unto the fowls of the heaven, the flesh of your saints unto the beasts of the earth.
3 येरूशलेम के चारों ओर उन्होंने रक्त को जलधारा समान बहा दिया है, मृतकों को भूमिस्थ करने के लिए कोई शेष न रहा.
Their blood have they shed like water round about Jerusalem; and there was none to bury them.
4 हमारे पड़ोसियों के लिए हम तिरस्कार के पात्र हो गए हैं. उनके लिए, जो हमारे आस-पास होते हैं, हम घृणा और ठट्ठा का विषय बन गए हैं.
We are become a reproach to our neighbours, a scorn and derision to them that are round about us.
5 याहवेह, कब तक? क्या हम पर आपका क्रोध लगातार रहेगा? कब तक आपकी डाह अग्नि के जैसी दहकती रहेगी?
How long, LORD? will you be angry for ever? shall your jealousy burn like fire?
6 अब तो उन जनताओं पर अपना क्रोध उंडेल दीजिए, जो आपकी अवमानना करते हैं, उन राष्ट्रों पर, जो आपकी महिमा को मान्यता नहीं देते;
Pour out your wrath upon the heathen that have not known you, and upon the kingdoms that have not called upon your name.
7 उन्होंने याकोब को निगल लिया है तथा उसकी मातृभूमि को ध्वस्त कर दिया है.
For they have devoured Jacob, and laid waste his dwelling place.
8 हमारे पूर्वजों के पापों का दंड हमें न दीजिए; हम पर आपकी कृपा तुरंत पहुंच जाए, क्योंकि हमारी स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है.
O remember not against us former iniquities: let your tender mercies speedily prevent us: for we are brought very low.
9 परमेश्वर, हमारे छुड़ानेवाले, अपनी महिमा के तेज के निमित्त हमारी सहायता कीजिए; अपनी महिमा के निमित्त हमारे पाप क्षमा कर हमारा उद्धार कीजिए.
Help us, O God of our salvation, for the glory of your name: and deliver us, and purge away our sins, for your name's sake.
10 भला जनताओं को यह कहने का अवसर क्यों दिया जाए, “कहां है उनका परमेश्वर?” हमारे देखते-देखते राष्ट्रों पर यह प्रकट कर दीजिए, कि आप अपने सेवकों के बहे रक्त का प्रतिशोध लेते हैं.
Wherefore should the heathen say, Where is their God? let him be known among the heathen in our sight by the revenging of the blood of your servants which is shed.
11 बंदियों का कराहना आप तक पहुंचे; अपने महा सामर्थ्य के द्वारा उनकी रक्षा कीजिए, जो मृत्यु के लिए सौंपे जा चुके हैं.
Let the sighing of the prisoner come before you; according to the greatness of your power preserve you those that are appointed to die;
12 प्रभु, पड़ोसी राष्ट्रों ने जो आपकी निंदा की है, उसका सात गुणा प्रतिशोध उनके झोली में डाल दीजिए.
And render unto our neighbours sevenfold into their bosom their reproach, wherewith they have reproached you, O Lord.
13 तब, हम आपकी प्रजा, आपके चरागाह की भेड़ें, सदा-सर्वदा आपका धन्यवाद करेंगे; एक पीढ़ी से दूसरी तक हम आपका गुणगान करते रहेंगे.
So we your people and sheep of your pasture will give you thanks for ever: we will show forth your praise to all generations.

< भजन संहिता 79 >