< भजन संहिता 72 >

1 शलोमोन का परमेश्वर, राजा को अपना न्याय, तथा राजपुत्र को अपनी धार्मिकता प्रदान कीजिए,
לִשְׁלֹמֹה ׀ אֱֽלֹהִים מִשְׁפָּטֶיךָ לְמֶלֶךְ תֵּן וְצִדְקָתְךָ לְבֶן־מֶֽלֶךְ׃
2 कि वह आपकी प्रजा का न्याय धार्मिकता-पूर्वक, तथा पीड़ितों का शासन न्याय संगत रीति से करे.
יָדִין עַמְּךָ בְצֶדֶק וַעֲנִיֶּיךָ בְמִשְׁפָּֽט׃
3 तब प्रजा के लिए पर्वतों से समृद्धि, तथा घाटियों से धार्मिकता की उपज उत्पन्‍न होने लगेगी.
יִשְׂאוּ הָרִים שָׁלוֹם לָעָם וּגְבָעוֹת בִּצְדָקָֽה׃
4 तब राजा प्रजा में पीड़ितों की रक्षा करेगा, दरिद्रों की संतानों का उद्धार करेगा; और सतानेवाले को कुचल डालेगा.
יִשְׁפֹּט ׀ עֲֽנִיֵּי־עָם יוֹשִׁיעַ לִבְנֵי אֶבְיוֹן וִידַכֵּא עוֹשֵֽׁק׃
5 पीढ़ी से पीढ़ी जब तक सूर्य और चंद्रमा का अस्तित्व रहेगा, प्रजा में आपके प्रति श्रद्धा बनी रहेगी.
יִירָאוּךָ עִם־שָׁמֶשׁ וְלִפְנֵי יָרֵחַ דּוֹר דּוֹרִֽים׃
6 उसका प्रगट होना वैसा ही होगा, जैसा घास पर वर्षा का तथा शुष्क भूमि पर वृष्टि का.
יֵרֵד כְּמָטָר עַל־גֵּז כִּרְבִיבִים זַרְזִיף אָֽרֶץ׃
7 उसके शासनकाल में धर्मी फूले फलेंगे, और जब तक चंद्रमा रहेगा समृद्धि बढ़ती जाएगी.
יִֽפְרַח־בְּיָמָיו צַדִּיק וְרֹב שָׁלוֹם עַד־בְּלִי יָרֵֽחַ׃
8 उसके साम्राज्य का विस्तार एक सागर से दूसरे सागर तक तथा फ़रात नदी से पृथ्वी के छोर तक होगा.
וְיֵרְדְּ מִיָּם עַד־יָם וּמִנָּהָר עַד־אַפְסֵי־אָֽרֶץ׃
9 वन में रहनेवाले लोग भी उसके सामने झुकेंगे और वह शत्रुओं को धूल का सेवन कराएगा.
לְפָנָיו יִכְרְעוּ צִיִּים וְאֹיְבָיו עָפָר יְלַחֵֽכוּ׃
10 तरशीश तथा दूर तट के देशों के राजा उसके लिए भेंटें लेकर आएंगे, शीबा और सेबा देश के राजा भी उसे उपहार प्रस्तुत करेंगे.
מַלְכֵי תַרְשִׁישׁ וְאִיִּים מִנְחָה יָשִׁיבוּ מַלְכֵי שְׁבָא וּסְבָא אֶשְׁכָּר יַקְרִֽיבוּ׃
11 समस्त राजा उनके सामने नतमस्तक होंगे और समस्त राष्ट्र उनके अधीन.
וְיִשְׁתַּחֲווּ־לוֹ כׇל־מְלָכִים כׇּל־גּוֹיִם יַעַבְדֽוּהוּ׃
12 क्योंकि वह दुःखी की पुकार सुनकर उसे मुक्त कराएगा, ऐसे पीड़ितों को, जिनका कोई सहायक नहीं.
כִּֽי־יַצִּיל אֶבְיוֹן מְשַׁוֵּעַ וְעָנִי וְֽאֵין־עֹזֵר לֽוֹ׃
13 वह दरिद्रों तथा दुर्बलों पर तरस खाएगा तथा वह दुःखी को मृत्यु से बचा लेगा.
יָחֹס עַל־דַּל וְאֶבְיוֹן וְנַפְשׁוֹת אֶבְיוֹנִים יוֹשִֽׁיעַ׃
14 वह उनके प्राणों को अंधेर और हिंसा से बचा लेगा, क्योंकि उसकी दृष्टि में उनका रक्त मूल्यवान है.
מִתּוֹךְ וּמֵחָמָס יִגְאַל נַפְשָׁם וְיֵיקַר דָּמָם בְּעֵינָֽיו׃
15 वह दीर्घायु हो! उसे भेंट में शीबा देश का स्वर्ण प्रदान किया जाए. प्रजा उसके लिए प्रार्थना करती रहे और निरंतर उसके हित की कामना करती रहे.
וִיחִי וְיִתֶּן־לוֹ מִזְּהַב שְׁבָא וְיִתְפַּלֵּל בַּעֲדוֹ תָמִיד כׇּל־הַיּוֹם יְבָרְכֶֽנְהוּ׃
16 संपूर्ण देश में अन्‍न विपुलता में बना रहे; पहाड़ियां तक उपज से भर जाएं. देश में फलों की उपज लबानोन की उपजाऊ भूमि जैसी हो और नगरवासियों की समृद्धि ऐसी हो, जैसी भूमि की वनस्पति.
יְהִי פִסַּת־בַּר ׀ בָּאָרֶץ בְּרֹאשׁ הָרִים יִרְעַשׁ כַּלְּבָנוֹן פִּרְיוֹ וְיָצִיצוּ מֵעִיר כְּעֵשֶׂב הָאָֽרֶץ׃
17 उसकी ख्याति चिरस्थाई हो; जब तक सूर्य में प्रकाश है, उसकी महिमा नई हो. उसके द्वारा समस्त राष्ट्र आशीषित हों, वे उसे धन्य कहें.
יְהִי שְׁמוֹ ׀ לְֽעוֹלָם לִפְנֵי־שֶׁמֶשׁ (ינין) [יִנּוֹן] שְׁמוֹ וְיִתְבָּרְכוּ בוֹ כׇּל־גּוֹיִם יְאַשְּׁרֽוּהוּ׃
18 इस्राएल के परमेश्वर, याहवेह परमेश्वर का स्तवन हो, केवल वही हैं, जो महाकार्य करते हैं.
בָּרוּךְ ׀ יְהֹוָה אֱלֹהִים אֱלֹהֵי יִשְׂרָאֵל עֹשֵׂה נִפְלָאוֹת לְבַדּֽוֹ׃
19 उनका महिमामय नाम सदा-सर्वदा धन्य हो; संपूर्ण पृथ्वी उनके तेज से भयभीत हो जाए.
וּבָרוּךְ ׀ שֵׁם כְּבוֹדוֹ לְעוֹלָם וְיִמָּלֵא כְבוֹדוֹ אֶת־כֹּל הָאָרֶץ אָמֵן ׀ וְאָמֵֽן׃
20 यिशै के पुत्र दावीद की प्रार्थनाएं यहां समाप्‍त हुईं.
כָּלּוּ תְפִלּוֹת דָּוִד בֶּן־יִשָֽׁי׃

< भजन संहिता 72 >