< भजन संहिता 72 >
1 शलोमोन का परमेश्वर, राजा को अपना न्याय, तथा राजपुत्र को अपनी धार्मिकता प्रदान कीजिए,
De Salomon. O Dieu, donne tes jugements au roi, et ta justice au fils du roi.
2 कि वह आपकी प्रजा का न्याय धार्मिकता-पूर्वक, तथा पीड़ितों का शासन न्याय संगत रीति से करे.
Qu’il dirige ton peuple avec justice, et tes malheureux avec équité!
3 तब प्रजा के लिए पर्वतों से समृद्धि, तथा घाटियों से धार्मिकता की उपज उत्पन्न होने लगेगी.
Que les montagnes produisent la paix au peuple, ainsi que les collines, par la justice.
4 तब राजा प्रजा में पीड़ितों की रक्षा करेगा, दरिद्रों की संतानों का उद्धार करेगा; और सतानेवाले को कुचल डालेगा.
Qu’il fasse droit aux malheureux de son peuple, qu’il assiste les enfants du pauvre, et qu’il écrase l’oppresseur!
5 पीढ़ी से पीढ़ी जब तक सूर्य और चंद्रमा का अस्तित्व रहेगा, प्रजा में आपके प्रति श्रद्धा बनी रहेगी.
Qu’on te révère, tant que subsistera le soleil, tant que brillera la lune, d’âge en âge!
6 उसका प्रगट होना वैसा ही होगा, जैसा घास पर वर्षा का तथा शुष्क भूमि पर वृष्टि का.
Qu’il descende comme la pluie sur le gazon, comme les ondées qui arrosent la terre!
7 उसके शासनकाल में धर्मी फूले फलेंगे, और जब तक चंद्रमा रहेगा समृद्धि बढ़ती जाएगी.
Qu’en ses jours le juste fleurisse, avec l’abondance de la paix, jusqu’à ce qu’il n’y ait plus de lune!
8 उसके साम्राज्य का विस्तार एक सागर से दूसरे सागर तक तथा फ़रात नदी से पृथ्वी के छोर तक होगा.
Il dominera d’une mer à l’autre, du Fleuve aux extrémités de la terre.
9 वन में रहनेवाले लोग भी उसके सामने झुकेंगे और वह शत्रुओं को धूल का सेवन कराएगा.
Devant lui se prosterneront les habitants du désert, et ses ennemis mordront la poussière.
10 तरशीश तथा दूर तट के देशों के राजा उसके लिए भेंटें लेकर आएंगे, शीबा और सेबा देश के राजा भी उसे उपहार प्रस्तुत करेंगे.
Les rois de Tharsis et des îles paieront des tributs; les rois de Saba et de Méroé offriront des présents.
11 समस्त राजा उनके सामने नतमस्तक होंगे और समस्त राष्ट्र उनके अधीन.
Tous les rois se prosterneront devant lui; toutes les nations le serviront.
12 क्योंकि वह दुःखी की पुकार सुनकर उसे मुक्त कराएगा, ऐसे पीड़ितों को, जिनका कोई सहायक नहीं.
Car il délivrera le pauvre qui crie vers lui, et le malheureux dépourvu de tout secours.
13 वह दरिद्रों तथा दुर्बलों पर तरस खाएगा तथा वह दुःखी को मृत्यु से बचा लेगा.
Il aura pitié du misérable et de l’indigent, et il sauvera la vie du pauvre.
14 वह उनके प्राणों को अंधेर और हिंसा से बचा लेगा, क्योंकि उसकी दृष्टि में उनका रक्त मूल्यवान है.
Il les affranchira de l’oppression et de la violence, et leur sang aura du prix à ses yeux.
15 वह दीर्घायु हो! उसे भेंट में शीबा देश का स्वर्ण प्रदान किया जाए. प्रजा उसके लिए प्रार्थना करती रहे और निरंतर उसके हित की कामना करती रहे.
Ils vivront, et lui donneront de l’or de Saba; ils feront sans cesse des vœux pour lui, ils le béniront chaque jour.
16 संपूर्ण देश में अन्न विपुलता में बना रहे; पहाड़ियां तक उपज से भर जाएं. देश में फलों की उपज लबानोन की उपजाऊ भूमि जैसी हो और नगरवासियों की समृद्धि ऐसी हो, जैसी भूमि की वनस्पति.
Que les blés abondent dans le pays, jusqu’au sommet des montagnes! Que leurs épis s’agitent comme les arbres du Liban! Que les hommes fleurissent dans la ville comme l’herbe des champs!
17 उसकी ख्याति चिरस्थाई हो; जब तक सूर्य में प्रकाश है, उसकी महिमा नई हो. उसके द्वारा समस्त राष्ट्र आशीषित हों, वे उसे धन्य कहें.
Que son nom dure à jamais! Tant que brillera le soleil, que son nom se propage! Qu’on cherche en lui la bénédiction! Que toutes les nations le proclament heureux!
18 इस्राएल के परमेश्वर, याहवेह परमेश्वर का स्तवन हो, केवल वही हैं, जो महाकार्य करते हैं.
Béni soit Yahweh Dieu, le Dieu d’Israël, qui seul fait des prodiges!
19 उनका महिमामय नाम सदा-सर्वदा धन्य हो; संपूर्ण पृथ्वी उनके तेज से भयभीत हो जाए.
Béni soit à jamais son nom glorieux! Que toute la terre soit remplie de sa gloire! Amen! Amen!
20 यिशै के पुत्र दावीद की प्रार्थनाएं यहां समाप्त हुईं.
Fin des prières de David, fils d’Isaï.