< भजन संहिता 71 >
1 याहवेह, मैंने आपका आश्रय लिया है; मुझे कभी लज्जित न होने दीजिएगा.
In Thee, O LORD, have I taken refuge; let me never be ashamed.
2 अपनी धार्मिकता में हे परमेश्वर, मुझे बचाकर छुड़ा लीजिए; मेरी पुकार सुनकर मेरा उद्धार कीजिए.
Deliver me in Thy righteousness, and rescue me; incline Thine ear unto me, and save me.
3 आप मेरे आश्रय की चट्टान बन जाइए, जहां मैं हर एक परिस्थिति में शरण ले सकूं; मेरे उद्धार का आदेश प्रसारित कीजिए, आप ही मेरे लिए चट्टान और गढ़ हैं.
Be Thou to me a sheltering rock, whereunto I may continually resort, which Thou hast appointed to save me; for Thou art my rock and my fortress.
4 मुझे दुष्ट के शिकंजे से मुक्त कर दीजिए, परमेश्वर, उन पुरुषों के हाथों से जो कुटिल तथा क्रूर हैं.
O my God, rescue me out of the hand of the wicked, out of the grasp of the unrighteous and ruthless man.
5 प्रभु याहवेह, आप ही मेरी आशा हैं, बचपन से ही मैंने आप पर भरोसा रखा है.
For Thou art my hope; O Lord GOD, my trust from my youth.
6 वस्तुतः गर्भ ही से आप मुझे संभालते आ रहे हैं; मेरे जन्म की प्रक्रिया भी आपके द्वारा पूर्ण की गई. मैं सदा-सर्वदा आपका स्तवन करता रहूंगा.
Upon Thee have I stayed myself from birth; Thou art He that took me out of my mother's womb; my praise is continually of Thee.
7 अनेकों के लिए मैं एक उदाहरण बन गया हूं; मेरे लिए आप दृढ़ आश्रय प्रमाणित हुए हैं.
I am as a wonder unto many; but Thou art my strong refuge.
8 मेरा मुख आपका गुणगान करते हुए नहीं थकता, आपका वैभव एवं तेज सारे दिन मेरे गीतों के विषय होते हैं.
My mouth shall be filled with Thy praise, and with Thy glory all the day.
9 मेरी वृद्धावस्था में मेरा परित्याग न कीजिए; अब, जब मेरा बल घटता जा रहा है, मुझे भूल न जाइए,
Cast me not off in the time of old age; when my strength faileth, forsake me not.
10 क्योंकि मेरे शत्रुओं ने मेरे विरुद्ध स्वर उठाना प्रारंभ कर दिया है; जो मेरे प्राण लेने चाहते हैं, वे मेरे विरुद्ध षड़्यंत्र रच रहे हैं.
For mine enemies speak concerning me, and they that watch for my soul take counsel together,
11 वे कहते फिर रहे हैं, “परमेश्वर तो उसे छोड़ चुके हैं, उसे खदेड़ो और उसे जा पकड़ो, कोई नहीं रहा उसे बचाने के लिए.”
Saying: 'God hath forsaken him; pursue and take him; for there is none to deliver.'
12 परमेश्वर, मुझसे दूर न रहिए; तुरंत मेरी सहायता के लिए आ जाइए.
O God, be not far from me; O my God, make haste to help me.
13 वे, जो मुझ पर आरोप लगाते हैं, लज्जा में ही नष्ट हो जाएं; जो मेरी हानि करने पर सामर्थ्यी हैं, लज्जा और अपमान में समा जाएं.
Let them be ashamed and consumed that are adversaries to my soul; let them be covered with reproach and confusion that seek my hurt.
14 जहां तक मेरा प्रश्न है, मैं आशा कभी न छोड़ूंगा; आपका स्तवन मैं अधिक-अधिक करता जाऊंगा.
But as for me, I will hope continually, and will praise Thee yet more and more.
15 सारे दिन मैं अपने मुख से आपके धर्ममय कृत्यों के तथा आपके उद्धार के बारे में बताता रहूंगा; यद्यपि मुझे इनकी सीमाओं का कोई ज्ञान नहीं है.
My mouth shall tell of Thy righteousness, and of Thy salvation all the day; for I know not the numbers thereof.
16 मैं प्रभु याहवेह के विलक्षण कार्यों की घोषणा करता हुआ आऊंगा; मेरी घोषणा का विषय होगा मात्र आपकी धार्मिकता, हां, मात्र आपकी.
I will come with Thy mighty acts, O Lord GOD; I will make mention of Thy righteousness, even of Thine only.
17 परमेश्वर, मेरे बचपन से ही आप मुझे शिक्षा देते आए हैं, आज तक मैं आपके महाकार्य की घोषणा कर रहा हूं.
O God, Thou hast taught me from my youth; and until now do I declare Thy wondrous works.
18 आज जब मैं वृद्ध हो चुका हूं, मेरे केश पक चुके हैं, परमेश्वर, मुझे उस समय तक न छोड़ना, जब तक मैं अगली पीढ़ी को आपके सामर्थ्य तथा आपके पराक्रम के विषय में शिक्षा न दे दूं.
And even unto old age and hoary hairs, O God, forsake me not; until I have declared Thy strength unto the next generation, Thy might to every one that is to come.
19 परमेश्वर आपकी धार्मिकता आकाश तक ऊंची है, आपने महाकार्य किए हैं. परमेश्वर, कौन है आपके तुल्य?
Thy righteousness also, O God, which reacheth unto high heaven; Thou who hast done great things, O God, who is like unto Thee?
20 यद्यपि आप मुझे अनेक विकट संकटों में से लेकर यहां तक ले आए हैं, आप ही मुझमें पुनः जीवन का संचार करेंगे, आप पृथ्वी की गहराइयों से मुझे ऊपर ले आएंगे.
Thou, who hast made me to see many and sore troubles, wilt quicken me again, and bring me up again from the depths of the earth.
21 आप ही मेरी महिमा को ऊंचा करेंगे तथा आप ही मुझे पुनः सांत्वना प्रदान करेंगे.
Thou wilt increase my greatness, and turn and comfort me.
22 मेरे परमेश्वर, आपकी विश्वासयोग्यता के लिए, मैं वीणा के साथ आपका स्तवन करूंगा; इस्राएल के परम पवित्र, मैं किन्नोर की संगत पर, आपका गुणगान करूंगा.
I also will give thanks unto Thee with the psaltery, even unto Thy truth, O my God; I will sing praises unto Thee with the harp, O Thou Holy One of Israel.
23 अपने होंठों से मैं हर्षोल्लास में नारे लगाऊंगा, जब मैं आपके स्तवन गीत गाऊंगा; मैं वही हूं, जिसका आपने उद्धार किया है.
My lips shall greatly rejoice when I sing praises unto Thee; and my soul, which Thou hast redeemed.
24 आपके युक्त कृत्यों का वर्णन मेरी जीभ से सदा होता रहेगा, क्योंकि जो मेरी हानि के इच्छुक थे आपने उन्हें लज्जित और निराश कर छोड़ा है.
My tongue also shall tell of Thy righteousness all the day; for they are ashamed, for they are abashed, that seek my hurt.