< भजन संहिता 70 >

1 संगीत निर्देशक के लिये. दावीद की रचना. अभ्यर्थना. हे परमेश्वर, कृपा कर मुझे उद्धार प्रदान कीजिए; याहवेह, तुरंत मेरी सहायता कीजिए.
[Vergl. Ps. 40,14-17] [Dem Vorsänger. Von David, zum Gedächtnis.] Eile, Gott, mich zu erretten, Jehova, zu meiner Hülfe!
2 वे, जो मेरे प्राणों के प्यासे हैं, लज्जित और निराश किए जाएं; वे जिनका आनंद मेरी पीड़ा में है, पीठ दिखाकर भागें तथा अपमानित किए जाएं.
Laß beschämt und mit Scham bedeckt werden, die nach meinem Leben trachten! Laß zurückweichen und zu Schanden werden, die Gefallen haben an meinem Unglück!
3 वे सभी, जो मेरी स्थिति को देख, “आहा! आहा!” करते हैं! लज्जा में अपना मुख छिपा लें.
Laß umkehren ob ihrer Schande, die da sagen: Haha! Haha!
4 किंतु वे सभी, जो आपकी खोज करते हैं हर्षोल्लास में मगन हों; वे सभी, जिन्हें आपके उद्धार की आकांक्षा है, यही कहें, “अति महान हैं परमेश्वर!”
Laß fröhlich sein und in dir sich freuen alle, die dich suchen! und die deine Rettung lieben, laß stets sagen: Erhoben sei Gott!
5 मैं दरिद्र और दुःखी पुरुष हूं; परमेश्वर, मेरी सहायता के लिए विलंब न कीजिए. आप ही मेरे सहायक और छुड़ानेवाले हैं; याहवेह, विलंब न कीजिए.
Ich aber bin elend und arm; o Gott, eile zu mir! Meine Hülfe und mein Erretter bist du; Jehova, zögere nicht!

< भजन संहिता 70 >