< भजन संहिता 67 >

1 संगीत निर्देशक के लिये. तार वाद्यों की संगत के साथ. एक स्तोत्र. एक गीत. परमेश्वर हम पर अनुग्रह करें, और आशीष दें, और उनका मुख हम पर प्रकाशित करते रहें.
ख़ुदा हम पर रहम करे और हम को बरक़त बख़्शे; और अपने चेहरे को हम पर जलवागर फ़रमाए, (सिलाह)
2 पृथ्वी पर आपकी इच्छा प्रकाशित होती रहे, तथा समस्त राष्ट्रों को आपके उद्धार का परिचय प्राप्‍त हो.
ताकि तेरी राह ज़मीन पर ज़ाहिर हो जाए, और तेरी नजात सब क़ौमों पर।
3 हे परमेश्वर, मनुष्य आपका स्तवन करते रहें; सभी मनुष्यों द्वारा आपका स्तवन होता रहे.
ऐ ख़ुदा! लोग तेरी ता'रीफ़ करें; सब लोग तेरी ता'रीफ़ करें।
4 हर एक राष्ट्र उल्‍लसित होकर हर्षोल्लास में गाने लगे, क्योंकि आपका न्याय सभी के लिए खरा है और आप पृथ्वी के हर एक राष्ट्र की अगुवाई करते हैं.
उम्मते ख़ुश हों और ख़ुशी से ललकारें, क्यूँकि तू रास्ती से लोगों की 'अदालत करेगा, और ज़मीन की उम्मतों पर हुकूमत करेगा (सिलाह)
5 हे परमेश्वर, मनुष्य आपका स्तवन करते रहें; सभी मनुष्यों द्वारा आपका स्तवन होता रहे.
ऐ ख़ुदा! लोग तेरी ता'रीफ़ करें; सब लोग तेरी ता'रीफ़ करें।
6 पृथ्वी ने अपनी उपज प्रदान की है; परमेश्वर, हमारे परमेश्वर, हम पर अपनी कृपादृष्टि बनाए रखें.
ज़मीन ने अपनी पैदावार दे दी, ख़ुदा या'नी हमारा ख़ुदा हम को बरकत देगा।
7 परमेश्वर हम पर अपनी कृपादृष्टि बनाए रखेंगे, कि पृथ्वी के दूर-दूर तक उनके लिए श्रद्धा प्रसारित हो जाए.
ख़ुदा हम को बरकत देगा; और ज़मीन की इन्तिहा तक सब लोग उसका डर मानेंगे।

< भजन संहिता 67 >