< भजन संहिता 58 >

1 संगीत निर्देशक के लिये. “अलतशख़ेथ” धुन पर आधारित. दावीद की मिकताम गीत रचना. न्यायाधीशो, क्या वास्तव में तुम्हारा निर्णय न्याय संगत होता है? क्या, तुम्हारा निर्णय वास्तव में निष्पक्ष ही होता है?
Au chef des chantres. Al tachhêt. Mikhtam de David. Est-ce qu’en vérité, ô puissants, vous prononcez de justes arrêts, et jugez avec droiture les fils de l’homme!
2 नहीं, मन ही मन तुम अन्यायपूर्ण युक्ति करते रहते हो, पृथ्वी पर तुम हिंसा परोसते हो.
Non, de tout cœur vous pratiquez l’injustice; dans le pays, vous mettez en œuvre la violence de vos mains.
3 दुष्ट लोग जन्म से ही फिसलते हैं, गर्भ से ही; परमेश्वर से झूठ बोलते हुए भटक जाते है.
Dès le sein de leur mère, les méchants sont fourvoyés; dès leur naissance, ils font fausse route, ceux qui débitent le mensonge.
4 उनका विष विषैले सर्प का विष है, उस बहरे सर्प के समान, जिसने अपने कान बंद कर रखे हैं.
Ils ont du venin pareil au venin du serpent, de l’aspic sourd qui se bouche l’oreille,
5 कि अब उसे संपेरे की धुन सुनाई न दे, चाहे वह कितना ही मधुर संगीत प्रस्तुत करे.
qui n’entend pas la voix des charmeurs, des magiciens les plus experts.
6 परमेश्वर, उनके मुख के भीतर ही उनके दांत तोड़ दीजिए; याहवेह, इन सिंहों के दाढों को ही उखाड़ दीजिए!
O Dieu, brise-leur les dents dans la bouche; fracasse, ô Eternel, les crocs des lionceaux!
7 वे जल के जैसे बहकर विलीन हो जाएं; जब वे धनुष तानें, उनके बाण निशाने तक नहीं पहुंचें.
Qu’ils se liquéfient comme de l’eau et s’écoulent! Que Dieu dirige ses flèches, pour qu’ils soient comme fauchés!
8 वे उस घोंघे के समान हो जाएं, जो सरकते-सरकते ही गल जाता है, अथवा उस मृत जन्मे शिशु के समान, जिसके लिए सूर्य प्रकाश का अनुभव असंभव है.
Qu’ils soient comme un limaçon, qui se dissout en rampant; comme l’avorton d’une femme, qui n’a pas vu le soleil!
9 इसके पूर्व कि कंटीली झाड़ियों में लगाई अग्नि का ताप पकाने के पात्र तक पहुंचे, वह जले अथवा अनजले दोनों ही को बवंडर में उड़ा देंगे.
Avant que vos marmites sentent la flamme des broussailles, que la tempête vienne tout enlever, qu’elles soient vertes encore ou déjà consumées!
10 धर्मी के लिए ऐसा पलटा आनन्द-दायक होगा, वह दुष्टों के रक्त में अपने पांव धोएगा.
Le juste se réjouira, quand il verra les représailles; il baignera ses pas dans le sang des méchants.
11 तब मनुष्य यह कह उठेंगे, “निश्चय धर्मी उत्तम प्रतिफल प्राप्‍त करते हैं; यह सत्य है कि परमेश्वर हैं और वह पृथ्वी पर न्याय करते हैं.”
Et l’on dira: "Certes, il y a une récompense pour le juste; certes, il est une divinité exerçant la justice sur terre!"

< भजन संहिता 58 >