< भजन संहिता 55 >
1 संगीत निर्देशक के लिये. तार वाद्यों की संगत के साथ. दावीद की मसकील गीत रचना परमेश्वर, मेरी प्रार्थना पर ध्यान दीजिए, मेरी गिड़गिड़ाहट को न ठुकराईए;
Jusqu'à la Fin, parmi les hymnes, instruction de David. Dieu, écoute ma prière, et ne méprise pas ma supplication.
2 मेरी गिड़गिड़ाहट सुनकर, मुझे उत्तर दीजिए. मेरे विचारों ने मुझे व्याकुल कर दिया है.
Sois attentif, et exauce moi; j'ai été contristé dans ma méditation, et j'ai été troublé
3 शत्रुओं की ललकार ने मुझे निराश कर छोड़ा है; उन्हीं के द्वारा मुझ पर कष्ट उण्डेले गए हैं और वे क्रोध में मुझे खरीखोटी सुना रहे हैं.
Par la voix de l'ennemi et la persécution du pécheur; car ils avaient tourné contre moi leur iniquité, et ils étaient pleins de colère contre moi.
4 भीतर ही भीतर मेरा हृदय वेदना में भर रहा है; मुझमें मृत्यु का भय समा गया है.
Mon cœur en moi a été troublé, et la terreur de la mort est tombée sur moi.
5 भय और कंपकंपी ने मुझे भयभीत कर लिया है; मैं आतंक से घिर चुका हूं.
La crainte et le tremblement m'ont saisi, et les ténèbres m'ont enveloppé,
6 तब मैं विचार करने लगा, “कैसा होता यदि कबूतर समान मेरे पंख होते! और मैं उड़कर दूर शांति में विश्राम कर पाता.
Et j'ai dit: Qui me donnera des ailes, comme à la colombe? Je m'envolerai et je me reposerai.
7 हां, मैं उड़कर दूर चला जाता, और निर्जन प्रदेश में निवास बना लेता.
Voilà que j'ai fui au loin, et j'ai demeuré dans la solitude.
8 मैं बवंडर और आंधी से दूर, अपने आश्रय-स्थल को लौटने की शीघ्रता करता.”
J'attendais Celui qui pouvait me sauver des défaillances de mon âme et de la tempête.
9 प्रभु, दुष्टों के मध्य फूट डाल दीजिए, उनकी भाषा में गड़बड़ी कर दीजिए, यह स्पष्ट ही है कि नगर में हिंसा और कलह फूट पड़े हैं.
Submerge-les, Seigneur, et divise leurs langues; car j'ai vu l'iniquité et la contradiction dans la cité.
10 दिन-रात वे शहरपनाह पर छिप-छिप कर घूमते रहते हैं; नगर में वैमनस्य और अधर्म का साम्राज्य है.
Jour et nuit l'iniquité assiégera ses remparts; il y aura l'iniquité, la douleur et l'injustice au milieu d'elles.
11 वहां विनाशकारी शक्तियां प्रबल हो रही हैं; गलियों में धमकियां और छल समाप्त ही नहीं होते.
L'usure et la fraude ne quittent pas ses places publiques.
12 यदि शत्रु मेरी निंदा करता तो यह, मेरे लिए सहनीय है; यदि मेरा विरोधी मेरे विरुद्ध उठ खड़ा हो तो, मैं उससे छिप सकता हूं.
Si un ennemi m'avait outragé, je l'aurais souffert; et si celui qui me hait avait parlé contre moi avec jactance, je me serais caché de lui.
13 किंतु यहां तो तुम, मेरे साथी, मेरे परम मित्र, मेरे शत्रु हो गए हैं, जो मेरे साथ साथ रहे हैं,
Mais toi, homme de mon cœur, mon guide, mon familier, toi qui goûtais avec moi des plus doux mets,
14 तुम्हारे ही साथ मैंने संगति के मेल-मिलाप अवसरों का आनंद लिया था, अन्य आराधकों के साथ हम भी साथ साथ परमेश्वर के भवन को जाते थे.
Avec qui j'étais de même cœur dans le temple du Seigneur!…
15 अब उत्तम वही होगा कि अचानक ही मेरे शत्रुओं पर मृत्यु आ पड़े; वे जीवित ही अधोलोक में उतर जाएं, क्योंकि बुराई उनके घर में आ बसी है, उनकी आत्मा में भी. (Sheol )
Que la mort vienne sur eux, qu'ils descendent vivants en enfer; car la méchanceté est dans leurs demeures, au milieu d'eux. (Sheol )
16 यहां मैं तो परमेश्वर को ही पुकारूंगा, याहवेह ही मेरा उद्धार करेंगे.
Pour moi, j'ai crié vers Dieu, et le Seigneur m'a exaucé.
17 प्रातः, दोपहर और संध्या मैं पीड़ा में कराहता रहूंगा, और वह मेरी पुकार सुनेंगे.
Le matin, à midi, le soir, je lui raconterai mes peines; je les lui ferai connaître, et il entendra ma voix.
18 उन्होंने मुझे उस युद्ध से बिना किसी हानि के सुरक्षित निकाल लिया, जो मेरे विरुद्ध किया जा रहा था जबकि मेरे अनेक विरोधी थे.
Il rachètera en paix mon âme de ceux qui m'ont approché; car ils étaient en grand nombre contre moi.
19 सर्वदा के सिंहासन पर विराजमान परमेश्वर, मेरी विनती सुनकर उन्हें ताड़ना करेंगे. वे ऐसे हैं, जिनका हृदय परिवर्तित नहीं होता; उनमें परमेश्वर का कोई भय नहीं.
Dieu m'exaucera, et il les humiliera, lui qui est avant tous les siècles; car il n'y a point en eux de changement, et ils n'ont jamais eu la crainte de Dieu.
20 मेरा साथी ही अपने मित्रों पर प्रहार कर रहा है; उसने अपनी वाचा भंग कर दी है.
Il a étendu la main pour les rétribuer; ils avaient souillé son alliance.
21 मक्खन जैसी चिकनी हैं उसकी बातें, फिर भी युद्ध उसके दिल में है; उसके शब्दों में तेल से अधिक कोमलता थी, फिर भी वे नंगी तलवार थे.
Ils ont été dispersés par la colère de sa face; puis son cœur s'est rapproché: leurs paroles avaient été plus douces que l'huile, et elles sont des dards.
22 अपने दायित्वों का बोझ याहवेह को सौंप दो, तुम्हारे बल का स्रोत वही हैं; यह हो ही नहीं सकता कि वह किसी धर्मी पुरुष को पतन के लिए शोकित छोड़ दें.
Confie au Seigneur toutes tes inquiétudes, et lui-même te nourrira; il ne laissera pas le juste en une perpétuelle fluctuation.
23 किंतु परमेश्वर, आपने दुष्टों के लिए विनाश के गड्ढे को निर्धारित किया है; रक्त पिपासु और कपटी मनुष्य अपनी आधी आयु तक भी पहुंच न पाएंगे. किंतु मेरा भरोसा आप पर अटल बना रहेगा.
Et toi, mon Dieu, tu les feras tomber dans le puits de perdition; les hommes de sang et de fraude n'arriveront pas à la moitié de leurs jours; pour moi, je mettrai mon espérance en toi. Seigneur.