< भजन संहिता 52 >
1 संगीत निर्देशक के लिये. दावीद की मसकील गीत रचना. इसका संदर्भ: एदोमवासी दोएग ने जाकर शाऊल को सूचित किया कि दावीद अहीमेलेख के आवास में ठहरे हैं. हे बलवान घमंडी, अपनी बुराई का अहंकार क्यों करता है? तू दिन भर क्यों घमंड करता है, तू जो परमेश्वर की नजर में एक अपमान है?
To the Overseer. — An instruction, by David, in the coming in of Doeg the Edomite, and he declareth to Saul, and saith to him, 'David came in unto the house of Ahimelech.' What, boasteth thou in evil, O mighty one? The kindness of God [is] all the day.
2 तेज उस्तरे जैसी तुम्हारी जीभ विनाश की बुरी युक्ति रचती रहती है, और तुम छल के कार्य में लिप्त रहते हो.
Mischiefs doth thy tongue devise, Like a sharp razor, working deceit.
3 तुम्हें भलाई से ज्यादा अधर्म, और सत्य से अधिक झूठाचार पसंद है.
Thou hast loved evil rather than good, Lying, than speaking righteousness. (Selah)
4 हे छली जीभ, तुझे तो हर एक बुरा शब्द प्रिय है!
Thou hast loved all devouring words, O thou deceitful tongue.
5 यह सुनिश्चित है कि परमेश्वर ने तेरे लिए स्थायी विनाश निर्धारित किया है: वह तुझे उखाड़कर तेरे निवास से दूर कर देंगे; परमेश्वर तुझे जीव-लोक से उखाड़ देंगे.
Also — God doth break thee down for ever, Taketh thee, and pulleth thee out of the tent, And He hath uprooted thee Out of the land of the living. (Selah)
6 यह देख धर्मी भयभीत हो जाएंगे; वे उसे देख यह कहते हुए उपहास करेंगे,
And the righteous see, And fear, and laugh at him.
7 “उस पुरुष को देखो, जिसने परमेश्वर को अपना आश्रय बनाना उपयुक्त न समझा परंतु उसने अपनी धन-संपत्ति पर भरोसा किया और अन्यों पर दुष्कर्म करते हुए सशक्त होता गया!”
'Lo, the man who maketh not God his strong place, And trusteth in the abundance of his riches, He is strong in his mischiefs.'
8 किंतु मैं परमेश्वर के निवास के हरे-भरे जैतून वृक्ष के समान हूं; मैं परमेश्वर के करुणा-प्रेम पर सदा-सर्वदा भरोसा रखता हूं.
And I, as a green olive in the house of God, I have trusted in the kindness of God, To the age and for ever,
9 परमेश्वर, मैं आपके द्वारा किए गए कार्यों के लिए सदा-सर्वदा आपका धन्यवाद करता रहूंगा. आपके नाम मेरी आशा रहेगी, क्योंकि वह उत्तम है, आपके भक्तों के उपस्थिति में मैं आपकी वंदना करता रहूंगा.
I thank Thee to the age, because Thou hast done [it], And I wait [on] Thy name for [it is] good before Thy saints!