< भजन संहिता 51 >
1 संगीत निर्देशक के लिये. दावीद का एक स्तोत्र. यह उस अवसर का लिखा है जब दावीद ने बैथशेबा से व्यभिचार किया और भविष्यद्वक्ता नाथान ने दावीद का सामना किया था. परमेश्वर, अपने करुणा-प्रेम में, अपनी बड़ी करुणा में; मुझ पर दया कीजिए, मेरे अपराधों को मिटा दीजिए.
Al Vencedor: Salmo de David, cuando después que entró a Betsabé, vino a él Natán el profeta. Ten misericordia de mí, oh Dios, conforme a tu misericordia; conforme a la multitud de tus piedades rae mis rebeliones.
2 मेरे समस्त अधर्म को धो दीजिए और मुझे मेरे पाप से शुद्ध कर दीजिए.
Lávame más y más de mi maldad, y límpiame de mi pecado.
3 मैंने अपने अपराध पहचान लिए हैं, और मेरा पाप मेरे दृष्टि पर छाया रहता है.
Porque yo reconozco mis rebeliones; y mi pecado está siempre delante de mí.
4 वस्तुतः मैंने आपके, मात्र आपके विरुद्ध ही पाप किया है, मैंने ठीक वही किया है, जो आपकी दृष्टि में बुरा है; तब जब आप अपने न्याय के अनुरूप दंड देते हैं, यह हर दृष्टि से न्याय संगत एवं उपयुक्त है.
Contra ti, contra ti solo he pecado, y he hecho lo malo delante de tus ojos; para que seas reconocido justo en tu palabra, y tenido por puro en tu juicio.
5 इसमें भी संदेह नहीं कि मैं जन्म के समय से ही पापी हूं, हां, उसी क्षण से, जब मेरी माता ने मुझे गर्भ में धारण किया था.
He aquí, en maldad he sido formado, y en pecado me concibió mi madre.
6 यह भी बातें हैं कि आपकी यह अभिलाषा है, कि हमारी आत्मा में सत्य हो; तब आप मेरे अंतःकरण में भलाई प्रदान करेंगे.
He aquí, tú amas la verdad en lo íntimo; y en lo secreto me has hecho comprender sabiduría.
7 जूफ़ा पौधे की टहनी से मुझे स्वच्छ करें, तो मैं शुद्ध हो जाऊंगा; मुझे धो दीजिए, तब मैं हिम से भी अधिक श्वेत हो जाऊंगा.
Purifícame con hisopo, y seré limpio; lávame, y seré emblanquecido más que la nieve.
8 मुझमें हर्षोल्लास एवं आनंद का संचार कीजिए; कि मेरी हड्डियां जिन्हें आपने कुचल दी हैं, मगन हो उठें.
Hazme oír gozo y alegría; y se recrearán los huesos que has abatido.
9 मेरे पापों को अपनी दृष्टि से दूर कर दीजिए और मेरे समस्त अपराध मिटा दीजिए.
Esconde tu rostro de mis pecados, y rae todas mis maldades.
10 परमेश्वर, मुझमें एक शुद्ध हृदय को उत्पन्न कीजिए, और मेरे अंदर में सुदृढ़ आत्मा की पुनःस्थापना कीजिए.
Crea en mí, oh Dios, un corazón limpio; y renueva un espíritu recto dentro de mí.
11 मुझे अपने सान्निध्य से दूर न कीजिए और मुझसे आपके पवित्रात्मा को न छीनिए.
No me eches de delante de ti; y no quites de mí tu santo Espíritu.
12 अपने उद्धार का उल्लास मुझमें पुनः संचारित कीजिए, और एक तत्पर आत्मा प्रदान कर मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.
Vuélveme el gozo de tu salud; y tu espíritu de libertad me sustentará.
13 तब मैं अपराधियों को आपकी नीतियों की शिक्षा दे सकूंगा, कि पापी आपकी ओर पुनः फिर सकें.
Enseñaré a los prevaricadores tus caminos; y los pecadores se convertirán a ti.
14 परमेश्वर, मेरे छुड़ानेवाले परमेश्वर, मुझे रक्तपात के दोष से मुक्त कर दीजिए, कि मेरी जीभ आपकी धार्मिकता का स्तुति गान कर सके.
Líbrame de homicidios, oh Dios, Dios de mi salud; cantará mi lengua tu justicia.
15 प्रभु, मेरे होंठों को खोल दीजिए, कि मेरे मुख से आपकी स्तुति-प्रशंसा हो सके.
Señor, abre mis labios; y publicará mi boca tu alabanza.
16 आपकी प्रसन्नता बलियों में नहीं है, अन्यथा मैं बलि अर्पित करता, अग्निबलि में भी आप प्रसन्न नहीं हैं.
Porque no quieres sacrificio, que yo lo daría; no quieres holocausto.
17 टूटी आत्मा ही परमेश्वर को स्वीकार्य योग्य बलि है; टूटे और पछताये हृदय से, हे परमेश्वर, आप घृणा नहीं करते हैं.
Los sacrificios de Dios son el espíritu quebrantado; al corazón contrito y humillado no despreciarás tú, oh Dios.
18 आपकी कृपादृष्टि से ज़ियोन की समृद्धि हो, येरूशलेम की शहरपनाह का पुनर्निर्माण हो.
Haz bien con tu voluntad a Sion; edifica los muros de Jerusalén.
19 तब धर्मी की अग्निबलि तथा सर्वांग पशुबलि अर्पण से आप प्रसन्न होंगे; और आपकी वेदी पर बैल अर्पित किए जाएंगे.
Entonces te agradarán los sacrificios de justicia, el holocausto u ofrenda del todo quemada; entonces ofrecerán sobre tu altar becerros.