< भजन संहिता 5 >

1 संगीत निर्देशक के लिये. बांसुरी वाद्यों के लिए. दावीद का एक स्तोत्र. याहवेह, मेरे वचनों पर ध्यान दें, मेरे शब्दों की आहों पर विचार करें.
לַמְנַצֵּחַ אֶֽל־הַנְּחִילוֹת מִזְמוֹר לְדָוִֽד׃ אֲמָרַי הַאֲזִינָה ׀ יְהֹוָה בִּינָה הֲגִיגִֽי׃
2 मेरे परमेश्वर, मेरे राजा, सहायता के लिए मेरी पुकार पर ध्यान दें, क्योंकि याहवेह, मेरी यह प्रार्थना आपसे है.
הַקְשִׁיבָה ׀ לְקוֹל שַׁוְעִי מַלְכִּי וֵאלֹהָי כִּֽי־אֵלֶיךָ אֶתְפַּלָּֽל׃
3 याहवेह, आप प्रातःकाल मेरी वाणी सुनेंगे; सूर्योदय के समय मैं आपको बलि अर्पित करूंगा और आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा करूंगा.
יְֽהֹוָה בֹּקֶר תִּשְׁמַע קוֹלִי בֹּקֶר אֶעֱרׇךְ־לְךָ וַאֲצַפֶּֽה׃
4 निःसंदेह आप वह परमेश्वर नहीं, जो दुष्टता का समर्थन करें; वस्तुतः बुराई आपके साथ नहीं रह सकती.
כִּי ׀ לֹא אֵֽל־חָפֵץ רֶשַׁע ׀ אָתָּה לֹא יְגֻרְךָ רָֽע׃
5 घमंडी आपकी उपस्थिति में ठहर नहीं सकते, दुष्ट आपके लिए घृणास्पद हैं;
לֹֽא־יִתְיַצְּבוּ הוֹלְלִים לְנֶגֶד עֵינֶיךָ שָׂנֵאתָ כׇּל־פֹּעֲלֵי אָֽוֶן׃
6 झूठ बोलने वालों का आप विनाश करते हैं. हत्यारों और धूर्तों से, याहवेह, को घृणा है.
תְּאַבֵּד דֹּבְרֵי כָזָב אִישׁ־דָּמִים וּמִרְמָה יְתָעֵב ׀ יְהֹוָֽה׃
7 किंतु आपके, अपार प्रेम के बाहुल्य के परिणामस्वरूप मैं, आपके आवास में प्रवेश कर सकूंगा; पूर्ण श्रद्धा में झुककर मैं आपके पवित्र मंदिर में आराधना करूंगा.
וַאֲנִי בְּרֹב חַסְדְּךָ אָבוֹא בֵיתֶךָ אֶשְׁתַּחֲוֶה אֶל־הֵֽיכַל־קׇדְשְׁךָ בְּיִרְאָתֶֽךָ׃
8 याहवेह, मेरे शत्रुओं के कारण अपने धर्ममय मार्ग पर मेरी अगुवाई करें; मेरे आगे-आगे अपने सीधे मार्ग को दिखा.
יְהֹוָה ׀ נְחֵנִי בְצִדְקָתֶךָ לְמַעַן שׁוֹרְרָי (הושר) [הַיְשַׁר] לְפָנַי דַּרְכֶּֽךָ׃
9 मेरे शत्रुओं का एक भी शब्द सच्चा नहीं है; उनके हृदय बुराई से भरे हैं. उनका गला खुली हुई कब्र समान है; उनकी जीभ चिकनी-चुपड़ी बातें करती है.
כִּי אֵין בְּפִיהוּ נְכוֹנָה קִרְבָּם הַוּוֹת קֶֽבֶר־פָּתוּחַ גְּרֹנָם לְשׁוֹנָם יַחֲלִיקֽוּן׃
10 प्रभु परमेश्वर! आप उन पर दंड-आज्ञा प्रसारित करें, कि अपनी ही युक्तियों के जाल में फंसकर उनका नाश हो जाए, उनके अपराधों की अधिकता के कारण आप उन्हें अपनी उपस्थिति से दूर करें, क्योंकि उन्होंने आपके विरुद्ध बलवा किया है.
הַאֲשִׁימֵם ׀ אֱֽלֹהִים יִפְּלוּ מִֽמֹּעֲצוֹתֵיהֶם בְּרֹב פִּשְׁעֵיהֶם הַדִּיחֵמוֹ כִּי־מָרוּ בָֽךְ׃
11 आनंदित हों आपके सभी शरणागत; सदैव हो उनका आनंद. आप उन्हें सुरक्षित रखें, जो आपसे प्रेम रखते हैं, वे सदैव उल्‍लसित रहें.
וְיִשְׂמְחוּ כׇל־חוֹסֵי בָךְ לְעוֹלָם יְרַנֵּנוּ וְתָסֵךְ עָלֵימוֹ וְֽיַעְלְצוּ בְךָ אֹהֲבֵי שְׁמֶֽךָ׃
12 याहवेह, धर्मियों पर आपकी कृपादृष्टि बनी रहती है; आप अपने अनुग्रह में उन्हें ढाल के समान सुरक्षा प्रदान करते हैं.
כִּֽי־אַתָּה תְּבָרֵךְ צַדִּיק יְהֹוָה כַּצִּנָּה רָצוֹן תַּעְטְרֶֽנּוּ׃

< भजन संहिता 5 >