< भजन संहिता 48 >
1 एक गीत. कोराह के पुत्रों की एक स्तोत्र रचना. महान हैं याहवेह, हमारे परमेश्वर के नगर में, उनके पवित्र पर्वत में, सर्वोच्च वंदना और प्रशंसा के योग्य.
Psalmus, Laus Cantici filiis Core secunda sabbati. Magnus Dominus, et laudabilis nimis in civitate Dei nostri, in monte sancto eius.
2 मनोहर हैं इसके शिखर, जिसमें समस्त पृथ्वी आनन्दमग्न है, ज़ियोन पर्वत उत्तर के उच्च पर्वत ज़ेफोन के समान है, जो राजाधिराज का नगर है.
Fundatur exultatione universae terrae mons Sion, latera Aquilonis, civitas Regis magni.
3 इसके राजमहलों में परमेश्वर निवास करते हैं; उन्होंने स्वयं को इसका गढ़ प्रमाणित कर दिया है.
Deus in domibus eius cognoscetur, cum suscipiet eam.
4 जब राजाओं ने अपनी सेनाएं संयुक्त की, जब उन्होंने इस पर आक्रमण किया,
Quoniam ecce reges terrae congregati sunt: convenerunt in unum.
5 तब वे इसे देख चकित रह गए; वे भयभीत हो भाग खड़े हुए.
Ipsi videntes sic admirati sunt, conturbati sunt, commoti sunt:
6 भय के कारण उन्हें वहां ऐसी कंपकंपी होने लगी, जैसी प्रसव पीड़ा में प्रसूता को होती है.
tremor apprehendit eos. Ibi dolores ut parturientis,
7 आपने उनका ऐसा विध्वंस किया, जैसे तरशीश के जलयानों का पूर्वी हवा के कारण हुआ था.
in spiritu vehementi conteres naves Tharsis.
8 जैसा हमने सुना था, और जैसा हमने देखा है सर्वशक्तिमान याहवेह के नगर में, हमारे परमेश्वर के नगर में: परमेश्वर उसे सर्वदा महिमा प्रदान करेंगे.
Sicut audivimus, sic vidimus in civitate Domini virtutum, in civitate Dei nostri: Deus fundavit eam in aeternum.
9 परमेश्वर, आपके मंदिर में, हमने आपके करुणा-प्रेम पर चिंतन किया है.
Suscepimus Deus misericordiam tuam, in medio templi tui.
10 जैसी आपकी महिमा है, वैसी ही आपकी स्तुति-प्रशंसा भी पृथ्वी के छोर तक पहुंच रही है; आपका दायां हाथ धार्मिकता से भरा है.
Secundum nomen tuum Deus, sic et laus tua in fines terrae: iustitia plena est dextera tua.
11 ज़ियोन पर्वत उल्लसित है, यहूदाह प्रदेश के नगर आपके निष्पक्ष न्याय के कारण हर्षित हो रहे हैं.
Laetetur mons Sion, et exultent filiae Iudae, propter iudicia tua Domine.
12 ज़ियोन की परिक्रमा करते हुए, उसके स्तंभों की गणना करो.
Circumdate Sion, et complectimini eam: narrate in turribus eius.
13 उसकी शहरपनाह पर दृष्टि लगाओ, उसके महलों का भ्रमण करो, कि तत्पश्चात तुम अगली पीढ़ी को इनके विषय में बता सको.
Ponite corda vestra in virtute eius: et distribuite domos eius, ut enarretis in progenie altera.
14 यही हैं वह परमेश्वर, जो युगानुयुग के लिए हमारे परमेश्वर हैं; वही अंत तक हमारी अगुवाई करते रहेंगे.
Quoniam hic est Deus, Deus noster in aeternum, et in saeculum saeculi: ipse reget nos in saecula.