< भजन संहिता 31 >
1 संगीत निर्देशक के लिये. दावीद का एक स्तोत्र. याहवेह, मैंने आप में ही शरण ली है; मुझे कभी लज्जित न होने दीजिए; अपनी धार्मिकता के कारण हे परमेश्वर, मेरा बचाव कीजिए.
Al maestro de coro. Salmo de David. En Ti, Yahvé, me refugio; no quede yo nunca confundido; sálvame con tu justicia.
2 मेरी पुकार सुनकर, तुरंत मुझे छुड़ा लीजिए; मेरी आश्रय-चट्टान होकर मेरे उद्धार का, दृढ़ गढ़ बनकर मेरी रक्षा कीजिए.
Inclina a mí tu oído, apresúrate a librarme. Sé para mí la roca de seguridad, la fortaleza donde me salves.
3 इसलिये कि आप मेरी चट्टान और मेरा गढ़ हैं, अपनी ही महिमा के निमित्त मेरे मार्ग में अगुवाई एवं संचालन कीजिए.
Porque Tú eres mi peña y mi baluarte, y por la gloria de tu nombre, cuidarás de mí y me conducirás.
4 मुझे उस जाल से बचा लीजिए जो मेरे लिए बिछाया गया है, क्योंकि आप ही मेरा आश्रय-स्थल हैं.
Tú me sacarás de la red, que ocultamente me tendieron, porque eres mi protector.
5 अपनी आत्मा मैं आपके हाथों में सौंप रहा हूं; याहवेह, सत्य के परमेश्वर, आपने ही मुझे मुक्त किया है.
En tus manos encomiendo mi espíritu. ¡Tú me redimirás, oh Yahvé, Dios fiel!
6 मुझे घृणा है व्यर्थ प्रतिमाओं के उपासकों से; किंतु मेरी, आस्था है याहवेह में.
Aborreces a los que dan culto a vanos ídolos, mas yo pongo mi confianza en Yahvé.
7 मैं हर्षित होकर आपके करुणा-प्रेम में उल्लसित होऊंगा, आपने मेरी पीड़ा पर ध्यान दिया और मेरे प्राण की वेदना को पहचाना है.
Rebosaré de gozo y alegría por tu compasión; pues Tú ves mi miseria, y has socorrido a mi alma en sus angustias;
8 आपने मुझे शत्रु के हाथों में नहीं सौंपा और आपने मेरे पैरों को एक विशाल स्थान पर स्थापित किया है.
nunca me entregaste en manos del enemigo, sino que afianzaste mis pies en lugar espacioso.
9 याहवेह, मुझ पर अनुग्रह कीजिए, मैं इस समय संकट में हूं; शोक से मेरी आंखें धुंधली पड़ चुकी हैं, मेरे प्राण तथा मेरी देह भी शिथिल हो चुकी है.
Ten piedad de mí, Yahvé, porque estoy conturbado; mis ojos decaen de tristeza, mi alma y mi cuerpo desfallecen juntamente.
10 वेदना में मेरा जीवन समाप्त हुआ जा रहा है; आहें भरते-भरते मेरी आयु नष्ट हो रही है; अपराधों ने मेरी शक्ति को खत्म कर दिया है, मेरी हड्डियां तक जीर्ण हो चुकी हैं.
Porque mi vida se va acabando entre dolores y mis años entre gemidos. Mi vigor ha flaqueado en la aflicción, y se han debilitado mis huesos.
11 विरोधियों के कारण, मैं अपने पड़ोसियों के सामने घृणास्पद बन गया हूं, मैं अपने परिचितों के सामने भयास्पद बन गया हूं, सड़क पर मुझे देख वे छिपने लगते हैं.
He venido a ser objeto de oprobio para todos mis enemigos, de burla para mis vecinos y de horror para mis amigos: los que me encuentran por la calle se apartan de mí;
12 उन्होंने मुझे ऐसे भुला दिया है मानो मैं एक मृत पुरुष हूं; मैं वैसा ही व्यर्थ हो गया हूं जैसे एक टूटा पात्र.
como si hubiera muerto, se ha borrado mi recuerdo de sus corazones; he llegado a ser como una vasija rota.
13 अनेकों का फुसफुस करना मैं सुन रहा हूं; “आतंक ने मुझे चारों ओर से घेर लिया है!” वे मेरे विरुद्ध सम्मति रच रहे हैं, वे मेरे प्राण लेने के लिए तैयार हो गए हैं.
Oigo el hablar malévolo de muchos, y esparcir el espanto en torno mío. Mientras a una se conjuran contra mí, han pensado en quitarme la vida.
14 किंतु याहवेह, मैंने आप पर भरोसा रखा है; यह मेरी साक्षी है, “आप ही मेरे परमेश्वर हैं.”
Pero yo confío en Ti, Yahvé; digo: “Tú eres mi Dios.”
15 मेरा जीवन आपके ही हाथों में है; मुझे मेरे शत्रुओं से छुड़ा लीजिए, उन सबसे मेरी रक्षा कीजिए, जो मेरा पीछा कर रहे हैं.
Mi destino está en tu mano; sácame del poder de mis enemigos y de mis perseguidores.
16 अपने मुखमंडल का प्रकाश अपने सेवक पर चमकाईए; अपने करुणा-प्रेम के कारण मेरा उद्धार कीजिए.
Muestra a tu siervo tu rostro sereno; sálvame por tu misericordia.
17 याहवेह, मुझे लज्जित न होना पड़े, मैं बार-बार आपको पुकारता रहा हूं; लज्जित हों दुष्ट और अधोलोक हो उनकी नियति, जहां जाकर वे चुपचाप हो जाएं. (Sheol )
Oh Yahvé, no tenga yo que avergonzarme por haberte invocado; avergonzados queden los impíos y reducidos al silencio del abismo. (Sheol )
18 उनके झूठ भाषी ओंठ मूक हो जाएं, क्योंकि वे घृणा एवं घमण्ड से प्रेरित हो, धर्मियों के विरुद्ध अहंकार करते रहते हैं.
Enmudezcan esos labios mentirosos que, con soberbia y menosprecio, hablan inicuamente contra el justo.
19 कैसी महान है आपकी भलाई, जो आपने अपने श्रद्धालुओं के निमित्त आरक्षित रखी है, जो आपने अपने शरणागतों के लिए सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित की है.
¡Oh cuán grande, Señor, es la bondad que reservas para los que te temen, y concedes a quienquiera recurre a Ti delante de los hombres!
20 अपनी उपस्थिति के आश्रय-स्थल में आप उन्हें मनुष्यों के षड़्यंत्रों से सुरक्षा प्रदान करते हैं; अपने आवास में आप उन्हें शत्रुओं के झगड़ालू जीभ से सुरक्षा प्रदान करते हैं.
Tú proteges a cada uno con tu propio rostro, frente a la conspiración de los hombres; en tu tienda los escondes del azote de las lenguas.
21 स्तुत्य हैं, याहवेह! जब शत्रुओं ने मुझे घेर लिया था, उन्होंने मुझ पर अपना करुणा-प्रेम प्रदर्शित किया.
Bendito sea Yahvé, porque en ciudad fuerte ha mostrado su admirable misericordia para conmigo.
22 घबराहट में मैं कह उठा था, “मैं आपकी दृष्टि से दूर हो चुका हूं!” किंतु जब मैंने सहायता के लिए आपको आवाज दी तब आपने मेरी पुकार सुन ली.
Verdad que yo, en mi perturbación, llegué a decir: “Separado estoy de tu vista”; mas Tú oíste la voz de mi súplica cuando grité hacia Ti.
23 याहवेह के सभी भक्तो, उनसे प्रेम करो! सच्चे लोगों को याहवेह सुरक्षा प्रदान करते हैं, किंतु अहंकारी को पूरा-पूरा दंड.
Amad a Yahvé, todos sus santos, pues Yahvé protege a los fieles, mientras retribuye plenamente a los que obran con soberbia.
24 तुम सभी, जिन्होंने याहवेह पर भरोसा रखा है, दृढ़ रहते हुए साहसी बनो.
¡Animaos y confortad vuestro corazón, todos los que esperáis en Yahvé!