< भजन संहिता 27 >

1 दावीद की रचना. याहवेह मेरी ज्योति और उद्धार हैं; मुझे किसका भय हो सकता है? याहवेह मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ हैं, तो मुझे किसका भय?
[A Psalm] of David. Jehovah is my light and my salvation; Whom shall I fear? Jehovah is the strength of my life; Of whom shall I be afraid?
2 जब दुर्जन मुझे निगलने के लिए मुझ पर आक्रमण करते हैं, जब मेरे विरोधी तथा मेरे शत्रु मेरे विरुद्ध उठ खड़े होते हैं, वे ठोकर खाकर गिर जाते हैं.
When evil-doers came upon me to eat up my flesh, [Even] mine adversaries and my foes, they stumbled and fell.
3 यदि एक सेना भी मुझे घेर ले, तब भी मेरा हृदय भयभीत न होगा; यदि मेरे विरुद्ध युद्ध भी छिड़ जाए, तब भी मैं पूर्णतः निश्चिंत बना रहूंगा.
Though a host should encamp against me, My heart shall not fear: Though war should rise against me, Even then will I be confident.
4 याहवेह से मैंने एक ही प्रार्थना की है, यही मेरी आकांक्षा है: मैं आजीवन याहवेह के आवास में निवास कर सकूं, कि याहवेह के सौंदर्य को देखता रहूं और उनके मंदिर में मनन करता रहूं.
One thing have I asked of Jehovah, that will I seek after: That I may dwell in the house of Jehovah all the days of my life, To behold the beauty of Jehovah, And to inquire in his temple.
5 क्योंकि वही हैं जो संकट काल में मुझे आश्रय देंगे; वही मुझे अपने गुप्‍त-मंडप के आश्रय में छिपा लेंगे और एक उच्च चट्टान में मुझे सुरक्षा प्रदान करेंगे.
For in the day of trouble he will keep me secretly in his pavilion: In the covert of his tabernacle will he hide me; He will lift me up upon a rock.
6 तब जिन शत्रुओं ने मुझे घेरा हुआ है, उनके सामने मेरा मस्तक ऊंचा हो जाएगा. तब उच्च हर्षोल्लास के साथ मैं याहवेह के गुप्‍त-मंडप में बलि अर्पित करूंगा; मैं गाऊंगा, हां, मैं याहवेह की वंदना करूंगा.
And now shall my head be lifted up above mine enemies round about me; And I will offer in his tabernacle sacrifices of joy; I will sing, yea, I will sing praises unto Jehovah.
7 याहवेह, मेरी वाणी सुनिए; मुझ पर कृपा कर मुझे उत्तर दीजिए.
Hear, O Jehovah, when I cry with my voice: Have mercy also upon me, and answer me.
8 आपने कहा, “मेरे खोजी बनो!” मेरा हृदय आपसे यह कहता है, याहवेह, मैं आपका ही खोजी बनूंगा.
[When thou saidst], Seek ye my face; my heart said unto thee, Thy face, Jehovah, will I seek.
9 मुझसे अपना मुखमंडल न छिपाइए, क्रोध में अपने सेवक को दूर न कीजिए; आप ही मेरे सहायक रहे हैं. मेरे परमेश्वर, मेरे उद्धारक मुझे अस्वीकार न कीजिए और न मेरा परित्याग कीजिए.
Hide not thy face from me; Put not thy servant away in anger: Thou hast been my help; Cast me not off, neither forsake me, O God of my salvation.
10 मेरे माता-पिता भले ही मेरा परित्याग कर दें, किंतु याहवेह मुझे स्वीकार कर लेंगे.
When my father and my mother forsake me, Then Jehovah will take me up.
11 याहवेह, मुझे अपने आचरण की शिक्षा दें; मेरे शत्रुओं के मध्य सुरक्षित मार्ग पर मेरी अगुवाई करें.
Teach me thy way, O Jehovah; And lead me in a plain path, Because of mine enemies.
12 मुझे मेरे शत्रुओं की इच्छापूर्ति का साधन होने के लिए न छोड़ दें, मेरे विरुद्ध झूठे साक्ष्य उठ खड़े हुए हैं, वे सभी हिंसा पर उतारू हैं.
Deliver me not over unto the will of mine adversaries: For false witnesses are risen up against me, And such as breathe out cruelty.
13 मुझे यह पूर्ण निश्चय है: कि मैं इसी जीवन में, याहवेह की कृपादृष्टि का अनुभव करूंगा.
[I had fainted], unless I had believed to see the goodness of Jehovah In the land of the living.
14 याहवेह में अपनी आशा स्थिर रखो; दृढ़ रहकर साहसी बनो, हां, याहवेह पर भरोसा रखो.
Wait for Jehovah: Be strong, and let thy heart take courage; Yea, wait thou for Jehovah.

< भजन संहिता 27 >