< भजन संहिता 25 >

1 दावीद की रचना. याहवेह, मैंने आप पर अपनी आत्मा समर्पित की है.
Mazmur Daud. Kepada-Mu, ya TUHAN, kupanjatkan doaku,
2 मेरे परमेश्वर, मैंने आप पर भरोसा किया है; मुझे लज्जित होने न दीजिए, और न मेरे शत्रु मेरा पीछा करने पाएं.
ya Allahku, aku percaya kepada-Mu! Jangan biarkan aku dipermalukan, dan disoraki musuh-musuhku.
3 कोई भी, जिसने आप पर अपनी आशा रखी है लज्जित कदापि नहीं किया जा सकता, लज्जित वे किए जाएंगे, जो विश्वासघात करते हैं.
Orang yang berkhianat kepada-Mu akan dipermalukan, tetapi yang percaya kepada-Mu tak akan dikecewakan.
4 याहवेह, मुझे अपने मार्ग दिखा, मुझे अपने मार्गों की शिक्षा दीजिए.
Tunjukkanlah kehendak-Mu kepadaku, ya TUHAN, nyatakanlah apa yang harus kulakukan.
5 अपने सत्य की ओर मेरी अगुवाई कीजिए और मुझे शिक्षा दीजिए, क्योंकि आप मेरे छुड़ानेवाले परमेश्वर हैं, दिन भर मैं आपकी ही प्रतीक्षा करता रहता हूं.
Ajarilah dan bimbinglah aku untuk hidup menurut kehendak-Mu, sebab Engkaulah Allah yang menyelamatkan aku, aku selalu berharap kepada-Mu.
6 याहवेह, अपनी असीम दया तथा अपने करुणा-प्रेम का स्मरण कीजिए, जो अनंत काल से होते आए हैं.
Ingatlah kebaikan dan kasih-Mu, ya TUHAN, yang Kautunjukkan sejak semula.
7 युवावस्था में किए गए मेरे अपराधों का तथा मेरे हठीले आचरण का लेखा न रखिए; परंतु, याहवेह, अपनी करुणा में मेरा स्मरण रखिए, क्योंकि याहवेह, आप भले हैं!
Ampunilah dosa dan kesalahan masa mudaku, ingatlah aku sesuai dengan kasih dan kebaikan-Mu.
8 याहवेह भले एवं सत्य हैं, तब वह पापियों को अपनी नीतियों की शिक्षा देते हैं.
Sebab TUHAN baik dan adil, Ia menunjukkan jalan kepada orang yang sesat.
9 विनीत को वह धर्ममय मार्ग पर ले चलते हैं, तथा उसे अपने मार्ग की शिक्षा देते हैं.
TUHAN membimbing orang yang rendah hati, dan mengajar mereka kehendak-Nya.
10 जो याहवेह की वाचा एवं व्यवस्था का पालन करते हैं, उनके सभी मार्ग उनके लिए प्रेमपूर्ण एवं विश्वासयोग्य हैं.
Orang yang taat pada perjanjian dan hukum-Nya, diperlakukan-Nya dengan kasih dan setia.
11 याहवेह, अपनी महिमा के निमित्त, मेरा अपराध क्षमा करें, यद्यपि मेरा अपराध घोर है.
TUHAN, ampunilah aku sesuai dengan janji-Mu, sebab besarlah kesalahanku.
12 तब कौन है वह मनुष्य, जो याहवेह से डरता है? याहवेह उस पर वह मार्ग प्रकट करेंगे, जिस पर उसका चलना भला है.
TUHAN mengajarkan kepada orang takwa jalan yang harus mereka tempuh.
13 तब समृद्ध होगा उसका जीवन, और उसकी सन्तति उस देश पर शासन करेगी.
Mereka akan tetap hidup makmur, anak cucu mereka akan mewarisi tanah pusaka.
14 अपने श्रद्धालुओं पर ही याहवेह अपने रहस्य प्रकाशित करते हैं; उन्हीं पर वह अपनी वाचा प्रगट करते हैं.
TUHAN adalah sahabat orang yang takwa, Ia menyatakan maksud-Nya kepada mereka.
15 मेरी आंखें एकटक याहवेह को देख रहीं हैं, क्योंकि वही मेरे पैरों को फंदे से मुक्त करेंगे.
Mataku tetap terarah kepada TUHAN, sebab Ia menyelamatkan aku dari bahaya.
16 हे याहवेह, मेरी ओर मुड़कर मुझ पर कृपादृष्टि कीजिए, क्योंकि मैं अकेला तथा पीड़ित हूं.
Pandanglah aku, dan kasihani aku, sebab aku kesepian dan sengsara.
17 मेरे हृदय का संताप बढ़ गया है, मुझे मेरी यातनाओं से बचा लीजिए.
Kesusahan hatiku semakin bertambah bebaskanlah aku dari kesesakanku.
18 मेरी पीड़ा और यातना पर दृष्टि कीजिए, और मेरे समस्त पाप क्षमा कर दीजिए.
Perhatikanlah sengsara dan kesukaranku, dan ampunilah semua dosaku.
19 देखिए, मेरे शत्रुओं की संख्या कितनी बड़ी है, यह भी देखिए कि मेरे प्रति कितनी उग्र है उनकी घृणा!
Lihatlah betapa banyak musuhku; mereka sangat membenci aku.
20 मेरे जीवन की रक्षा कीजिए और मुझे बचा लीजिए; मुझे लज्जित न होना पड़े, क्योंकि मैं आपके आश्रय में आया हूं.
Jagalah dan selamatkanlah aku, supaya aku tidak mendapat malu, sebab aku berlindung pada-Mu.
21 खराई तथा सच्चाई मुझे सुरक्षित रखें, क्योंकि मैंने आप पर ही भरोसा किया है.
Semoga kebaikan dan kejujuran mengawal aku, sebab aku berharap kepada-Mu.
22 हे परमेश्वर, इस्राएल को बचा लीजिए, समस्त संकटों से इस्राएल को मुक्त कीजिए!
Ya Allah, bebaskanlah umat-Mu dari segala kesesakannya.

< भजन संहिता 25 >