< भजन संहिता 21 >

1 संगीत निर्देशक के लिये. दावीद का एक स्तोत्र. याहवेह, आपकी शक्ति पर राजा हर्षित है. आपके द्वारा प्रदान किये गये उद्धार से राजा का हर्षातिरेक देखते ही बनता है!
לַמְנַצֵּחַ מִזְמוֹר לְדָוִֽד׃ יְֽהֹוָה בְּעׇזְּךָ יִשְׂמַח־מֶלֶךְ וּבִישׁוּעָתְךָ מַה־[יָּגֶל] (יגיל) מְאֹֽד׃
2 आपने उसके हृदय का मनोरथ पूर्ण किया है, आपने उसके अनुरोध को पूर्ण करने में अस्वीकार नहीं किया.
תַּאֲוַת לִבּוֹ נָתַתָּה לּוֹ וַאֲרֶשֶׁת שְׂפָתָיו בַּל־מָנַעְתָּ סֶּֽלָה׃
3 आपने उत्कृष्ट आशीषों के साथ उसका स्वागत किया है, आपने उसके सिर को कुन्दन के मुकुट से सुशोभित किया है.
כִּֽי־תְקַדְּמֶנּוּ בִּרְכוֹת טוֹב תָּשִׁית לְרֹאשׁוֹ עֲטֶרֶת פָּֽז׃
4 राजा ने आपसे जीवन की प्रार्थना की, आपने उसे जीवनदान किया— हां, सदैव का जीवन.
חַיִּים ׀ שָׁאַל מִמְּךָ נָתַתָּה לּוֹ אֹרֶךְ יָמִים עוֹלָם וָעֶֽד׃
5 आपके द्वारा दिए गये विजय से राजा की महिमा ऊंची हुई है; आपने उसे ऐश्वर्य एवं तेज से विभूषित किया है.
גָּדוֹל כְּבוֹדוֹ בִּישׁוּעָתֶךָ הוֹד וְהָדָר תְּשַׁוֶּה עָלָֽיו׃
6 निःसंदेह आपने उसे सर्वदा के लिये आशीषें प्रदान की हैं, अपनी उपस्थिति के आनंद से आपने उसे उल्‍लसित किया है.
כִּֽי־תְשִׁיתֵהוּ בְרָכוֹת לָעַד תְּחַדֵּהוּ בְשִׂמְחָה אֶת־פָּנֶֽיךָ׃
7 यह इसलिये कि महाराज का भरोसा याहवेह पर है; सर्वोच्च परमेश्वर की करुणा, प्रेम के कारण राजा अटल रहेगा.
כִּֽי־הַמֶּלֶךְ בֹּטֵחַ בַּיהֹוָה וּבְחֶסֶד עֶלְיוֹן בַּל־יִמּֽוֹט׃
8 आप समस्त शत्रुओं को ढूंढ़ निकालेंगे; आपका बाहुबल उन सभी को कैद कर लाएगा, जो आपसे घृणा करते हैं.
תִּמְצָא יָדְךָ לְכׇל־אֹיְבֶיךָ יְמִֽינְךָ תִּמְצָא שֹׂנְאֶֽיךָ׃
9 आपके प्रकट होने पर, वे सभी जलते भट्टी में जल जाएंगे. अपने कोप में याहवेह उन्हें निगल जाएगा, उनकी अग्नि उन्हें भस्म कर देगी.
תְּשִׁיתֵמוֹ ׀ כְּתַנּוּר אֵשׁ לְעֵת פָּנֶיךָ יְהֹוָה בְּאַפּוֹ יְבַלְּעֵם וְֽתֹאכְלֵם אֵֽשׁ׃
10 आप उनकी सन्तति को पृथ्वी से मिटा देंगे, उनके वंशज मनुष्यों के मध्य नहीं रह जाएंगे.
פִּרְיָמוֹ מֵאֶרֶץ תְּאַבֵּד וְזַרְעָם מִבְּנֵי אָדָֽם׃
11 यद्यपि आपके विरुद्ध उनकी योजना बुराई करने की है तथा वे युक्ति भी रचेंगे, वे सफल न हो पाएंगे.
כִּי־נָטוּ עָלֶיךָ רָעָה חָֽשְׁבוּ מְזִמָּה בַּל־יוּכָֽלוּ׃
12 क्योंकि जब आप धनुष से उन पर निशाना लगाएंगे, आपके कारण वे पीठ दिखाकर भाग खड़े होंगे.
כִּי תְּשִׁיתֵמוֹ שֶׁכֶם בְּמֵֽיתָרֶיךָ תְּכוֹנֵן עַל־פְּנֵיהֶֽם׃
13 अपनी शक्ति में, याहवेह, आप ऊंचे होते जाएं; हम आपके सामर्थ्य का गुणगान करेंगे.
רוּמָה יְהֹוָה בְּעֻזֶּךָ נָשִׁירָה וּֽנְזַמְּרָה גְּבוּרָתֶֽךָ׃

< भजन संहिता 21 >