< भजन संहिता 150 >
1 याहवेह का स्तवन हो. परमेश्वर का उनके मंदिर में स्तवन हो; अत्यंत विशाल आकाश में उनका स्तवन हो.
Praise JAH. Praise God in his sanctuary. Praise him in his heavens for his acts of power.
2 उनके अद्भुत कार्यों के लिए उनका स्तवन हो; उनके सर्वोत्कृष्ट महानता के योग्य उनका स्तवन हो.
Praise him for his mighty acts. Praise him according to his excellent greatness.
3 तुरही के साथ उनका स्तवन हो, वीणा तथा किन्नोर की संगत पर उनका स्तवन हो,
Praise him with the sounding of the trumpet. Praise him with harp and lyre.
4 खंजरी और नृत्य के साथ उनका स्तवन हो, तन्तु एवं बांसुरी के साथ उनका स्तवन हो,
Praise him with tambourine and dancing. Praise him with stringed instruments and flute.
5 झांझ की ध्वनि की संगत पर उनका स्तवन हो, झांझ की उच्च झंकार में उनका स्तवन हो.
Praise him with loud cymbals. Praise him with resounding cymbals.
6 हर एक प्राणी, जिसमें जीवन का श्वास है, याहवेह का स्तवन करे. याहवेह का स्तवन हो!
Let everything that has breath praise JAH. Praise JAH.