< भजन संहिता 150 >
1 याहवेह का स्तवन हो. परमेश्वर का उनके मंदिर में स्तवन हो; अत्यंत विशाल आकाश में उनका स्तवन हो.
Praise the Lord! Praise God in his holy place! Praise him in the great expanse of heaven!
2 उनके अद्भुत कार्यों के लिए उनका स्तवन हो; उनके सर्वोत्कृष्ट महानता के योग्य उनका स्तवन हो.
Praise him for the amazing things he does! Praise him for how wonderfully great he is!
3 तुरही के साथ उनका स्तवन हो, वीणा तथा किन्नोर की संगत पर उनका स्तवन हो,
Praise him with the sound of the trumpet, praise him with harp and lyre!
4 खंजरी और नृत्य के साथ उनका स्तवन हो, तन्तु एवं बांसुरी के साथ उनका स्तवन हो,
Praise him with tambourine and dancing, praise him with strings and flutes!
5 झांझ की ध्वनि की संगत पर उनका स्तवन हो, झांझ की उच्च झंकार में उनका स्तवन हो.
Praise him with the clash of cymbals, praise him with really loud cymbals!
6 हर एक प्राणी, जिसमें जीवन का श्वास है, याहवेह का स्तवन करे. याहवेह का स्तवन हो!
Let everything that breathes praise the Lord! Praise the Lord!