< भजन संहिता 149 >
1 याहवेह का स्तवन हो. याहवेह के लिए एक नया गीत गाओ, भक्तों की सभा में उनका स्तवन किया जाए.
Lobet Jah! / Singet Jahwe ein neues Lied, / Singt sein Lob in der Frommen Versammlung!
2 इस्राएल अपने कर्ता में आनंदित हो; ज़ियोन की सन्तति अपने राजा में उल्लसित हो.
Israel freue sich seines Schöpfers, / Zions Söhne mögen über ihren König jubeln!
3 वे उनकी महिमा में नृत्य के साथ स्तवन करें; वे खंजरी और किन्नोर की संगत पर संगीत गाया करें.
Sie mögen seinen Namen preisen im Reigentanz, / Mit Pauke und Zither ihm spielen!
4 क्योंकि याहवेह का आनंद उनकी प्रजा में मगन है; वह भोले पुरुष को उद्धार से सुशोभित करते हैं.
Denn Gefallen hat Jahwe an seinem Volk, / Er schmückt die Dulder mit Heil.
5 सात्विक उनके पराक्रम में प्रफुल्लित रहें, यहां तक कि वे अपने बिछौने पर भी हर्षोल्लास में गाते रहें.
Frohlocken mögen die Frommen in ihrer Seele, / Jubeln auf ihren Lagern!
6 उनके कण्ठ में परमेश्वर के लिए सर्वोत्कृष्ट वंदना तथा उनके हाथों में दोधारी तलवार हो.
Ihr Mund sei voll von Gottes Lobpreis, / Ihre Hand aber führe ein zweischneidig Schwert!
7 वे अन्य राष्ट्रों पर प्रतिशोध तथा उनकी प्रजा पर दंड के लिए तत्पर रहें,
So sollen sie Rache üben an den Heiden, / Strafe an den Völkern.
8 कि उनके राजा बेड़ियों में बंदी बनाए जाएं और उनके अधिकारी लोहे की जंजीरों में,
Deren Könige sollen sie binden mit Ketten, / Ihre Edlen mit eisernen Fesseln,
9 कि उनके लिए निर्धारित दंड दिया जाए, यह उनके समस्त भक्तों का सम्मान होगा. याहवेह का स्तवन हो.
Und so an ihnen vollziehn das geschriebne Recht: / Das ist ein Ruhm für all seine Frommen. / Lobt Jah!