< भजन संहिता 146 >

1 याहवेह का स्तवन हो. मेरे प्राण, याहवेह का स्तवन करो.
Rəbbə həmd edin! Ey könlüm, Rəbbə həmd et!
2 जीवन भर मैं याहवेह का स्तवन करूंगा; जब तक मेरा अस्तित्व है, मैं अपने परमेश्वर का स्तुति गान करता रहूंगा.
Ömür boyu Rəbbə həmdlər söyləyəcəyəm, Allahımı nə qədər varam, tərənnüm edəcəyəm!
3 प्रधानों पर अपना भरोसा आधारित न करो—उस नश्वर मनुष्य पर, जिसमें किसी को छुड़ाने की कोई सामर्थ्य नहीं है.
Əsilzadələrə, Sizi qurtara bilməyən bəşər oğluna güvənməyin.
4 जब उसके प्राण पखेरू उड़ जाते हैं, वह भूमि में लौट जाता है; और ठीक उसी समय उसकी योजनाएं भी नष्ट हो जाती हैं.
Onlar canı çıxan kimi torpağa düşər, Niyyətləri bircə anda yox olar.
5 धन्य होता है वह पुरुष, जिसकी सहायता का उगम याकोब के परमेश्वर में है, जिसकी आशा याहवेह, उसके परमेश्वर पर आधारित है.
Nə bəxtiyardır Yaqubun Allahından kömək alan, Yalnız Allahı Rəbbə ümid bağlayan insan!
6 वही स्वर्ग और पृथ्वी के, समुद्र तथा उसमें चलते फिरते सभी प्राणियों के कर्ता हैं; वह सदा-सर्वदा विश्वासयोग्य रहते हैं.
Odur göyləri, yeri, dənizi, dənizdəkiləri yaradan, Odur əbədi sadiq qalan.
7 वही दुःखितों के पक्ष में न्याय निष्पन्‍न करते हैं, भूखों को भोजन प्रदान करते हैं. याहवेह बंदी को छुड़ाते हैं,
O, miskinlərə haqq qazandırır, O, acları azuqə ilə doydurur. Rəbb əsirləri azad edir,
8 वह अंधों की आंखें खोल दृष्टि प्रदान करते हैं, याहवेह झुके हुओं को उठाकर सीधा खड़ा करते हैं, उन्हें नीतिमान पुरुष प्रिय हैं.
Rəbb kor gözləri açır. Rəbb qəddi əyilənləri düzəldir, Rəbb salehləri sevir.
9 याहवेह प्रवासियों की हितचिंता कर उनकी रक्षा करते हैं वही हैं, जो विधवा तथा अनाथों को संभालते हैं, किंतु वह दुष्टों की युक्तियों को नष्ट कर देते हैं.
Rəbb qəriblərə dayaq olur, Yetimi, dul qadını ayağa qaldırır, Pislərinsə yollarını dolaşdırır.
10 याहवेह का साम्राज्य सदा के लिए है, ज़ियोन, पीढ़ी से पीढ़ी तक तेरा परमेश्वर राजा हैं. याहवेह का स्तवन करो.
Rəbb əbədi hökmranlıq edir, Ey Sion, Allahın nəsillər boyu hökm verir! Rəbbə həmd edin!

< भजन संहिता 146 >