< भजन संहिता 14 >

1 संगीत निर्देशक के लिये. दावीद की रचना मूर्ख मन ही मन में कहते हैं, “परमेश्वर है ही नहीं.” वे सभी भ्रष्‍ट हैं और उनके काम घिनौने हैं; ऐसा कोई भी नहीं, जो भलाई करता हो.
Unto the end, a psalm for David. The fool hath said in his heart: There is no God, They are corrupt, and are become abominable in their ways: there is none that doth good, no not one.
2 स्वर्ग से याहवेह मनुष्यों पर दृष्टि डालते हैं इस आशा में कि कोई तो होगा, जो बुद्धिमान है, जो परमेश्वर की खोज करता हो.
The Lord hath looked down from heaven upon the children of men, to see if there be any that understand and seek God.
3 सभी मनुष्य भटक गए हैं, सभी नैतिक रूप से भ्रष्‍ट हो चुके हैं; कोई भी सत्कर्म परोपकार नहीं करता, हां, एक भी नहीं.
They are all gone aside, they are become unprofitable together: there is none that doth good, no not one. Their throat is an open sepulchre: with their tongues they acted deceitfully; the poison of asps is under their lips. Their mouth is full of cursing and bitterness; their feet are swift to shed blood. Destruction and unhappiness in their ways: and the way of peace they have not known: there is no fear of God before their eyes.
4 मेरी प्रजा के ये भक्षक, ये दुष्ट पुरुष, क्या ऐसे निर्बुद्धि हैं? जो उसे ऐसे खा जाते हैं, जैसे रोटी को; क्या उन्हें याहवेह की उपासना का कोई ध्यान नहीं?
Shall not all they know that work iniquity, who devour my people as they eat bread?
5 वहां वे अत्यंत घबरा गये हैं, क्योंकि परमेश्वर धर्मी पीढ़ी के पक्ष में होते हैं.
They have not called upon the Lord: there have they trembled for fear, where there was no fear.
6 तुम दुःखित को लज्जित करने की युक्ति कर रहे हो, किंतु उनका आश्रय याहवेह हैं.
For the Lord is in the just generation: you have confounded the counsel of the poor man, but the Lord is his hope.
7 कैसा उत्तम होता यदि इस्राएल का उद्धार ज़ियोन से प्रगट होता! याकोब के लिए वह हर्षोल्लास का अवसर होगा, जब याहवेह अपनी प्रजा को दासत्व से लौटा लाएंगे, तब इस्राएल आनंदित हो जाएगा!
Who shall give out of Sion the salvation of Israel? when the Lord shall have turned away the captivity of his people, Jacob shall rejoice and Israel shall be glad.

< भजन संहिता 14 >