< भजन संहिता 13 >

1 संगीत निर्देशक के लिये. दावीद का एक स्तोत्र. कब तक, याहवेह? कब तक आप मुझे भुला रखेंगे, क्या सदा के लिए? कब तक आप मुझसे अपना मुख छिपाए रहेंगे?
Til sangmesteren; en salme av David.
2 कब तक मैं अपने मन को समझाता रहूं? कब तक दिन-रात मेरा हृदय वेदना सहता रहेगा? कब तक मेरे शत्रु मुझ पर प्रबल होते रहेंगे?
Hvor lenge, Herre, vil du glemme mig evindelig? Hvor lenge vil du skjule ditt åsyn for mig?
3 याहवेह, मेरे परमेश्वर, मेरी ओर ध्यान दे मुझे उत्तर दीजिए. मेरी आंखों को ज्योतिर्मय कीजिए, ऐसा न हो कि मैं मृत्यु की नींद में समा जाऊं,
Hvor lenge skal jeg huse sorgfulle tanker i min sjel, kummer i mitt hjerte den hele dag? Hvor lenge skal min fiende ophøie sig over mig?
4 तब तो निःसंदेह मेरे शत्रु यह घोषणा करेंगे, “हमने उसे नाश कर दिया,” ऐसा न हो कि मेरा लड़खड़ाना मेरे विरोधियों के लिए आनंद का विषय बन जाए.
Se hit, svar mig, Herre min Gud! Opklar mine øine, forat jeg ikke skal sove inn i døden,
5 जहां तक मेरा संबंध है, याहवेह, मुझे आपके करुणा-प्रेम पर भरोसा है; तब मेरा हृदय आपके द्वारा किए उद्धार में मगन होगा.
forat ikke min fiende skal si: Jeg fikk overhånd over ham, forat ikke mine motstandere skal fryde sig når jeg vakler!
6 मैं याहवेह का भजन गाऊंगा, क्योंकि उन्होंने मुझ पर अनेकानेक उपकार किए हैं.
Men jeg setter min lit til din miskunnhet; mitt hjerte skal fryde sig i din frelse; jeg vil lovsynge Herren, for han har gjort vel imot mig.

< भजन संहिता 13 >