< भजन संहिता 128 >
1 आराधना के लिए यात्रियों का गीत. वे सभी धन्य हैं, जिनमें याहवेह के प्रति श्रद्धा पायी जाती है, जो उनकी नीतियों का आचरण करते हैं.
Un cántico para los peregrinos que van a Jerusalén. ¡Felices son los que alaban al Señor, todos los que siguen sus caminos!
2 जिसके लिए तुम अपने हाथों से श्रम करते रहे हो, तुम्हें उसका प्रतिफल प्राप्त होगा; तुम धन्य होगे और कल्याण होगा तुम्हारा.
Ustedes comerán el producto de sus manos. Estarán felices y les irá bien.
3 तुम्हारे परिवार में तुम्हारी पत्नी फलदायी दाखलता समान होगी; तुम्हारी मेज़ के चारों ओर तुम्हारी संतान जैतून के अंकुर समान होगी.
Tu esposa será como una vid fructífera creciendo en tu casa. Tus hijos serán como retoños de olivo alrededor de tu mesa.
4 धन्य होता है वह जिसमें याहवेह के प्रति श्रद्धा पाई जाती है.
Esta será la bendición del Señor para los que lo adoran.
5 ज़ियोन से याहवेह तुमको तुम्हारे जीवन के हर एक दिन आशीषों से भरते रहें, तुम आजीवन येरूशलेम की समृद्धि देखो.
Que el Señor te bendiga desde Sión; que veas a Jerusalén prosperar todos los días de tu vida.
6 वस्तुतः, तुम अपनी संतान की भी संतान देखने के लिए जीवित रहो. इस्राएल राष्ट्र में शांति स्थिर रहे.
Que veas a los hijos de tus hijos. ¡Y que Israel esté en paz!