< भजन संहिता 125 >
1 आराधना के लिए यात्रियों का गीत. जिन्होंने याहवेह पर भरोसा किया है, वे ज़ियोन पर्वत समान हैं, जिसे हिलाया नहीं जा सकता, जो सदा-सर्वदा स्थायी है.
ଆରୋହଣ ଗୀତ। ଯେଉଁମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କଠାରେ ନିର୍ଭର ରଖନ୍ତି, ସେମାନେ ଅଟଳ ଓ ନିତ୍ୟସ୍ଥାୟୀ ସିୟୋନ ପର୍ବତ ତୁଲ୍ୟ।
2 जिस प्रकार पर्वतों ने येरूशलेम को घेरा हुआ है, उसी प्रकार याहवेह भी अपनी प्रजा को घेरे हुए हैं आज भी और सदा-सर्वदा.
ଯେପରି ଯିରୂଶାଲମର ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗରେ ପର୍ବତମାନ ଥାଏ, ସେପରି ଆଜିଠାରୁ ସଦାକାଳ ସଦାପ୍ରଭୁ ଆପଣା ଲୋକମାନଙ୍କର ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗରେ ଥାଆନ୍ତି।
3 धर्मियों को आवंटित भूमि पर दुष्टों का राजदंड स्थायी न रहेगा, कहीं ऐसा न हो कि धर्मियों के हाथ बुराई की ओर बढ़ जाएं.
କାରଣ ଧାର୍ମିକମାନେ ଯେପରି ଅଧର୍ମ ପ୍ରତି ହସ୍ତ ନ ବଢ଼ାଇବେ, ଏଥିପାଇଁ ଧାର୍ମିକମାନଙ୍କ ଅଧିକାରରେ ଦୁଷ୍ଟତାର ରାଜଦଣ୍ଡ ଅବସ୍ଥାନ କରିବ ନାହିଁ।
4 याहवेह, धर्मियों का कल्याण कीजिए, उनका, जिनके हृदय निष्ठ हैं.
ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ଯେଉଁମାନେ ମଙ୍ଗଳ-ସ୍ୱଭାବବିଶିଷ୍ଟ ଓ ଅନ୍ତଃକରଣରେ ସରଳ, ସେମାନଙ୍କର ମଙ୍ଗଳ କର।
5 उन्हें, जो दुष्टता के मार्ग की ओर मुड़ जाते हैं, याहवेह उन्हें दुष्टों के साथ काट देंगे. इस्राएल राष्ट्र में शांति व्याप्त हो.
ମାତ୍ର ଯେଉଁମାନେ ଆପଣା ଆପଣା ବକ୍ର ପଥରେ ବିପଥଗାମୀ ହୁଅନ୍ତି, ସେମାନଙ୍କୁ ସଦାପ୍ରଭୁ ଅଧର୍ମାଚାରୀମାନଙ୍କ ସଙ୍ଗେ କଢ଼ାଇ ନେବେ। ଇସ୍ରାଏଲ ଉପରେ ଶାନ୍ତି ବର୍ତ୍ତୁ।