< भजन संहिता 124 >
1 आराधना के लिए यात्रियों का गीत. दावीद की रचना. यदि हमारे पक्ष में याहवेह न होते— इस्राएली राष्ट्र यही कहे—
[Psalm lal David] LEUM GOD El funu tia wi kut la, lukun fuka? O Israel, kowos in topuk!
2 यदि हमारे पक्ष में याहवेह न होते जब मनुष्यों ने हम पर आक्रमण किया था,
“LEUM GOD El funu tia wi kut le, Ke mwet lokoalok elos mweun lain kut
3 जब उनका क्रोध हम पर भड़क उठा था वे हमें जीवित ही निगल गए होते;
Kut lukun moul na elos ukumkutla Ke sripen kasrkusrak lulap lalos sesr;
4 बाढ़ ने हमें जलमग्न कर दिया होता, जल प्रवाह हमें बहा ले गया होता,
Na sronot u pokkutla, Kof u afwinkutla,
5 उग्र जल प्रवाह हमें दूर बहा ले गया होता.
A kof pulkulak akwalomyekutla.”
6 स्तवन हो याहवेह का, जिन्होंने हमें उनके दांतों से फाड़े जाने से बचा लिया है.
Lela kut in sang kulo nu sin LEUM GOD, Su tia filikutyang nu in poun mwet lokoalok lasr.
7 हम उस पक्षी के समान हैं, जो बहेलिए के जाल से बच निकला है; वह जाल टूट गया, और हम बच निकले.
Kut tu kaingla oana sie won su kaingla liki sruf lun mwet sru won; Sruf u musalla a kut sukosokla!
8 हमारी सहायता याहवेह के नाम से है, जो स्वर्ग और पृथ्वी के कर्ता हैं.
Kasru lasr tuku sin LEUM GOD, Su orala kusrao ac faclu.