< भजन संहिता 123 >

1 आराधना के लिए यात्रियों का गीत. मैं अपनी आंखें आपकी ओर उठाए हुए हूं, आपकी ओर, जिनका सिंहासन स्वर्ग में स्थापित है.
سرود زائران به هنگام بالا رفتن به اورشلیم. به سوی تو چشمان خود را برمی‌افرازم، ای خدایی که در آسمانها نشسته و حکمرانی می‌کنی!
2 वैसे ही जिस प्रकार दासों की दृष्टि अपने स्वामी के हाथ की ओर लगी रहती है, जैसी दासी की दृष्टि अपनी स्वामिनी के हाथ की ओर लगी रहती है. ठीक इसी प्रकार हमारी दृष्टि याहवेह, हमारे परमेश्वर की ओर लगी रहती है, जब तक वह हम पर कृपादृष्टि नहीं करते.
چنانکه غلامان و کنیزان از اربابان خود رحمت و کمک انتظار دارند چشمان ما نیز بر یهوه، خدای ما دوخته شده است تا بر ما رحمت فرماید.
3 हम पर कृपा कीजिए, याहवेह, हम पर कृपा कीजिए, हमने बहुत तिरस्कार सहा है.
ای خداوند، بر ما رحمت فرما! بر ما رحمت فرما، زیرا به ما اهانت بسیار شده است.
4 हमने अहंकारियों द्वारा घोर उपहास भी सहा है, हम अहंकारियों के घोर घृणा के पात्र होकर रह गए हैं.
جانمان به لب رسیده است از تمسخر گستاخان و تحقیر متکبران.

< भजन संहिता 123 >