< भजन संहिता 123 >
1 आराधना के लिए यात्रियों का गीत. मैं अपनी आंखें आपकी ओर उठाए हुए हूं, आपकी ओर, जिनका सिंहासन स्वर्ग में स्थापित है.
একটি আরোহণ সংগীত। আমি তোমার দিকে চোখ তুলে দেখি, তোমার দিকেই দেখি, যিনি স্বর্গের সিংহাসনে অধিষ্ঠিত।
2 वैसे ही जिस प्रकार दासों की दृष्टि अपने स्वामी के हाथ की ओर लगी रहती है, जैसी दासी की दृष्टि अपनी स्वामिनी के हाथ की ओर लगी रहती है. ठीक इसी प्रकार हमारी दृष्टि याहवेह, हमारे परमेश्वर की ओर लगी रहती है, जब तक वह हम पर कृपादृष्टि नहीं करते.
যেমন কর্তার হাতের দিকে দাসের দৃষ্টি থাকে, যেমন কর্ত্রীর হাতের দিকে দাসীর দৃষ্টি থাকে, তেমনই আমাদের দৃষ্টি আমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর দিকে থাকে, যতদিন না পর্যন্ত তিনি আমাদের প্রতি দয়া করেন।
3 हम पर कृपा कीजिए, याहवेह, हम पर कृपा कीजिए, हमने बहुत तिरस्कार सहा है.
আমাদের প্রতি দয়া করো, হে সদাপ্রভু, আমাদের প্রতি দয়া করো, কেননা আমরা অবজ্ঞায় পূর্ণ হয়েছি।
4 हमने अहंकारियों द्वारा घोर उपहास भी सहा है, हम अहंकारियों के घोर घृणा के पात्र होकर रह गए हैं.
দাম্ভিকের বিদ্রুপ ও অহংকারীর অবজ্ঞা আমরা শেষ পর্যন্ত সহ্য করেছি।