< भजन संहिता 12 >

1 संगीत निर्देशक के लिये. शेमिनिथ पर आधारित. दावीद का एक स्तोत्र. याहवेह, हमारी रक्षा कीजिए, कोई भक्त अब शेष न रहा; मनुष्यों के मध्य से विश्वासयोग्य पुरुष नहीं रहे.
لِإِمَامِ ٱلْمُغَنِّينَ عَلَى «ٱلْقَرَارِ». مَزْمُورٌ لِدَاوُدَ خَلِّصْ يَارَبُّ، لِأَنَّهُ قَدِ ٱنْقَرَضَ ٱلتَّقِيُّ، لِأَنَّهُ قَدِ ٱنْقَطَعَ ٱلْأُمَنَاءُ مِنْ بَنِي ٱلْبَشَرِ.١
2 मनुष्य मनुष्य से झूठी बातें कर रहा है; वे चापलूसी करते हुए एक दूसरे का छल करते हैं.
يَتَكَلَّمُونَ بِٱلْكَذِبِ كُلُّ وَاحِدٍ مَعَ صَاحِبِهِ، بِشِفَاهٍ مَلِقَةٍ، بِقَلْبٍ فَقَلْبٍ يَتَكَلَّمُونَ.٢
3 अच्छा होगा यदि याहवेह चापलूसी होंठों तथा घमंडी जीभ को काट डालें.
يَقْطَعُ ٱلرَّبُّ جَمِيعَ ٱلشِّفَاهِ ٱلْمَلِقَةِ وَٱللِّسَانَ ٱلْمُتَكَلِّمَ بِٱلْعَظَائِمِ،٣
4 वे डींग मारते हुए कहते हैं, “शक्ति हमारी जीभ में मगन है; ओंठ हमारे वश में हैं. कौन हो सकता है हमारा स्वामी?”
ٱلَّذِينَ قَالُوا: «بِأَلْسِنَتِنَا نَتَجَبَّرُ. شِفَاهُنَا مَعَنَا. مَنْ هُوَ سَيِّدٌ عَلَيْنَا؟».٤
5 किंतु अब याहवेह का कहना है, “दुःखितों के प्रति की गई हिंसा के कारण, निर्धनों की करुण वाणी के कारण मैं उनके पक्ष में उठ खड़ा होऊंगा. मैं उन्हें वही सुरक्षा प्रदान करूंगा, वे जिसकी कामना कर रहे हैं.”
«مِنِ ٱغْتِصَابِ ٱلْمَسَاكِينِ، مِنْ صَرْخَةِ ٱلْبَائِسِينَ، ٱلْآنَ أَقُومُ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ، أَجْعَلُ فِي وُسْعٍ ٱلَّذِي يُنْفَثُ فِيهِ».٥
6 याहवेह का वचन शुद्ध है, उस चांदी-समान हैं, जिसे भट्टी में सात बार तपा कर शुद्ध किया गया है.
كَلَامُ ٱلرَّبِّ كَلَامٌ نَقِيٌّ، كَفِضَّةٍ مُصَفَّاةٍ فِي بُوطَةٍ فِي ٱلْأَرْضِ، مَمْحُوصَةٍ سَبْعَ مَرَّاتٍ.٦
7 याहवेह, उन्हें अपनी सुरक्षा में बनाए रखेंगे उन्हें इस पीढ़ी से सर्वदा सुरक्षा प्रदान करेंगे,
أَنْتَ يَارَبُّ تَحْفَظُهُمْ. تَحْرُسُهُمْ مِنْ هَذَا ٱلْجِيلِ إِلَى ٱلدَّهْرِ.٧
8 जब मनुष्यों द्वारा नीचता का आदर किया जाता है, तब दुष्ट चारों और अकड़ कर चलते फिरते हैं.
ٱلْأَشْرَارُ يَتَمَشَّوْنَ مِنْ كُلِّ نَاحِيَةٍ عِنْدَ ٱرْتِفَاعِ ٱلْأَرْذَالِ بَيْنَ ٱلنَّاسِ.٨

< भजन संहिता 12 >