< भजन संहिता 119 >

1 कैसे धन्य हैं वे, जिनका आचार-व्यवहार निर्दोष है, जिनका आचरण याहवेह की शिक्षाओं के अनुरूप है.
ا خوشا‌به‌حال کاملان طریق که به شریعت خداوند سالکند.۱
2 कैसे धन्य हैं वे, जो उनके अधिनियमों का पालन करते हैं तथा जो पूर्ण मन से उनके खोजी हैं.
خوشا‌به‌حال آنانی که شهادات او را حفظ می‌کنند و به تمامی دل او را می‌طلبند.۲
3 वे याहवेह के मार्गों में चलते हैं, और उनसे कोई अन्याय नहीं होता.
کج روی نیز نمی کنندو به طریق های وی سلوک می‌نمایند.۳
4 आपने ये आदेश इसलिये दिए हैं, कि हम इनका पूरी तरह पालन करें.
تووصایای خود را امر فرموده‌ای تا آنها را تمام نگاه داریم.۴
5 मेरी कामना है कि आपके आदेशों का पालन करने में मेरा आचरण दृढ़ रहे!
کاش که راههای من مستحکم شودتا فرایض تو را حفظ کنم.۵
6 मैं आपके आदेशों पर विचार करता रहूंगा, तब मुझे कभी लज्जित होना न पड़ेगा.
آنگاه خجل نخواهم شد چون تمام اوامر تو را در مد نظر خود دارم.۶
7 जब मैं आपकी धर्ममय व्यवस्था का मनन करूंगा, तब मैं निष्कपट हृदय से आपका स्तवन करूंगा.
تو را به راستی دل حمد خواهم گفت چون داوریهای عدالت تو را آموخته شوم.۷
8 मैं आपकी विधियों का पालन करूंगा; आप मेरा परित्याग कभी न कीजिए.
فرایض تورا نگاه می‌دارم. مرا بالکلیه ترک منما.۸
9 युवा अपना आचरण कैसे स्वच्छ रखे? आपके वचन पालन के द्वारा.
به چه چیز مرد جوان راه خود را پاک می‌سازد؟ به نگاه داشتنش موافق کلام تو.۹
10 मैं आपको संपूर्ण हृदय से खोजता हूं; आप मुझे अपने आदेशों से भटकने न दीजिए.
به تمامی دل تو را طلبیدم. مگذار که از اوامر توگمراه شوم.۱۰
11 आपके वचन को मैंने अपने हृदय में इसलिये रख छोड़ा है, कि मैं आपके विरुद्ध पाप न कर बैठूं.
کلام تو را در دل خود مخفی داشتم که مبادا به تو گناه ورزم.۱۱
12 याहवेह, आपका स्तवन हो; मुझे अपनी विधियों की शिक्षा दीजिए.
‌ای خداوند تومتبارک هستی فرایض خود را به من بیاموز.۱۲
13 जो व्यवस्था आपके मुख द्वारा निकली हैं, मैं उन्हें अपने मुख से दोहराता रहता हूं.
به لب های خود بیان کردم تمامی داوری های دهان تو را.۱۳
14 आपके अधिनियमों का पालन करना मेरा आनंद है, ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार कोई विशाल धनराशि पर आनंदित होता है.
در طریق شهادات تو شادمانم.۱۴
15 आपके नीति-सिद्धांत मेरे चिंतन का विषय हैं, मैं आपकी सम्विधियों की विवेचना करता रहता हूं.
چنانکه در هر قسم توانگری، در وصایای توتفکر می‌کنم و به طریق های تو نگران خواهم بود.۱۵
16 आपकी विधियां मुझे मगन कर देती हैं, आपके वचनों को मैं कभी न भूलूंगा.
از فرایض تو لذت می‌برم، پس کلام تو رافراموش نخواهم کرد.۱۶
17 अपने सेवक पर उपकार कीजिए कि मैं जीवित रह सकूं, मैं आपके वचन का पालन करूंगा.
به بنده خود احسان بنما تا زنده شوم و کلام تو را حفظ نمایم.۱۷
18 मुझे आपकी व्यवस्था की गहन और अद्भुत बातों को ग्रहण करने की दृष्टि प्रदान कीजिए.
چشمان مرا بگشا تا ازشریعت تو چیزهای عجیب بینم.۱۸
19 पृथ्वी पर मैं प्रवासी मात्र हूं; मुझसे अपने निर्देश न छिपाइए.
من در زمین غریب هستم. اوامر خود را از من مخفی مدار.۱۹
20 सारा समय आपकी व्यवस्था की अभिलाषा करते-करते मेरे प्राण डूब चले हैं.
جان من شکسته می‌شود از اشتیاق داوریهای تو در هر وقت.۲۰
21 आपकी प्रताड़ना उन पर पड़ती है, जो अभिमानी हैं, शापित हैं, और जो आपके आदेशों का परित्याग कर भटकते रहते हैं.
متکبران ملعون را توبیخ نمودی، که از اوامر تو گمراه می‌شوند.۲۱
22 मुझ पर लगे घृणा और तिरस्कार के कलंक को मिटा दीजिए, क्योंकि मैं आपके अधिनियमों का पालन करता हूं.
ننگ ورسوایی را از من بگردان، زیرا که شهادات تو راحفظ کرده‌ام.۲۲
23 यद्यपि प्रशासक साथ बैठकर मेरी निंदा करते हैं, आपका यह सेवक आपकी विधियों पर मनन करेगा.
سروران نیز نشسته، به ضد من سخن‌گفتند. لیکن بنده تو در فرایض تو تفکرمی کند.۲۳
24 आपके अधिनियमों में मगन है मेरा आनंद; वे ही मेरे सलाहकार हैं.
شهادات تو نیز ابتهاج من و مشورت دهندگان من بوده‌اند.۲۴
25 मेरा प्राण नीचे धूलि में जा पड़ा है; अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.
جان من به خاک چسبیده است. مرا موافق کلام خود زنده ساز.۲۵
26 जब मैंने आपके सामने अपने आचरण का वर्णन किया, आपने मुझे उत्तर दिया; याहवेह, अब मुझे अपनी विधियां सिखा दीजिए.
راههای خود را ذکر کردم و مرا اجابت نمودی. پس فرایض خویش را به من بیاموز.۲۶
27 मुझे अपने उपदेशों की प्रणाली की समझ प्रदान कीजिए, कि मैं आपके अद्भुत कार्यों पर मनन कर सकूं.
طریق وصایای خود را به من بفهمان و در کارهای عجیب تو تفکر خواهم نمود.۲۷
28 शोक अतिरेक में मेरा प्राण डूबा जा रहा है; अपने वचन से मुझमें बल दीजिए.
جان من از حزن گداخته می‌شود. مرا موافق کلام خود برپا بدار.۲۸
29 झूठे मार्ग से मुझे दूर रखिए; और अपनी कृपा में मुझे अपनी व्यवस्था की शिक्षा दीजिए.
راه دروغ را از من دور کن و شریعت خود را به من عنایت فرما.۲۹
30 मैंने सच्चाई के मार्ग को अपनाया है; मैंने आपके नियमों को अपना आदर्श बनाया है.
طریق راستی رااختیار کردم و داوریهای تو را پیش خود گذاشتم.۳۰
31 याहवेह, मैंने आपके नियमों को दृढतापूर्वक थाम रखा है; मुझे लज्जित न होने दीजिए.
به شهادات تو چسبیدم. ای خداوند مرا خجل مساز.۳۱
32 आपने मेरे हृदय में साहस का संचार किया है, तब मैं अब आपके आदेशों के पथ पर दौड़ रहा हूं.
در طریق اوامر تو دوان خواهم رفت، وقتی که دل مرا وسعت دادی.۳۲
33 याहवेह, मुझे आपकी विधियों का आचरण करने की शिक्षा दीजिए, कि मैं आजीवन उनका पालन करता रहूं.
‌ای خداوند طریق فرایض خود را به من بیاموز. پس آنها را تا به آخر نگاه خواهم داشت.۳۳
34 मुझे वह समझ प्रदान कीजिए, कि मैं आपकी व्यवस्था का पालन कर सकूं और संपूर्ण हृदय से इसमें मगन आज्ञाओं का पालन कर सकूं.
مرا فهم بده و شریعت تو را نگاه خواهم داشت و آن را به تمامی دل خود حفظ خواهم نمود.۳۴
35 अपने आदेशों के मार्ग में मेरा संचालन कीजिए, क्योंकि इन्हीं में मेरा आनंद है.
مرا در سبیل اوامر خود سالک گردان زیرا که درآن رغبت دارم.۳۵
36 मेरे हृदय को स्वार्थी लाभ की ओर नहीं, परंतु अपने नियमों की ओर फेर दीजिए.
دل مرا به شهادات خود مایل گردان و نه به سوی طمع.۳۶
37 अपने वचन के द्वारा मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए; मेरी रुचि निरर्थक वस्तुओं से हटा दीजिए.
چشمانم را از دیدن بطالت برگردان و در طریق خود مرا زنده ساز.۳۷
38 अपने सेवक से की गई प्रतिज्ञा पूर्ण कीजिए, कि आपके प्रति मेरी श्रद्धा स्थायी रहे.
کلام خود را بر بنده خویش استوار کن، که به ترس تو سپرده شده است.۳۸
39 उस लज्जा को मुझसे दूर रखिए, जिसकी मुझे आशंका है, क्योंकि आपके नियम उत्तम हैं.
ننگ مرا که از آن می‌ترسم از من دور کن زیرا که داوریهای تو نیکواست.۳۹
40 कैसी तीव्र है आपके उपदेशों के प्रति मेरी अभिलाषा! अपनी धार्मिकता के द्वारा मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.
هان به وصایای تو اشتیاق دارم. به حسب عدالت خود مرا زنده ساز.۴۰
41 याहवेह, आपका करुणा-प्रेम मुझ पर प्रगट हो जाए, और आपकी प्रतिज्ञा के अनुरूप मुझे आपका उद्धार प्राप्‍त हो;
‌ای خداوند رحمهای تو به من برسد ونجات تو به حسب کلام تو.۴۱
42 कि मैं उसे उत्तर दे सकूं, जो मेरा अपमान करता है, आपके वचन पर मेरा भरोसा है.
تا بتوانم ملامت کننده خود را جواب دهم زیرا بر کلام تو توکل دارم.۴۲
43 सत्य के वचन मेरे मुख से न छीनिए, मैं आपकी व्यवस्था पर आशा रखता हूं.
و کلام راستی را از دهانم بالکل مگیرزیرا که به داوریهای تو امیدوارم۴۳
44 मैं सदा-सर्वदा निरंतर, आपकी व्यवस्था का पालन करता रहूंगा.
و شریعت تورا دائم نگاه خواهم داشت تا ابدالاباد.۴۴
45 मेरा जीवन स्वतंत्र हो जाएगा, क्योंकि मैं आपके उपदेशों का खोजी हूं.
و به آزادی راه خواهم رفت زیرا که وصایای تو را طلبیده‌ام.۴۵
46 राजाओं के सामने मैं आपके अधिनियमों पर व्याख्यान दूंगा और मुझे लज्जित नहीं होना पड़ेगा.
و در شهادات تو به حضور پادشاهان سخن خواهم گفت و خجل نخواهم شد.۴۶
47 क्योंकि आपका आदेश मेरे आनंद का उगम हैं, और वे मुझे प्रिय हैं.
و ازوصایای تو تلذذ خواهم یافت که آنها را دوست می‌دارم.۴۷
48 मैं आपके आदेशों की ओर हाथ बढ़ाऊंगा, जो मुझे प्रिय हैं, और आपकी विधियां मेरे मनन का विषय हैं.
و دستهای خود را به اوامر تو که دوست می‌دارم بر خواهم افراشت و در فرایض تو تفکر خواهم نمود.۴۸
49 याहवेह, अपने सेवक से की गई प्रतिज्ञा को स्मरण कीजिए, क्योंकि आपने मुझमें आशा का संचार किया है.
کلام خود را با بنده خویش به یاد آور که مرا بر آن امیدوار گردانیدی.۴۹
50 मेरी पीड़ा में मुझे इस बातों से सांत्वना प्राप्‍त होती है: आपकी प्रतिज्ञाएं मेरे नवजीवन का स्रोत हैं.
این در مصیبتم تسلی من است زیرا قول تو مرا زنده ساخت.۵۰
51 अहंकारी बेधड़क मेरा उपहास करते हैं, किंतु मैं आपकी व्यवस्था से दूर नहीं होता.
متکبران مرا بسیار استهزا کردند، لیکن ازشریعت تو رو نگردانیدم.۵۱
52 याहवेह, जब प्राचीन काल से प्रगट आपकी व्यवस्था पर मैं विचार करता हूं, तब मुझे उनमें सांत्वना प्राप्‍त होती है.
‌ای خداوندداوریهای تو را از قدیم به یاد آوردم و خویشتن راتسلی دادم.۵۲
53 दुष्ट मुझमें कोप उकसाते हैं, ये वे हैं, जिन्होंने आपकी व्यवस्था त्याग दी है.
حدت خشم مرا در‌گرفته است، به‌سبب شریرانی که شریعت تو را ترک کرده‌اند.۵۳
54 आपकी विधियां मेरे गीत की विषय-वस्तु हैं चाहे मैं किसी भी स्थिति में रहूं.
فرایض تو سرودهای من گردید، در خانه غربت من.۵۴
55 याहवेह, मैं आपकी व्यवस्था का पालन करता हूं, रात्रि में मैं आपका स्मरण करता हूं.
‌ای خداوند نام تو را در شب به یادآوردم و شریعت تو را نگاه داشتم.۵۵
56 आपके उपदेशों का पालन करते जाना ही मेरी चर्या है.
این بهره من گردید، زیرا که وصایای تو را نگاه داشتم.۵۶
57 याहवेह, आप मेरे जीवन का अंश बन गए हैं; आपके आदेशों के पालन के लिए मैंने शपथ की है.
خداوند نصیب من است. گفتم که کلام تو رانگاه خواهم داشت.۵۷
58 सारे मन से मैंने आपसे आग्रह किया है; अपनी ही प्रतिज्ञा के अनुरूप मुझ पर कृपा कीजिए.
رضامندی تو را به تمامی دل خود طلبیدم. به حسب کلام خود بر من رحم فرما.۵۸
59 मैंने अपनी जीवनशैली का विचार किया है और मैंने आपके अधिनियमों के पालन की दिशा में अपने कदम बढ़ा दिए हैं.
در راههای خود تفکر کردم و پایهای خود را به شهادات تو مایل ساختم.۵۹
60 अब मैं विलंब न करूंगा और शीघ्रता से आपके आदेशों को मानना प्रारंभ कर दूंगा.
شتابیدم ودرنگ نکردم تا اوامر تو را نگاه دارم.۶۰
61 मैं आपकी व्यवस्था से दूर न होऊंगा, यद्यपि दुर्जनों ने मुझे रस्सियों से बांध भी रखा हो.
ریسمانهای شریران مرا احاطه کرد، لیکن شریعت تو را فراموش نکردم.۶۱
62 आपकी युक्ति संगत व्यवस्था के प्रति आभार अभिव्यक्त करने के लिए, मैं मध्य रात्रि को ही जाग जाता हूं.
در نصف شب برخاستم تا تو را حمد گویم برای داوریهای عدالت تو.۶۲
63 मेरी मैत्री उन सभी से है, जिनमें आपके प्रति श्रद्धा है, उन सभी से, जो आपके उपदेशों पर चलते हैं.
من همه ترسندگانت را رفیق هستم، و آنانی را که وصایای تو را نگاه می‌دارند.۶۳
64 याहवेह, पृथ्वी आपके करुणा-प्रेम से तृप्‍त है; मुझे अपनी विधियों की शिक्षा दीजिए.
‌ای خداوند زمین از رحمت تو پر است. فرایض خودرا به من بیاموز.۶۴
65 याहवेह, अपनी ही प्रतिज्ञा के अनुरूप अपने सेवक का कल्याण कीजिए.
با بنده خود احسان نمودی، ای خداوندموافق کلام خویش.۶۵
66 मुझे ज्ञान और धर्ममय परख सीखाइए, क्योंकि मैं आपकी आज्ञाओं पर भरोसा करता हूं.
خردمندی نیکو و معرفت را به من بیاموز زیرا که به اوامر تو ایمان آوردم.۶۶
67 अपनी पीड़ाओं में रहने के पूर्व मैं भटक गया था, किंतु अब मैं आपके वचन के प्रति आज्ञाकारी हूं.
قبل از آنکه مصیبت را ببینم من گمراه شدم لیکن الان کلام تو را نگاه داشتم.۶۷
68 आप धन्य हैं, और जो कुछ आप करते हैं भला ही होता है; मुझे अपनी विधियों की शिक्षा दीजिए.
تو نیکو هستی و نیکویی می‌کنی. فرایض خود را به من بیاموز.۶۸
69 यद्यपि अहंकारियों ने मुझे झूठी बातों से कलंकित कर दिया है, मैं पूर्ण सच्चाई में आपके आदेशों को थामे हुए हूं.
متکبران بر من دروغ بستند. و اما من به تمامی دل وصایای تو را نگاه داشتم.۶۹
70 उनके हृदय कठोर तथा संवेदनहीन हो चुके हैं, किंतु आपकी व्यवस्था ही मेरा आनंद है.
دل ایشان مثل پیه فربه است. و اما من در شریعت تو تلذذمی یابم.۷۰
71 यह मेरे लिए भला ही रहा कि मैं प्रताड़ित किया गया, इससे मैं आपकी विधियों से सीख सकूं.
مرا نیکو است که مصیبت را دیدم، تافرایض تو را بیاموزم.۷۱
72 आपके मुख से निकली व्यवस्था मेरे लिए स्वर्ण और चांदी की हजारों मुद्राओं से कहीं अधिक मूल्यवान हैं.
شریعت دهان تو برای من بهتر است از هزاران طلا و نقره.۷۲
73 आपके हाथों ने मेरा निर्माण किया और मुझे आकार दिया; मुझे अपने आदेशों को समझने की सद्बुद्धि प्रदान कीजिए.
دستهای تو مرا ساخته و آفریده است. مرافهیم گردان تا اوامر تو را بیاموزم.۷۳
74 मुझे देख आपके भक्त उल्‍लसित हो सकें, क्योंकि आपका वचन ही मेरी आशा है.
ترسندگان توچون مرا بینند شادمان گردند زیرا به کلام توامیدوار هستم.۷۴
75 याहवेह, यह मैं जानता हूं कि आपकी व्यवस्था धर्ममय है, और आपके द्वारा मेरा क्लेश न्याय संगत था.
‌ای خداوند دانسته‌ام که داوریهای تو عدل است، و بر‌حق مرا مصیبت داده‌ای.۷۵
76 अब अपने सेवक से की गई प्रतिज्ञा के अनुरूप, आपका करुणा-प्रेम ही मेरी शांति है!
پس رحمت تو برای تسلی من بشود، موافق کلام تو با بنده خویش.۷۶
77 आपकी व्यवस्था में मेरा आनन्दमग्न है, तब मुझे आपकी मनोहरता में जीवन प्राप्‍त हो.
رحمت های توبه من برسد تا زنده شوم زیرا که شریعت تو تلذذمن است.۷۷
78 अहंकारियों को लज्जित होना पड़े क्योंकि उन्होंने अकारण ही मुझसे छल किया है; किंतु मैं आपके उपदेशों पर मनन करता रहूंगा.
متکبران خجل شوند زیرا به دروغ مرا اذیت رسانیدند. و اما من در وصایای تو تفکرمی کنم.۷۸
79 आपके श्रद्धालु, जिन्होंने आपके अधिनियमों को समझ लिया है, पुनः मेरे पक्ष में हो जाएं,
ترسندگان تو به من رجوع کنند و آنانی که شهادات تو را می‌دانند.۷۹
80 मेरा हृदय पूर्ण सिद्धता में आपकी विधियों का पालन करता रहे, कि मुझे लज्जित न होना पड़े.
دل من در فرایض تو کامل شود، تا خجل نشوم.۸۰
81 आपके उद्धार की तीव्र अभिलाषा करते हुए मेरा प्राण बेचैन हुआ जा रहा है, अब आपका वचन ही मेरी आशा का आधार है.
جان من برای نجات تو کاهیده می‌شود. لیکن به کلام تو امیدوار هستم.۸۱
82 आपकी प्रतिज्ञा-पूर्ति की प्रतीक्षा में मेरी आंखें थक चुकी हैं; मैं पूछ रहा हूं, “कब मुझे आपकी ओर से सांत्वना प्राप्‍त होगी?”
چشمان من برای کلام تو تار گردیده است و می‌گویم کی مراتسلی خواهی داد.۸۲
83 यद्यपि मैं धुएं में संकुचित द्राक्षारस की कुप्पी के समान हो गया हूं, फिर भी आपकी विधियां मेरे मन से लुप्‍त नहीं हुई हैं.
زیرا که مثل مشک در دودگردیده‌ام. لیکن فرایض تو را فراموش نکرده‌ام.۸۳
84 और कितनी प्रतीक्षा करनी होगी आपके सेवक को? आप कब मेरे सतानेवालों को दंड देंगे?
چند است روزهای بنده تو؟ و کی بر جفاکنندگانم داوری خواهی نمود؟۸۴
85 अहंकारियों ने मेरे लिए गड्ढे खोद रखे हैं, उनका आचरण आपकी व्यवस्था के विपरीत है.
متکبران برای من حفره‌ها زدند زیرا که موافق شریعت تونیستند.۸۵
86 विश्वासयोग्य हैं आपके आदेश; मेरी सहायता कीजिए, झूठ बोलनेवाले मुझे दुःखित कर रहे हैं.
تمامی اوامر تو امین است. بر من ناحق جفا کردند. پس مرا امداد فرما.۸۶
87 उन्होंने मुझे धरती पर से लगभग मिटा ही डाला था, फिर भी मैं आपके नीति सूत्रों से दूर न हुआ.
نزدیک بود که مرا از زمین نابود سازند. اما من وصایای تو را ترک نکردم.۸۷
88 मैं आपके मुख से बोले हुए नियमों का पालन करता रहूंगा, अपने करुणा-प्रेम के अनुरूप मेरे जीवन की रक्षा कीजिए.
به حسب رحمت خود مرا زنده ساز تاشهادات دهان تو را نگاه دارم.۸۸
89 याहवेह, सर्वदा है आपका वचन; यह स्वर्ग में दृढतापूर्वक बसा है.
‌ای خداوند کلام تو تا ابدالاباد در آسمانهاپایدار است.۸۹
90 पीढ़ी से पीढ़ी आपकी सच्चाई बनी रहती है; आपके द्वारा ही पृथ्वी की स्थापना की गई और यह स्थायी बनी हुई है.
امانت تو نسلا بعد نسل است. زمین را آفریده‌ای و پایدار می‌ماند.۹۰
91 आप के नियम सभी आज तक अस्तित्व में हैं, और सभी कुछ आपकी सेवा कर रहे हैं.
برای داوریهای تو تا امروز ایستاده‌اند زیرا که همه بنده تو هستند.۹۱
92 यदि आपकी व्यवस्था में मैं उल्लास मगन न होता, तो इन पीड़ाओं को सहते सहते मेरी मृत्यु हो जाती.
اگر شریعت تو تلذذ من نمی بود، هرآینه در مذلت خود هلاک می‌شدم.۹۲
93 आपके उपदेश मेरे मन से कभी नष्ट न होंगे, क्योंकि इन्हीं के द्वारा आपने मुझे जीवन प्रदान किया है,
وصایای تو را تا به ابد فراموش نخواهم کردزیرا به آنها مرا زنده ساخته‌ای.۹۳
94 तब मुझ पर आपका ही स्वामित्व है, मेरी रक्षा कीजिए; मैं आपके ही उपदेशों का खोजी हूं.
من از آن توهستم مرا نجات ده زیرا که وصایای تو را طلبیدم.۹۴
95 दुष्ट मुझे नष्ट करने के उद्देश्य से घात लगाए बैठे हैं, किंतु आपकी चेतावनियों पर मैं विचार करता रहूंगा.
شریران برای من انتظار کشیدند تا مرا هلاک کنند. لیکن در شهادات تو تامل می‌کنم.۹۵
96 हर एक सिद्धता में मैंने कोई न कोई सीमा ही पाई है, किंतु आपके आदेश असीमित हैं.
برای هر کمالی انتهایی دیدم، لیکن حکم تو بی‌نهایت وسیع است.۹۶
97 आह, कितनी अधिक प्रिय है मुझे आपकी व्यवस्था! इतना, कि मैं दिन भर इसी पर विचार करता रहता हूं.
شریعت تو را چقدر دوست می‌دارم.۹۷
98 आपके आदेशों ने तो मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान बना दिया है क्योंकि ये कभी मुझसे दूर नहीं होते.
اوامر تو مرا ازدشمنانم حکیم تر ساخته است زیرا که همیشه نزد من می‌باشد.۹۸
99 मुझमें तो अपने सभी शिक्षकों से अधिक समझ है, क्योंकि आपके उपदेश मेरे चिंतन का विषय हैं.
از جمیع معلمان خود فهیم ترشدم زیرا که شهادات تو تفکر من است.۹۹
100 आपके उपदेशों का पालन करने का ही परिणाम यह है, कि मुझमें बुजुर्गों से अधिक समझ है.
ازمشایخ خردمندتر شدم زیرا که وصایای تو رانگاه داشتم.۱۰۰
101 आपकी आज्ञा का पालन करने के लक्ष्य से, मैंने अपने कदम हर एक अधर्म के पथ पर चलने से बचा रखे हैं.
پایهای خود را از هر راه بد نگاه داشتم تا آن که کلام تو را حفظ کنم.۱۰۱
102 आप ही के द्वारा दी गई शिक्षा के कारण, मैं आपके नियम तोड़ने से बच सका हूं.
ازداوریهای تو رو برنگردانیدم، زیرا که تو مرا تعلیم دادی.۱۰۲
103 कैसा मधुर है आपकी प्रतिज्ञाओं का आस्वादन करना, आपकी प्रतिज्ञाएं मेरे मुख में मधु से भी अधिक मीठी हैं!
کلام تو به مذاق من چه شیرین است وبه دهانم از عسل شیرین تر.۱۰۳
104 हर एक झूठा मार्ग मेरी दृष्टि में घृणास्पद है; क्योंकि आपके उपदेशों से मुझे समझदारी प्राप्‍त होती है.
از وصایای توفطانت را تحصیل کردم. بنابراین هر راه دروغ رامکروه می‌دارم.۱۰۴
105 आपका वचन मेरे पांवों के लिए दीपक, और मेरे मार्ग के लिए प्रकाश है.
کلام تو برای پایهای من چراغ، و برای راههای من نور است.۱۰۵
106 मैंने यह शपथ ली है और यह सुनिश्चित किया है, कि मैं आपके धर्ममय नियमों का ही पालन करता जाऊंगा.
قسم خوردم و آن راوفا خواهم نمود که داوریهای عدالت تو را نگاه خواهم داشت.۱۰۶
107 याहवेह, मेरी पीड़ा असह्य है; अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.
بسیار ذلیل شده‌ام. ای خداوند، موافق کلام خود مرا زنده ساز!۱۰۷
108 याहवेह, मेरे मुख से निकले स्वैच्छिक स्तवन वचनों को स्वीकार कीजिए, और मुझे अपने नियमों की शिक्षा दीजिए.
‌ای خداوند هدایای تبرعی دهان مرا منظور فرما وداوریهای خود را به من بیاموز.۱۰۸
109 आपकी व्यवस्था से मैं कभी दूर न होऊंगा, यद्यपि मैं लगातार अपने जीवन को हथेली पर लिए फिरता हूं.
جان من همیشه در کف من است، لیکن شریعت تو رافراموش نمی کنم.۱۰۹
110 दुष्टों ने मेरे लिए जाल बिछाया हुआ है, किंतु मैं आपके उपदेशों से नहीं भटका.
شریران برای من دام گذاشته‌اند، اما از وصایای تو گمراه نشدم.۱۱۰
111 आपके नियमों को मैंने सदा-सर्वदा के लिए निज भाग में प्राप्‍त कर लिया है; वे ही मेरे हृदय का आनंद हैं.
شهادات تو را تا به ابد میراث خود ساخته‌ام زیرا که آنها شادمانی دل من است.۱۱۱
112 आपकी विधियों का अंत तक पालन करने के लिए मेरा हृदय तैयार है.
دل خود رابرای بجا آوردن فرایض تو مایل ساختم، تاابدالاباد و تا نهایت.۱۱۲
113 दुविधा से ग्रस्त मन का पुरुष मेरे लिए घृणास्पद है, मुझे प्रिय है आपकी व्यवस्था.
مردمان دو رو را مکروه داشته‌ام، لیکن شریعت تو را دوست می‌دارم.۱۱۳
114 आप मेरे आश्रय हैं, मेरी ढाल हैं; मेरी आशा का आधार है आपका वचन.
ستر و سپر من تو هستی. به کلام تو انتظار می‌کشم.۱۱۴
115 अधर्मियो, दूर रहो मुझसे, कि मैं परमेश्वर के आदेशों का पालन कर सकूं!
‌ای بدکاران، از من دور شوید! و اوامر خدای خویش را نگاه خواهم داشت.۱۱۵
116 याहवेह, अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप मुझे सम्भालिए, कि मैं जीवित रहूं; मेरी आशा भंग न होने पाए.
مرا به حسب کلام خود تایید کن تا زنده شوم و از امید خود خجل نگردم.۱۱۶
117 मुझे थाम लीजिए कि मैं सुरक्षित रहूं; मैं सदैव आपकी विधियों पर भरोसा करता रहूंगा.
مرا تقویت کن تا رستگار گردم و برفرایض تو دائم نظر نمایم.۱۱۷
118 वे सभी, जो आपके नियमों से भटक जाते हैं, आपकी उपेक्षा के पात्र हो जाते हैं, क्योंकि निरर्थक होती है उनकी चालाकी.
همه کسانی را که از فرایض تو گمراه شده‌اند، حقیر شمرده‌ای زیراکه مکر ایشان دروغ است.۱۱۸
119 संसार के सभी दुष्टों को आप मैल के समान फेंक देते हैं; यही कारण है कि मुझे आपकी चेतावनियां प्रिय हैं.
جمیع شریران زمین را مثل درد هلاک می‌کنی. بنابراین شهادات تو را دوست می‌دارم.۱۱۹
120 आपके भय से मेरी देह कांप जाती है; आपके निर्णयों का विचार मुझमें भय का संचार कर देता है.
موی بدن من از خوف تو برخاسته است و از داوریهای تو ترسیدم.۱۲۰
121 मैंने वही किया है, जो न्याय संगत तथा धर्ममय है; मुझे सतानेवालों के सामने न छोड़ दीजिएगा.
داد و عدالت را به‌جا آوردم. مرا به ظلم کنندگانم تسلیم منما.۱۲۱
122 अपने सेवक का हित निश्चित कर दीजिए; अहंकारियों को मुझ पर अत्याचार न करने दीजिए.
برای سعادت بنده خود ضامن شو تا متکبران بر من ظلم نکنند.۱۲۲
123 आपके उद्धार की प्रतीक्षा में, आपकी निष्ठ प्रतिज्ञाओं की प्रतीक्षा में मेरी आंखें थक चुकी हैं.
چشمانم برای نجات تو تار شده است و برای کلام عدالت تو.۱۲۳
124 अपने करुणा-प्रेम के अनुरूप अपने सेवक से व्यवहार कीजिए और मुझे अपने अधिनियमों की शिक्षा दीजिए.
با بنده خویش موافق رحمانیتت عمل نما و فرایض خود را به من بیاموز.۱۲۴
125 मैं आपका सेवक हूं, मुझे समझ प्रदान कीजिए, कि मैं आपकी विधियों को समझ सकूं.
من بنده تو هستم. مرا فهیم گردان تاشهادات تو را دانسته باشم.۱۲۵
126 याहवेह, आपके नियम तोड़े जा रहे हैं; समय आ गया है कि आप अपना कार्य करें.
وقت است که خداوند عمل کند زیرا که شریعت تو را باطل نموده‌اند.۱۲۶
127 इसलिये कि मुझे आपके आदेश स्वर्ण से अधिक प्रिय हैं, शुद्ध कुन्दन से अधिक,
بنابراین، اوامر تو را دوست می‌دارم، زیادتر از طلا و زر خالص.۱۲۷
128 मैं आपके उपदेशों को धर्ममय मानता हूं, तब मुझे हर एक गलत मार्ग से घृणा है.
بنابراین، همه وصایای تو را در هر چیز راست می‌دانم، وهر راه دروغ را مکروه می‌دارم.۱۲۸
129 अद्भुत हैं आपके अधिनियम; इसलिये मैं उनका पालन करता हूं.
شهادات تو عجیب است. ازین سبب جان من آنها را نگاه می‌دارد.۱۲۹
130 आपके वचन के खुलने से ज्योति उत्पन्‍न होती है; परिणामस्वरूप भोले पुरुषों को सबुद्धि प्राप्‍त होती है.
کشف کلام تو نورمی بخشد و ساده دلان را فهیم می‌گرداند.۱۳۰
131 मेरा मुख खुला है और मैं हांफ रहा हूं, क्योंकि मुझे प्यास है आपके आदेशों की.
دهان خود را نیکو باز کرده، نفس زدم زیرا که مشتاق وصایای تو بودم.۱۳۱
132 मेरी ओर ध्यान दीजिए और मुझ पर कृपा कीजिए, जैसी आपकी नीति उनके प्रति है, जिन्हें आपसे प्रेम है.
بر من نظر کن و کرم فرما، برحسب عادت تو به آنانی که نام تو رادوست می‌دارند.۱۳۲
133 अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप मेरे पांव को स्थिर कर दीजिए; कोई भी दुष्टता मुझ पर प्रभुता न करने पाए.
قدم های مرا در کلام خودت پایدار ساز، تا هیچ بدی بر من تسلط نیابد.۱۳۳
134 मुझे मनुष्यों के अत्याचार से छुड़ा लीजिए, कि मैं आपके उपदेशों का पालन कर सकूं.
مرا از ظلم انسان خلاصی ده، تا وصایای تورا نگاه دارم.۱۳۴
135 अपने सेवक पर अपना मुख प्रकाशित कीजिए और मुझे अपने नियमों की शिक्षा दीजिए.
روی خود را بر بنده خود روشن ساز، و فرایض خود را به من بیاموز.۱۳۵
136 मेरी आंखों से अश्रुप्रवाह हो रहा है, क्योंकि लोग आपकी व्यवस्था का पालन नहीं कर रहे.
نهرهای آب از چشمانم جاری است زیرا که شریعت تو رانگاه نمی دارند.۱۳۶
137 याहवेह, आप धर्मी हैं, सच्चे हैं आपके नियम.
‌ای خداوند تو عادل هستی و داوریهای تو راست است.۱۳۷
138 जो अधिनियम आपने प्रगट किए हैं, वे धर्ममय हैं; वे हर एक दृष्टिकोण से विश्वासयोग्य हैं.
شهادات خود را به راستی امر فرمودی و به امانت الی نهایت.۱۳۸
139 मैं भस्म हो रहा हूं, क्योंकि मेरे शत्रु आपके वचनों को भूल गए हैं.
غیرت من مرا هلاک کرده است زیرا که دشمنان من کلام تورا فراموش کرده‌اند.۱۳۹
140 आपकी प्रतिज्ञाओं का उचित परीक्षण किया जा चुका है, वे आपके सेवक को अत्यंत प्रिय हैं.
کلام تو بی‌نهایت مصفی است و بنده تو آن را دوست می‌دارد.۱۴۰
141 यद्यपि मैं छोटा, यहां तक कि लोगों की दृष्टि में घृणास्पद हूं, फिर भी मैं आपके अधिनियमों को नहीं भूलता.
من کوچک و حقیر هستم، اما وصایای تو را فراموش نکردم.۱۴۱
142 अनंत है आपकी धार्मिकता, परमेश्वर तथा यथार्थ है आपकी व्यवस्था.
عدالت تو عدل است تا ابدالاباد وشریعت تو راست است.۱۴۲
143 क्लेश और संकट मुझ पर टूट पड़े हैं, किंतु आपके आदेश मुझे मगन रखे हुए हैं.
تنگی و ضیق مرا درگرفته است، اما اوامر تو تلذذ من است.۱۴۳
144 आपके अधिनियम सदा-सर्वदा धर्ममय ही प्रमाणित हुए हैं; मुझे इनके विषय में ऐसी समझ प्रदान कीजिए कि मैं जीवित रह सकूं.
شهادات تو عادل است تا ابدالاباد. مرا فهیم گردان تا زنده شوم.۱۴۴
145 याहवेह, मैं संपूर्ण हृदय से आपको पुकार रहा हूं, मुझे उत्तर दीजिए, कि मैं आपकी विधियों का पालन कर सकूं.
به تمامی دل خوانده‌ام. ای خداوند مراجواب ده تا فرایض تو را نگاه دارم!۱۴۵
146 मैं आपको पुकार रहा हूं; मेरी रक्षा कीजिए, कि मैं आपके अधिनियमों का पालन कर सकूं.
تو راخوانده‌ام، پس مرا نجات ده. و شهادات تو را نگاه خواهم داشت.۱۴۶
147 मैं सूर्योदय से पूर्व ही जाग कर सहायता के लिये पुकारता हूं; मेरी आशा आपके वचन पर आधारित है.
بر طلوع فجر سبقت جسته، استغاثه کردم، و کلام تو را انتظار کشیدم.۱۴۷
148 रात्रि के समस्त प्रहरों में मेरी आंखें खुली रहती हैं, कि मैं आपकी प्रतिज्ञाओं पर मनन कर सकूं.
چشمانم بر پاسهای شب سبقت جست، تا درکلام تو تفکر بنمایم.۱۴۸
149 अपने करुणा-प्रेम के कारण मेरी पुकार सुनिए; याहवेह, अपने ही नियमों के अनुरूप मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.
به حسب رحمت خود آواز مرا بشنو. ای خداوند موافق داوریهای خودمرا زنده ساز.۱۴۹
150 जो मेरे विरुद्ध बुराई की युक्ति रच रहे हैं, मेरे निकट आ गए हैं, किंतु वे आपकी व्यवस्था से दूर हैं.
آنانی که در‌پی خباثت می‌روند، نزدیک می‌آیند، و از شریعت تو دورمی باشند.۱۵۰
151 फिर भी, याहवेह, आप मेरे निकट हैं, और आपके सभी आदेश प्रामाणिक हैं.
‌ای خداوند تو نزدیک هستی وجمیع اوامر تو راست است.۱۵۱
152 अनेक-अनेक वर्ष पूर्व मैंने आपके अधिनियमों से यह अनुभव कर लिया था कि आपने इनकी स्थापना ही इसलिये की है कि ये सदा-सर्वदा स्थायी बने रहें.
شهادات تو را اززمان پیش دانسته‌ام که آنها را بنیان کرده‌ای تاابدالاباد.۱۵۲
153 मेरे दुःख पर ध्यान दीजिए और मुझे इससे बचा लीजिए, क्योंकि आपकी व्यवस्था को मैं भुला नहीं.
بر مذلت من نظر کن و مرا خلاصی ده زیراکه شریعت تو را فراموش نکرده‌ام.۱۵۳
154 मेरे पक्ष का समर्थन करके मेरा उद्धार कीजिए; अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.
در دعوای من دادرسی فرموده، مرا نجات ده و به حسب کلام خویش مرا زنده ساز.۱۵۴
155 कठिन है दुष्टों का उद्धार होना, क्योंकि उन्हें आपकी विधियों की महानता ही ज्ञात नहीं.
نجات از شریران دور است زیرا که فرایض تو را نمی طلبند.۱۵۵
156 याहवेह, अनुपम है आपकी मनोहरता; अपने ही नियमों के अनुरूप मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.
‌ای خداوند، رحمت های تو بسیار است. به حسب داوریهای خود مرا زنده ساز.۱۵۶
157 मेरे सतानेवाले तथा शत्रु अनेक हैं, किंतु मैं आपके अधिनियमों से दूर नहीं हुआ हूं.
جفاکنندگان و خصمان من بسیارند. اما ازشهادات تو رو برنگردانیدم.۱۵۷
158 विश्वासघाती आपके आदेशों का पालन नहीं करते, तब मेरी दृष्टि में वे घृणास्पद हैं.
خیانت کاران رادیدم و مکروه داشتم زیرا کلام تو را نگاه نمی دارند.۱۵۸
159 आप ही देख लीजिए: कितने प्रिय हैं मुझे आपके नीति-सिद्धांत; याहवेह, अपने करुणा-प्रेम के अनुरूप मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.
ببین که وصایای تو را دوست می‌دارم. ای خداوند، به حسب رحمت خود مرازنده ساز!۱۵۹
160 वस्तुतः सत्य आपके वचन का सार है; तथा आपके धर्ममय नियम सदा-सर्वदा स्थायी रहते हैं.
جمله کلام تو راستی است وتمامی داوری عدالت تو تا ابدالاباد است.۱۶۰
161 प्रधान मुझे बिना किसी कारण के दुःखित कर रहे हैं, किंतु आपके वचन का ध्यान कर मेरा हृदय कांप उठता है.
سروران بی‌جهت بر من جفا کردند. اما دل من از کلام تو ترسان است.۱۶۱
162 आपकी प्रतिज्ञाओं से मुझे ऐसा उल्लास प्राप्‍त होता है; जैसा किसी को बड़ी लूट प्राप्‍त हुई है.
من در کلام توشادمان هستم، مثل کسی‌که غنیمت وافر پیدانموده باشد.۱۶۲
163 झूठ से मुझे घृणा है, बैर है किंतु मुझे प्रेम है आपकी व्यवस्था से.
از دروغ کراهت و نفرت دارم. اماشریعت تو را دوست می‌دارم.۱۶۳
164 आपकी धर्ममय व्यवस्था का ध्यान कर मैं दिन में सात-सात बार आपका स्तवन करता हूं.
هر روز تو راهفت مرتبه تسبیح می‌خوانم، برای داوریهای عدالت تو.۱۶۴
165 जिन्हें आपकी व्यवस्था से प्रेम है, उनको बड़ी शांति मिलती रहती है, वे किसी रीति से विचलित नहीं हो सकते.
آنانی را که شریعت تو را دوست می دارند، سلامتی عظیم است و هیچ‌چیز باعث لغزش ایشان نخواهد شد.۱۶۵
166 याहवेह, मैं आपके उद्धार का प्रत्याशी हूं, मैं आपके आदेशों का पालन करता हूं.
‌ای خداوند، برای نجات تو امیدوار هستم و اوامر تو را بجا می‌آورم.۱۶۶
167 मैं आपके अधिनियमों का पालन करता हूं, क्योंकि वे मुझे अत्यंत प्रिय हैं.
جان من شهادات تو را نگاه داشته است و آنهارا بی‌نهایت دوست می‌دارم.۱۶۷
168 मैं आपके उपदेशों तथा नियमों का पालन करता हूं, आपके सामने मेरा संपूर्ण आचरण प्रगट है.
وصایا وشهادات تو را نگاه داشته‌ام زیرا که تمام طریقهای من در مد نظر تو است.۱۶۸
169 याहवेह, मेरी पुकार आप तक पहुंचे; मुझे अपने वचन को समझने की क्षमता प्रदान कीजिए.
‌ای خداوند، فریاد من به حضور تو برسد. به حسب کلام خود مرا فهیم گردان.۱۶۹
170 मेरा गिड़गिड़ाना आप तक पहुंचे; अपनी प्रतिज्ञा पूर्ण करते हुए मुझे छुड़ा लीजिए.
مناجات من به حضور تو برسد. به حسب کلام خود مراخلاصی ده.۱۷۰
171 मेरे होंठों से आपका स्तवन छलक उठे, क्योंकि आपने मुझे अपनी विधियों की शिक्षा दी है.
لبهای من حمد تو را جاری کندزیرا فرایض خود را به من آموخته‌ای.۱۷۱
172 मेरी जीभ आपके वचन का गान करेगी, क्योंकि आपके सभी आदेश आदर्श हैं.
زبان من کلام تو را بسراید زیرا که تمام اوامر تو عدل است.۱۷۲
173 आपकी भुजा मेरी सहायता के लिए तत्पर रहे, मैंने आपके उपदेशों को अपनाया है.
دست تو برای اعانت من بشود زیرا که وصایای تو را برگزیده‌ام.۱۷۳
174 आपसे उद्धार की प्राप्‍ति की मुझे उत्कंठा है, याहवेह, आपकी व्यवस्था में मेरा आनंद है.
‌ای خداوند برای نجات تو مشتاق بوده‌ام و شریعت تو تلذذ من است.۱۷۴
175 मुझे आयुष्मान कीजिए कि मैं आपका स्तवन करता रहूं, और आपकी व्यवस्था मुझे संभाले रहे.
جان من زنده شود تا تو را تسبیح بخواند و داوریهای تو معاون من باشد.۱۷۵
176 मैं खोई हुई भेड़ के समान हो गया था. आप ही अपने सेवक को खोज लीजिए, क्योंकि मैं आपके आदेशों को भूला नहीं.
مثل گوسفند گم شده، آواره گشتم. بنده خود را طلب نما، زیرا که اوامر تو را فراموش نکردم.۱۷۶

< भजन संहिता 119 >