< भजन संहिता 113 >
1 याहवेह का स्तवन हो. याहवेह के सेवको, स्तवन करो; याहवेह की महिमा का स्तवन करो.
αλληλουια αἰνεῖτε παῖδες κύριον αἰνεῖτε τὸ ὄνομα κυρίου
2 आज से सदा-सर्वदा याहवेह के नाम का स्तवन होता रहे.
εἴη τὸ ὄνομα κυρίου εὐλογημένον ἀπὸ τοῦ νῦν καὶ ἕως τοῦ αἰῶνος
3 उपयुक्त है कि सूर्योदय से सूर्यास्त के क्षण तक, याहवेह के नाम का स्तवन हो.
ἀπὸ ἀνατολῶν ἡλίου μέχρι δυσμῶν αἰνεῖτε τὸ ὄνομα κυρίου
4 याहवेह समस्त राष्ट्रों के ऊपर हैं, उनका तेज स्वर्ग से भी महान है.
ὑψηλὸς ἐπὶ πάντα τὰ ἔθνη ὁ κύριος ἐπὶ τοὺς οὐρανοὺς ἡ δόξα αὐτοῦ
5 और कौन है याहवेह हमारे परमेश्वर के तुल्य, जो सर्वोच्च सिंहासन पर विराजमान हैं,
τίς ὡς κύριος ὁ θεὸς ἡμῶν ὁ ἐν ὑψηλοῖς κατοικῶν
6 जिन्हें स्वर्ग एवं पृथ्वी को देखने के लिए झुककर दृष्टिपात करना पड़ता है?
καὶ τὰ ταπεινὰ ἐφορῶν ἐν τῷ οὐρανῷ καὶ ἐν τῇ γῇ
7 याहवेह ही कंगाल को धूलि से उठाकर बसाते हैं, वही दरिद्र को राख के ढेर से उठाकर ऊंचा करते हैं.
ὁ ἐγείρων ἀπὸ γῆς πτωχὸν καὶ ἀπὸ κοπρίας ἀνυψῶν πένητα
8 वही उन्हें प्रधानों के साथ लाकर, अपनी प्रजा के प्रधानों के साथ विराजमान करते हैं.
τοῦ καθίσαι αὐτὸν μετὰ ἀρχόντων μετὰ ἀρχόντων λαοῦ αὐτοῦ
9 वही बांझ स्त्री को बच्चों की माता का आनंद प्रदान करके परिवार में सम्मान प्रदान करते हैं. याहवेह का स्तवन हो.
ὁ κατοικίζων στεῖραν ἐν οἴκῳ μητέρα τέκνων εὐφραινομένην