< भजन संहिता 111 >
1 याहवेह का स्तवन हो. मैं संपूर्ण हृदय से याहवेह का स्तवन करूंगा, सीधे मनवालों की समिति और सभा में.
Hallelujah! Bekennen will ich Jehovah von ganzem Herzen im Kreise der Redlichen und in der Gemeinde.
2 अति उदात्त हैं याहवेह के कृत्य; वे उनकी प्रसन्नता का कारण हैं, जो इनको मनन करते हैं.
Groß sind Jehovahs Taten, nachgesucht von allen, die Lust daran haben.
3 महिमामय और भव्य हैं याहवेह के ये कृत्य, उनकी धार्मिकता सर्वदा है.
Majestät und Ehre ist Sein Werk, und Seine Gerechtigkeit besteht immerfort.
4 याहवेह ने अपने इन कृत्यों को अविस्मरणीय बना दिया है; वह उदार एवं कृपालु हैं.
Er machte ein Andenken für Seine Wunder, gnädig und erbarmungsvoll ist Jehovah.
5 अपने श्रद्धालुओं के लिए वह आहार का प्रबंध करते हैं; वह अपनी वाचा सदा-सर्वदा स्मरण रखते हैं.
Er gibt Speise denen, die Ihn fürchten, Er gedenkt Seines Bundes ewiglich.
6 उन्होंने अपनी प्रजा पर इन कृत्यों की सामर्थ्य प्रकट कर दी, जब उन्होंने उन्हें अन्य राष्ट्रों की भूमि प्रदान की.
Er sagt an Seinem Volke Seiner Werke Kraft, indem Er ihnen gab der Völkerschaften Erbe.
7 उनके द्वारा निष्पन्न समस्त कार्य विश्वासयोग्य और न्याय के हैं; विश्वासयोग्य हैं उनके सभी उपदेश.
Die Werke Seiner Hände sind Wahrheit und Recht, wahrhaft sind alle Seine Verordnungen.
8 वे सदा-सर्वदा के लिए अटल हैं, कि इनका पालन सच्चाई एवं न्याय में किया जाए.
Sie werden erhalten immerfort, in Ewigkeit; sie sind getan in Wahrheit und Redlichkeit.
9 याहवेह ने अपनी प्रजा का उद्धार किया; उन्होंने अपनी वाचा सदा-सर्वदा के लिए स्थापित कर दी है. उनका नाम सबसे अलग तथा पवित्र और भय-योग्य है.
Er sandte Seinem Volk Erlösung, Er gebot auf ewig Seinen Bund. Heilig und furchtbar ist Sein Name.
10 याहवेह के प्रति श्रद्धा बुद्धि का मूल है; उन सभी में, जो इसे मानते हैं, उत्तम समझ रहते है. याहवेह ही हैं सर्वदा वंदना के योग्य.
Der Weisheit Anfang ist die Furcht Jehovahs, guten Verstand haben alle, so danach tun. Sein Lob besteht immerfort.