< भजन संहिता 106 >

1 याहवेह की स्तुति हो! याहवेह का धन्यवाद करो-वे भले हैं; उनकी करुणा सदा की है.
Alleluja! Dem Herrn sagt Dank! Denn er ist gut! Auf ewig währet seine Huld.
2 किसमें क्षमता है याहवेह के महाकार्य को लिखने की अथवा उनका तृप्‍त स्तवन करने की?
Wer redet würdig von des Herren großen Taten, verkündet all sein Lob?
3 प्रशंसनीय हैं वे, जो न्याय का पालन करते हैं, जो सदैव वही करते हैं, जो न्याय संगत ही होता है.
Heil denen, die das Richtige befolgen und es zu jeder Zeit recht machen! -
4 याहवेह, जब आप अपनी प्रजा पर कृपादृष्टि करें, तब मुझे स्मरण रखिए, जब आप उन्हें उद्धार दिलाएं, तब मेरा भी ध्यान रखें.
Gedenke meiner, Herr, begnadigst Du Dein Volk und kommt Dein Heil, so denk auch meiner,
5 कि मैं आपके चुने हुओं की समृद्धि देख सकूं, कि मैं आपके राष्ट्र के आनंद में उल्‍लसित हो सकूं, कि मैं आपके निज भाग के साथ गर्व कर सकूं.
daß Deiner Auserwählten Glück ich noch erlebe und mich der Freude Deines Volkes freue und mit den ewig Deinen jubiliere!
6 हमने अपने पूर्वजों के समान पाप किए हैं; हमने अपराध किया है, हमारे आचरण में अधर्म था.
Gesündigt haben wir mit unsren Vätern, unrecht und frevelhaft gehandelt.
7 जब हमारे पूर्वज मिस्र देश में थे, उन्होंने आपके द्वारा किए गए आश्चर्य कार्यों की गहनता को मन में ग्रहण नहीं किया; उनके लिए आपके करुणा-प्रेम में किए गए वे अनेक हितकार्य नगण्य ही रहे, सागर, लाल सागर के तट पर उन्होंने विद्रोह कर दिया.
Schon unsere Väter merkten nicht auf Deine Wunder in Ägypten und dachten nicht an Deine Gnadenfülle. - Sie haderten am Meer, des Schilfmeers wegen.
8 फिर भी परमेश्वर ने अपनी महिमा के निमित्त उनकी रक्षा की, कि उनका अतुलनीय सामर्थ्य प्रख्यात हो जाए.
Um seines Namens willen half er ihnen, um seine Stärke kundzutun.
9 परमेश्वर ने लाल सागर को डांटा और वह सूख गया; परमेश्वर उन्हें उस गहराई में से इस प्रकार लेकर आगे बढ़ते गए मानो वे वन के मार्ग पर चल रहे हों.
Er schalt das Schilfmeer; es versiegte. Er führte sie durch Fluten wie durch eine Trift,
10 परमेश्वर ने शत्रुओं से उनकी सुरक्षा की; उन्हें शत्रुओं के अधिकार से मुक्त कर दिया.
entriß sie aus der Hasser Hand, befreite sie aus Feindes Macht.
11 उनके प्रतिरोधी जल में डूब गए; उनमें से एक भी जीवित न रहा.
Das Wasser deckte ihre Dränger; nicht einer blieb von ihnen übrig.
12 तब उन्होंने परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं पर विश्वास किया और उनकी वंदना की.
Da glaubten sie an seine Worte und stimmten einen Lobgesang ihm an.
13 किंतु शीघ्र ही वह परमेश्वर के महाकार्य को भूल गए; यहां तक कि उन्होंने परमेश्वर के निर्देशों की प्रतीक्षा भी नहीं की.
Doch schnell vergaßen sie dann seine Taten und harrten seines Rates nicht.
14 जब वे बंजर भूमि में थे, वे अपने अनियंत्रित आवेगों में बह गए; उजाड़ क्षेत्र में उन्होंने परमेश्वर की परीक्षा ली.
Sie wurden in der Wüste lüstern, versuchten Gott im wasserlosen Land.
15 तब परमेश्वर ने उनकी अभिलाषा की पूर्ति कर दी; इसके अतिरिक्त परमेश्वर ने उन पर महामारी भेज दी.
Da gab er ihnen ihr Begehr: Erbrechen sandte er in ihren Hals.
16 मंडप निवासकाल में वे मोशेह और अहरोन से, जो याहवेह के अभिषिक्त थे, डाह करने लगे.
Im Lager aber wurden sie auf Moses eifersüchtig und auf den Heiligen des Herrn, auf Aaron.
17 तब भूमि फट गई और दाथान को निगल गई; अबीराम के दल को उसने गाड़ दिया.
Die Erde tat sich auf, verschlang den Dathan, begrub die Rotte Abirams.
18 उनके अनुयायियों पर अग्निपात हुआ; आग ने कुकर्मियों को भस्म कर दिया.
In ihrer Rotte flammte Feuer auf, und eine Flamme fraß die Frevler. -
19 होरेब पर्वत पर उन्होंने बछड़े की प्रतिमा ढाली और इस धातु प्रतिमा की आराधना की.
Am Horeb machten sie ein Kalb und beteten ein Gußbild an,
20 उन्होंने परमेश्वर की महिमा का विनिमय उस बैल की प्रतिमा से कर लिया, जो घास चरता है.
vertauschten ihres Gottes Herrlichkeit mit der Gestalt des Stiers, der Gras verzehrt,
21 वे उस परमेश्वर को भूल गए, जिन्होंने उनकी रक्षा की थी, जिन्होंने मिस्र देश में असाधारण कार्य किए थे,
vergaßen Gott, der sie gerettet, der Großes in Ägypten hat getan,
22 हाम के क्षेत्र में आश्चर्य कार्य तथा लाल सागर के तट पर भयंकर कार्य किए थे.
Erstaunliches im Lande Chams, Erschreckliches am Roten Meer.
23 तब परमेश्वर ने निश्चय किया कि वह उन्हें नष्ट कर देंगे. वह उन्हें नष्ट कर चुके होते, यदि परमेश्वर के चुने मोशेह उनके और परमेश्वर के सत्यानाश प्रकोप के मध्य आकर, जलजलाहट को ठंडा न करते.
Er dachte dran, sie zu vertilgen; da trat vor ihm sein Auserwählter, Moses, in die Bresche, um seinen Grimm vom Unheil abzuwenden. -
24 इसके बाद इस्राएलियों ने उस सुखदायी भूमि को निकम्मी समझा; उन्होंने परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर विश्वास नहीं किया.
Doch sie verschmähten das ersehnte Land und glaubten seinem Worte nicht.
25 अपने-अपने तंबुओं में वे कुड़कुड़ाते रहे, उन्होंने याहवेह की आज्ञाएं नहीं मानीं.
In ihren Zelten murrten sie, gehorchten nicht des Herren Stimme.
26 तब याहवेह ने शपथ खाई, कि वह उन्हें बंजर भूमि में ही मिटा देंगे,
Da schwur er ihnen hoch und teuer, sie in der Wüste zu vertilgen,
27 कि वह उनके वंशजों को अन्य जनताओं के मध्य नष्ट कर देंगे और उन्हें समस्त पृथ्वी पर बिखरा देंगे.
den Heiden preiszugeben ihren Stamm und diesen in die Länder zu versprengen. -
28 उन्होंने पओर के देवता बाल की पूजा-अर्चना की. उन्होंने उस बलि में से खाया, जो निर्जीव देवताओं को अर्पित की गई थी.
Sie paarten sich zu Ehren Baal Peors und aßen Totenopfer.
29 अपने अधर्म के द्वारा उन्होंने याहवेह के क्रोध को भड़का दिया, परिणामस्वरूप उनके मध्य महामारी फैल गई.
Sie reizten ihn durch ihre Taten; da brach die Pest bei ihnen aus.
30 तब फिनिहास ने सामने आकर मध्यस्थ का कार्य किया, और महामारी थम गई.
Und Pinechas stand auf und schlichtete; da ward die Pest gehemmt.
31 उनकी इस भूमिका को पीढ़ी से पीढ़ी के लिए युक्त घोषित किया गया.
Ihm ward es zum Verdienst gerechnet und seinen Enkeln immerfort.
32 मेरिबाह जलाशय के निकट उन्होंने याहवेह के कोप को भड़काया, उनके कारण मोशेह पर संकट आ पड़ा,
Und sie erzürnten ihn am Haderwasser, und ihretwegen mußte Moses leiden.
33 क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के आत्मा के विरुद्ध बलवा किया था, और मोशेह ने बिन सोचे शब्द बोल डाले थे.
Denn sie verbitterten ihm das Gemüt so daß er unbedacht mit seinen Worten war.
34 याहवेह के आदेश के अनुरूप उन्होंने उन लोगों की हत्या नहीं की,
Sie tilgten auch die Völker nicht, wie's ihnen doch der Herr gebot.
35 परंतु वे अन्य जनताओं से घुल-मिल गए और उन्होंने उनकी प्रथाएं भी अपना लीं.
Sie mischten sich mit Heiden und lernten ihre Sitten.
36 उन्होंने उनकी प्रतिमाओं की आराधना की, जो उनके लिए फंदा बन गईं.
Sie dienten ihren Götzen, und diese brachten sie zu Fall.
37 उन्होंने अपने पुत्र-पुत्रियों को प्रेतों के लिए बलि कर दिया.
So opferten sie ihre Söhne und ihre Töchter den Dämonen.
38 उन्होंने निर्दोषों का रक्त बहाया, अपने ही पुत्रों और पुत्रियों का रक्त, जिनकी उन्होंने कनान देश की प्रतिमाओं को बलि अर्पित की, और उनके रक्त से भूमि दूषित हो गई.
Unschuldig Blut vergossen sie, das Blut der eigenen Söhne und der Töchter, die sie den Götzen Kanaans zum Opfer brachten. So ward das Land durch Mord entweiht.
39 अपने कार्यों से उन्होंने स्वयं को भ्रष्‍ट कर डाला; उन्होंने अपने ही कार्यों के द्वारा विश्वासघात किया.
Sie selbst bedeckten sich durch ihre Taten; durch ihre Werke wurden sie so untreu.
40 ये सभी वे कार्य थे, जिनके कारण याहवेह अपने ही लोगों से क्रोधित हो गए और उनको अपना निज भाग उनके लिए घृणास्पद हो गया.
Da zürnte seinem Volk der Herr aufs heftigste, zum Abscheu wurde ihm sein Erbe.
41 परमेश्वर ने उन्हें अन्य राष्ट्रों के अधीन कर दिया, उनके विरोधी ही उन पर शासन करने लगे.
Er gab sie in der Heiden Hand, und ihre Hasser herrschten über sie.
42 उनके शत्रु उन पर अधिकार करते रहे और उन्हें उनकी शक्ति के सामने समर्पण करना पड़ा.
Und ihre Feinde drückten sie; sie mußten ihrer Macht sich beugen. -
43 कितनी ही बार उन्होंने उन्हें मुक्त किया, किंतु वे थे विद्रोह करने पर ही अटल, तब वे अपने ही अपराध में नष्ट होते चले गए.
Zu vielen Malen hat er sie befreit; sie aber blieben voller Trotz bei ihrem Plan, verkamen so durch ihre Sünde.
44 किंतु उनका संकट परमेश्वर की दृष्टि में था. तब उन्होंने उनकी पुकार सुनी;
Er sah auf ihre Not, sooft er ihre Klage hörte, dachte er
45 उनके कल्याण के निमित्त परमेश्वर ने अपनी वाचा का स्मरण किया, और अपने करुणा-प्रेम की परिणामता में परमेश्वर ने उन पर कृपा की.
an seinen Bund mit ihnen, ward andern Sinns in seiner großen Huld
46 परमेश्वर ने उनके प्रति, जिन्होंने उन्हें बंदी बना रखा था, उनके हृदय में कृपाभाव उत्पन्‍न किया.
und ließ sie Mitleid finden bei allen ihren Siegern. -
47 याहवेह, हमारे परमेश्वर, हमारी रक्षा कीजिए, और हमें विभिन्‍न राष्ट्रों में से एकत्र कर लीजिए, कि हम आपके पवित्र नाम के प्रति आभार व्यक्त कर सकें और आपका स्तवन हमारे गर्व का विषय बन जाए.
Zu Hilfe uns, Herr, unser Gott! - Bring uns zusammen aus den Heidenvölkern, auf daß wir Deinem heiligen Namen danken, uns rühmen Deines Ruhmes! -
48 आदि से अनंत काल तक धन्य हैं. याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर, इस पर सारी प्रजा कहे, “आमेन,” याहवेह की स्तुति हो.
Gepriesen sei der Herr, Gott Israels, von Ewigkeit zu Ewigkeit, und alles Volk soll sprechen: "Amen! Alleluja!"

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