< ओबद्याह 1 >
1 ओबदिया द्वारा देखा गया दर्शन. एदोम के विषय में परमेश्वर याहवेह का यह संदेश है, हमने याहवेह से यह समाचार सुना है: समस्त राष्ट्रों को संदेश देने के लिए एक दूत भेजा गया था, “उठो, हम युद्ध के लिए उस पर आक्रमण करे.”
Widzenie Abdiasza. Tak mówi Pan BÓG o Edomie: Usłyszeliśmy wieść od PANA, a posłaniec został wysłany do narodów: Powstańcie, wyruszmy przeciwko niemu do bitwy.
2 “देखो, मैं तुम्हें राष्ट्रों के समक्ष छोटा बना दूंगा; तुम अत्यंत घृणित हो जाओगे.
Oto uczyniłem cię małym wśród narodów, jesteś bardzo wzgardzony.
3 तुम्हारे हृदय के अहंकार ने ही तुम्हें धोखा दिया है, तुम, जो चट्टान के निकले भाग पर निवास करते हो और अपना घर ऊंचाई पर बनाते हो, तुम जो अपने आपसे कहते हो, ‘किसमें दम है, जो मुझे नीचे भूमि पर ला सके?’
Pycha twego serca zwiodła cię, ty, który mieszkasz w rozpadlinach skalnych, [masz] swoje mieszkanie na wysokości; [ty], który mówisz w swoim sercu: Któż mnie ściągnie na ziemię?
4 यद्यपि तुम गरुड़ के सदृश ऊंचाइयों पर उड़ते रहते हो, और अपना घोंसला मानो तारों के मध्य में बनाते हो, मैं तुम्हें वहां से नीचे ले आऊंगा,” यह याहवेह की घोषणा है.
Choćbyś wywyższył się jak orzeł, choćbyś założył swoje gniazdo wśród gwiazd, stamtąd cię strącę, mówi PAN.
5 यदि चोर तुम्हारे पास आएं, यदि रात्रि में डाकू आएं, क्या वे उतना ही विनाश न करेंगे जितना उनके लिए पर्याप्त होगा? यदि द्राक्षा तोड़नेवाले तुम्हारे निकट आएं, क्या वे अंगूर न छोड़ेंगे?
Jakże jesteś zniszczony! Gdyby złodzieje przyszli do ciebie, gdyby rabusie [zjawili się] w nocy, czy nie kradliby [tyle, ile] potrzebują? Gdyby przyszli do ciebie zbieracze winogron, czy nie zostawiliby trochę winogron?
6 पर एसाव की कैसी लूटमार होगी, कैसे उसके छिपाये खजाने को खोज निकाली गई!
Jakże przeszukane są skarby Ezawa, a przetrząśnięte jego skryte rzeczy!
7 तुम्हारे ही समस्त मित्र राष्ट्रों तुम्हें तुम्हारी सीमा तक खदेड़ देंगे; तुम्हारे मित्र धोखा देकर तुम्हें अपने अधिकार में कर लेंगे; जो तुम्हारी रोटी खाते हैं, वे ही तुम्हारे लिये जाल बिछायेंगे, पर तुम्हें इसका पता भी नहीं चलेगा.
Aż do granicy wypchnęli cię wszyscy twoi sprzymierzeńcy. Ci, z którymi miałeś pokój, zdradzili cię i pokonali; ci, którzy [jedli] twój chleb, zranili cię zdradliwie. Nie ma zrozumienia u niego.
8 याहवेह घोषणा कर रहे हैं, “क्या मैं उस दिन” एदोम के बुद्धिमानों को, एसाव पर्वत में से समझदारों को नष्ट न करूंगा?
Czyż w owym dniu – mówi PAN – nie wytracę mędrców z Edomu, a rozumu – z góry Ezawa?
9 तुम्हारे योद्धा, तेमान, भयभीत होंगे, और एसाव के पर्वतों पर हर एक मनुष्य का संहार किया जाएगा.
I tak się zlękną twoi mocarze, Temanie, że wszyscy z góry Ezawa zostaną wycięci.
10 तुमने भाई याकोब पर किए हिंसा के कारण, तुम्हें लज्जित होना पड़ेगा; और तुम हमेशा के लिये नाश हो जाओगे.
Z powodu przemocy wobec twego brata Jakuba okryje cię hańba i zostaniesz wykorzeniony na wieki.
11 उस दिन तुम दूर खड़े हुए सब देखते रहे और विदेशियों ने नगर में प्रवेश किया, वे उसकी संपत्ति लूटकर ले जाते रहे और उन्होंने येरूशलेम को हड़पने के लिए मतपत्रों का प्रयोग किया, तुम उनमें से एक के जैसे थे.
W dniu, gdy stałeś naprzeciwko, w dniu, gdy obcy brali do niewoli jego wojsko i gdy cudzoziemcy wchodzili w jego bramy i o Jerozolimę rzucali losy, to ty [byłeś] też jak jeden z nich.
12 तुम अपने भाई की दुर्दशा के दिनों में उसके ऊपर आनंद मत मनाना, न ही यहूदिया प्रदेश के निवासियों पर, उनके विनाश के दिन में आनंद मनाना, और न ही उनके संकट के दिन में ज्यादा घमंड करना.
Nie powinieneś był patrzeć na dzień swego brata, w dniu jego pojmania, ani cieszyć się z powodu synów Judy w dniu ich zniszczenia, ani mówić zuchwale w dniu ucisku.
13 मेरी प्रजा की संकट की स्थिति में उनके नगर में प्रवेश न करना, न ही उनकी विपत्ति में तुम उनको देखते रहना, और न ही उनकी विपत्ति के अवसर पर तुम उनकी संपत्ति पर कब्जा करना.
Nie powinieneś był wchodzić w bramę mojego ludu w dniu jego klęski ani patrzeć na jego nieszczęście w dniu jego klęski, ani wyciągać swej [ręki] po jego mienie w dniu jego klęski;
14 तुम सड़क के चौक पर उनके भागनेवालों को मार डालने के लिये खड़े मत होना, न ही उनके संकट के समय में उनके बच गये लोगों को शत्रु के हाथों में सौंपना.
Nie powinieneś był stać na rozstaju dróg, aby wytracić tych, którzy uciekali, ani wydać tych, którzy pozostali spośród nich w dniu ucisku.
15 “सारे देशों के लिए निर्धारित याहवेह का दिन निकट है. जैसा तुमने किया है, ठीक वैसा ही तुम्हारे साथ भी किया जाएगा; तुम्हारे द्वारा किए गए बुरे काम तुम्हारे ही सिर पर आ पड़ेंगे.
Bliski bowiem [jest] dzień PANA dla wszystkich narodów. Jak ty postępowałeś, tak postąpią z tobą. Twoja odpłata spadnie na twoją głowę.
16 ठीक जिस प्रकार तुमने मेरे पवित्र पर्वत पर वह प्याला पिया है, उसी प्रकार सारे देश निरंतर वह प्याला पीते रहेंगे; वे पिएंगे और पिएंगे और ऐसे हो जायेंगे, जैसे वे कभी न थे.
Bo jak wy piliście na mojej świętej górze, tak będą stale pić wszystkie narody; będą pić i pochłaniać, aż będzie z nimi tak, jakby ich [nigdy] nie było.
17 किंतु बचकर निकले लोग ज़ियोन पर्वत पर रहेंगे; वह पवित्र होगा, और याकोब के वंशज अपनी संपत्ति पर फिर अधिकार करेंगे.
A na górze Syjon będzie wybawienie i będzie ona święta, a dom Jakuba posiądzie swoje posiadłości.
18 याकोब का वंश आग के समान और योसेफ़ का वंश ज्वाला के समान होगा; एसाव का वंश बचे हुए भूंसे के समान होगा, और वे उन्हें जलाकर नाश कर देंगे. एसाव के वंश में से कोई भी न बचेगा.” क्योंकि यह याहवेह ने कहा है.
Dom Jakuba stanie się ogniem, a dom Józefa płomieniem, dom Ezawa zaś ścierniskiem. Podpalą go i strawią, i nikt nie pozostanie z domu Ezawa, bo PAN to powiedział.
19 एसाव पर्वत पर नेगेव के निवासियों का अधिकार हो जाएगा, और फिलिस्तिया देश पर नीचे के देश के लोग अधिकार कर लेंगे. वे एफ्राईम तथा शमरिया के खेतों पर अधिकार कर लेंगे, और बिन्यामिन गिलआद पर अधिकार करेगा.
Ci z krainy południa odziedziczą górę Ezawa, ci z równiny – Filistynów. Posiądą też krainę Efraima i krainę Samarii, a Beniamin [posiądzie] Gilead.
20 बंधुआ इस्राएलियों का यह दल, जो कनान में है वह कनानियों के ज़रफता देश तक अपने अधिकार में कर लेगा; येरूशलेम के बंधुआ, जो सेफहारथ नगर में हैं, वे नेगेव के नगरों को अपने अधिकार में कर लेंगे.
A wygnańcy tego wojska z synów Izraela [posiądą] to, co należało do Kananejczyków aż do Sarepty; wygnańcy zaś z Jerozolimy, którzy są w Sefarad, posiądą miasta na południu.
21 छुड़ानेवाले एसाव पर्वत पर शासन करने के लिये ज़ियोन पर्वत पर चढ़ आऐंगे. और राज्य याहवेह का हो जाएगा.
I wstąpią wybawiciele na górę Syjon, aby sądzić górę Ezawa. I królestwo będzie [należeć do] PANA.