< गिनती 8 >

1 तब याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी,
و خداوند موسی را خطاب کرده، گفت:۱
2 “अहरोन को यह आज्ञा दो, ‘जब-जब तुम दीपों को दीपदान पर रखो, ये सातों दीप सामने की तरफ़ प्रकाश देंगे.’”
«هارون را خطاب کرده، به وی بگو: هنگامی که چراغها را برافرازی، هفت چراغ پیش شمعدان روشنایی بدهد.»۲
3 अहरोन ने यही किया. उसने दीपों को दीपदान के सामने की ओर रखा, जैसा याहवेह ने मोशेह द्वारा आज्ञा दी थी.
پس هارون چنین کرد، و چراغها را برافراشت تا پیش شمعدان روشنایی بدهد، چنانکه خداوند موسی را امرفرموده بود.۳
4 इस दीपदान की बनावट इस प्रकार की गई थी: यह पीटे हुए सोने से बनाया गया था. यह इसके आधार से दीप फूलों तक पीटे हुए सोने से बना था. यह ठीक याहवेह द्वारा मोशेह को दिए गए नमूने के अनुसार था, तब उसने दीपदान को उसी के अनुसार बनाया था.
و صنعت شمعدان این بود: ازچرخکاری طلا از ساق تا گلهایش چرخکاری بود، موافق نمونه‌ای که خداوند به موسی نشان داده بود، به همین طور شمعدان را ساخت.۴
5 याहवेह ने मोशेह को दोबारा आज्ञा दी:
و خداوند موسی را خطاب کرده، گفت:۵
6 “सारे इस्राएल के घराने में से लेवियों को अलग करो तथा उन्हें पवित्र करो.
«لاویان را از میان بنی‌اسرائیل گرفته، ایشان راتطهیر نما.۶
7 उनके शुद्ध करने की प्रक्रिया यह होगी: उन पर पवित्र जल का छिड़काव करो, तथा वे अपनी पूरी देह पर उस्तरा चलाएं, वस्त्रों को धो डालें और वे स्वच्छ हो जाएंगे.
و بجهت تطهیر ایشان، به ایشان چنین عمل نما، آن کفاره گناه را بر ایشان بپاش و بر تمام بدن خود استره بگذرانند، و رخت خود را شسته، خود را تطهیر نمایند.۷
8 फिर वे एक बछड़ा लेकर तेल से सने मैदे के साथ अन्‍नबलि के रूप में चढ़ाएं तथा एक अन्य बछड़ा तुम पापबलि के रूप में चढ़ाओगे.
و گاوی جوان و هدیه آردی آن، یعنی آرد نرم مخلوط با روغن بگیرند، وگاو جوان دیگر بجهت قربانی گناه بگیر.۸
9 तुम लेवियों को इस प्रकार मिलनवाले तंबू के सामने प्रस्तुत करोगे. तुम समस्त इस्राएल को इकट्ठा करोगे,
ولاویان را پیش خیمه اجتماع نزدیک بیاور، وتمامی جماعت بنی‌اسرائیل را جمع کن.۹
10 तथा लेवियों को याहवेह के सामने प्रस्तुत करोगे तथा इस्राएल के घराने लेवियों पर अपने हाथ रखेंगे.
ولاویان را به حضور خداوند نزدیک بیاور، وبنی‌اسرائیل دستهای خود را بر لاویان بگذارند.۱۰
11 अहरोन लेवियों को याहवेह के सामने इस्राएलियों की ओर हिलायी हुई भेंट चढ़ाएगा ताकि वे याहवेह की सेवा के लिए ठहर सकें.
و هارون لاویان را از جانب بنی‌اسرائیل به حضور خداوند هدیه بگذراند، تا خدمت خداوندرا بجا بیاورند.۱۱
12 “फिर लेवी अपने हाथ उन बछड़ों पर रखेंगे और एक को याहवेह के लिए पापबलि तथा अन्य को होमबलि के रूप में भेंट कर देंगे ताकि इससे यह लेवियों के लिए प्रायश्चित बलि होगी.
و لاویان دستهای خود را بر سرگاوان بنهند، و تو یکی را بجهت قربانی گناه ودیگری را بجهت قربانی سوختنی برای خداوندبگذران، تا بجهت لاویان کفاره شود.۱۲
13 तुम लेवियों को अहरोन तथा उसके पुत्रों के सामने खड़ा होने के लिए कहोगे, कि वे याहवेह के सामने हिलाने की भेंट के लिए अर्पण किए जाएं.
و لاویان را پیش هارون و پسرانش برپا بدار، و ایشان رابرای خداوند هدیه بگذران.۱۳
14 इस प्रकार तुम लेवियों को इस्राएल के घराने से अलग करोगे. लेवी मेरे रहेंगे.
و لاویان را از میان بنی‌اسرائیل جدا نما و لاویان از آن من خواهندبود.۱۴
15 “यह सब पूरा हो जाने पर लेवी जाकर मिलनवाले तंबू में अपनी-अपनी ठहराई गई सेवाओं में लग सकते हैं; मगर ज़रूरी है कि तुम उन्हें पवित्र कर उन्हें हिलाने वाली भेंट के रूप में अर्पण करोगे;
«و بعد از آن لاویان داخل شوند تا خدمت خیمه اجتماع را بجا آورند، و تو ایشان را تطهیرکرده، ایشان را هدیه بگذران.۱۵
16 क्योंकि वे इस्राएल के घराने में से पूरी तरह मुझे दे दिए गए हैं. मैंने ही उन्हें इस्राएल के घराने में से हर एक स्त्री के गर्भ के पहलौंठों के स्थान पर अपने लिए ले लिया है.
زیراکه ایشان ازمیان بنی‌اسرائیل به من بالکل داده شده‌اند، و به عوض هر گشاینده رحم، یعنی به عوض همه نخست زادگان بنی‌اسرائیل، ایشان را برای خودگرفته‌ام.۱۶
17 क्योंकि इस्राएल के घराने में से हर एक पहलौठा मेरा है; चाहे मनुष्य हो अथवा पशु. जिस दिन मैंने मिस्र देश में हर एक पहलौठे को मारा था, मैंने लेवियों को अपने लिए अलग कर लिया था.
زیرا که جمیع نخست زادگان بنی‌اسرائیل خواه از انسان و خواه از بهایم، از آن من‌اند، در روزی که جمیع نخست زادگان را درزمین مصر زدم، ایشان را برای خود تقدیس نمودم.۱۷
18 किंतु मैंने लेवियों को इस्राएल के घराने के हर एक पहिलौठों के स्थान पर ले लिया है.
پس لاویان را به عوض همه نخست زادگان بنی‌اسرائیل گرفتم.۱۸
19 मैंने लेवी वंशजों को इस्राएल के घराने में से अहरोन तथा उसके पुत्रों को भेंट के रूप में दे दिया है कि वे इस्राएल के घराने के लिए मिलनवाले तंबू की सेवा किया करें तथा इस्राएल के घराने के लिए प्रायश्चित करें, कि इस्राएल के घराने पर पवित्र स्थान के निकट आने पर महामारी न आ पड़े.”
و لاویان رااز میان بنی‌اسرائیل به هارون و پسرانش پیشکش دادم تا خدمت بنی‌اسرائیل را در خیمه اجتماع بجا آورند، و بجهت بنی‌اسرائیل کفاره نمایند، وچون بنی‌اسرائیل به قدس نزدیک آیند، وبا به بنی‌اسرائیل عارض نشود.»۱۹
20 फिर मोशेह, अहरोन तथा इस्राएल के घराने की पूरी सभा ने लेवियों के संबंध में यही किया जैसा आदेश याहवेह ने मोशेह को लेवियों के संबंध में दिया था.
پس موسی و هارون و تمامی جماعت بنی‌اسرائیل به لاویان چنین کردند، برحسب هرآنچه خداوند موسی را درباره لاویان امرفرمود، همچنان بنی‌اسرائیل به ایشان عمل نمودند.۲۰
21 दूसरी ओर, लेवियों ने भी स्वयं को अपने पापों से पवित्र किया तथा अपने वस्त्र धो डाले. अहरोन ने उन्हें याहवेह के सामने हिलायी हुई भेंट के रूप में चढ़ाया. अहरोन ने उन्हें शुद्ध करने के उद्देश्य से उनके लिए प्रायश्चित भी किया.
و لاویان برای گناه خود کفاره کرده، رخت خود را شستند، و هارون ایشان را به حضور خداوند هدیه گذرانید، و هارون برای ایشان کفاره نموده، ایشان را تطهیر کرد.۲۱
22 इसके बाद लेवी मिलनवाले तंबू में अहरोन एवं उसके पुत्रों के साथ अपनी-अपनी ठहराई हुई सेवाएं करने के लिए प्रवेश हुए, जैसा कि लेवियों के विषय में मोशेह को याहवेह की आज्ञा थी. यह सब वैसा ही पूरा कर दिया गया.
و بعداز آن لاویان داخل شدند تا در خیمه اجتماع به حضور هارون و پسرانش به خدمت خودبپردازند، و چنانکه خداوند موسی را درباره لاویان امر فرمود، همچنان به ایشان عمل نمودند.۲۲
23 इसके बाद याहवेह ने मोशेह से कहा,
و خداوند موسی را خطاب کرده، گفت:۲۳
24 “लेवी सेवा के लिए यह विधि लागू होगी: पच्चीस वर्ष की आयु से ऊपर वे मिलनवाले तंबू में सेवा प्रारंभ किया करेंगे.
«این است قانون لاویان که از بیست و پنج ساله و بالاتر داخل شوند تا در کار خیمه اجتماع مشغول خدمت بشوند.۲۴
25 पचास वर्ष की अवस्था होने पर वे यह सेवा समाप्‍त कर सेवा निवृत्त हो जाएंगे.
و از پنجاه ساله از کارخدمت بازایستند، و بعد از آن خدمت نکنند.۲۵
26 हां, तब मिलनवाले तंबू में अपने भाइयों की सहायता अवश्य कर सकते हैं ताकि सेवा बिना किसी रुकावट के चलती रहे, किंतु वे स्वयं कोई कार्य नहीं करेंगे.”
لیکن با برادران خود در خیمه اجتماع به نگاهبانی نمودن مشغول شوند، و خدمتی دیگرنکنند. بدین طور با لاویان درباره ودیعت ایشان عمل نما.»۲۶

< गिनती 8 >